बिहार में महावीरी जुलूस के दौरान एक अफ़वाह ने उजाड़े कई आशियाने, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

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बिहार के बगहा में दो पक्षों में हुई उपद्रव के बाद की पूरी रिपोर्ट

संवाददाता: शाहिद बाबा

 

बिहार के पश्चिमी चंपारण ज़िला के बगहा में सोमवार 21 अगस्त  को अचानक दो गुटों के बीच उपद्रव होने की ख़बर सामने आई। ये ख़बर पेट्रोल की तरह चारों तरफ़ फैलती गई और लोगों के दिमाग में कई तरह के सवाल खड़े होने लगे।

आइए जानते हैं कि 21 अगस्त  को वहाँ क्या हुआ, कैसे हुआ, दोनों पक्ष के लोगों का क्या कहना है और अभी वहा स्तिथि कैसी है?

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बगहा में निकाला गया महावीरी जुलूस :

सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था और प्रशासन भी हर जगह मौजूद थी। बगहा में इससे पहले कभी ऐसी घटना सामने नहीं आई थी और यहां हिंदू – मुस्लिम में भी भाईचारा था। इसी वजह से किसी को ऐसा गुमान नहीं था की बगहा में कुछ ऐसी घटना घटित होगी।

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कहा से हुआ विवाद?

स्थानीय लोगों के मुताबिक महावीरी जुलूस बगहा के रत्नमाला से निकाला गया लेकिन जुलूस गांव की एक बड़ी मस्ज़िद तक पहुंचा और वहां जोर-जोर से गाना बजाना शुरू कर दिया साथ ही आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया।

वहां के स्थानीय लोगों का कहना है की  सबसे पहले जिस जगह से ये जुलूस गुजर रहा था वो जाने का रूट था ही नहीं और दूसरा ये कि जैसे ही ये लोग मस्ज़िद के पास पहुंचे तो मस्ज़िद पर झंडा लगाने की कोशिश की और कुछ लोगों ने मस्ज़िद में जाने की भी कोशिश की।

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गांव के लोगों ने उन लोगों को रोकने की कोशिश की जिसके बाद विवाद बढ़ता गया फिर जुलूस के तरफ़ से कुछ लोग आपत्तिजनक कॉमेंट करने लगे और लाठी चलाना शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों पक्ष के तरफ़ से ईट – पत्थर चलने शुरू हो गए।

प्रशासन साथ में थी लेकिन वो ज़्यादा कुछ नहीं कर पाई और मूकदर्शक बन कर देखती रही जिसकी वजह सेदेखते ही देखते ये विवाद बढ़ता गया।

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एक पक्ष के लोग अपने घरों में छुप गए वही दूसरे पक्ष NH -727 पर आ कर तोड़ फोड़ करना शुरू कर किया। दुकानों को तोड़ा गया गाड़ियों के शीशे तोड़े गए और बाइक को आग के हवाले कर दिया गया लेकिन पुलिस कुछ कर नहीं पाई।

जानकारी के मुताबिक जब ये घटना घटित हुई उस वक्त बगहा एसपी किरण कुमार गोरख छुट्टी पर थें। इस घटना में पुलिस समेत कुछ लोग और पत्रकार भी घायल हुए जिनको इलाज़ के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भर्ती कराया गया।

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 मामले पर डीएम ने क्या कहा ?

जैसे ही इसकी जानकारी ज़िला के डीएम दिनेश राय तक पहुंची वो अपने दल-बल के साथ बगहा पहुंचे और मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई तेज़ की और बताया कि इस पूरे मामले में अफ़वाह ज़्यादा है । कही बोला गया की महावीर जी की मूर्ति को तोड़ा गया है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। हम ने सभी जगह का जायज़ा लिया है।

चंपारण के DM, दिनेश राय

कुछ शरारती तत्वों के द्वारा समाज का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है। इनको चिन्हित कर FIR दर्ज़ किया जा रहा है और उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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इस मामले में ज़िले के DIG का बयान.

उपद्रव के अगले दिन DIG जयकांत अपने दल बल के साथ बगहा पहुंचे और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया की जहां तक हमे जानकारी मिली है

चंपारण के DIG, जयकांत

उसके मुताबिक बगहा के रत्नमाला में पहले आपसी किसी बात को लेकर झड़प हुई फिर पथराव शुरू हुए। इस पथराव में पुलिस को भी चोटे आई है।

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दोनों पक्ष के लोगों पर हुई FIR  :

DIG जयकांत ने साफ़ तौर पर निर्देश देते हुए कहा की चाहे कोई भी हो कानून हाथ में लेने वालों पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी। इस उपद्रव के बाद इलाके में 24 अगस्त तक इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था।

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बजरंग दल और RSS पर आरोप :

इस घटना के बाद सिकटा से माले विधायक विरेंद्र कुमार गुप्ता बगहा के रत्नमाला पहुंचे और ज़मीनी स्तर से हक़ीक़त जानने की कोशिश की और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इसके पीछे बजरंग दल और RSS को ज़िम्मेदार ठहराया और इसी के साथ उन्होंने बगहा के चेयरमैन प्रतिनिधि पप्पू गुप्ता पर भी सवाल खड़ा किए।

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उन्होंने कहा की मुठ्ठी भर लोग जो बजरंग दल और RSS से प्रेरित है उन्हे यहां के चेयरमैन द्वारा संरक्षण मिला जिसके बाद ये उपद्रव किया गया।

माले विधायक, विरेंद्र कुमार गुप्ता

साथ हीं उन्होंने ये भी कहा की जब उस रास्ते से जाने का रूट तय नहीं था तो फिर जाने का क्या मतलब बनता है। नागपंचमी पवित्र त्योहार है लेकिन कुछ लोगों को ट्रेनिंग देकर उत्पाद मचाते हैं और बदनाम करने की कोशिश करते हैं। इस मुद्दे को हम विधानसभा में उठाने का काम करेंगे।

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बिहार सरकार पर बीजेपी सांसद हमलावर :

बीजेपी राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र दुबे ने कहा की निर्दोष लोगों को लगातार जेल भेजा जा रहा है। कोई दोषी है तो उस को बक्शा नहीं जाए और सत्ताधारी के इशारों पर किसी को उठाया भी नहीं जाएं। जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच करें।

राज्य सभा सांसद, सतीश चंद्र दुबे

बीजेपी “सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास” के साथ देश चलाने का काम करती है न की तुष्टिकरण की राजनीति मे विश्वास करती है लेकिन मौजूदा सरकार तुष्टिकरण की राजनीति में मशगूल है।

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राजद MLC ने बीजेपी को घेरा :

राजद एमएलसी सौरभ कुमार ने भी घटना स्थल पर जाकर जायज़ा लिया और बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने दलित टाइम्स से बात करते हुए कहा की अभी सब सामान्य है कोई बड़ी बात नहीं है। बीजेपी के लोग दंगा कराते और भड़काते हैं। वोट लेने की बारी आ रही है तो वो लोग ऐसा करेंगे।

राजद MLC, सौरभ कुमार

ये लोग आपसी भाईचारे को दो धर्मों में बांटते हैं। वही कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा की दोनों पक्षों पर बराबर कार्रवाई हो रही है और बीजेपी के लोग गलत बोल रहे हैं।

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दोनों पक्ष के लोगों ने दलित टाइम्स को क्या बताया?

मुस्लिम पक्ष का कहना है की महावीरी जुलूस हर साल तय रूट से शांतिपूर्ण तरीके से निकलती थी लेकिन इस बार जिस रास्ते से जाने का कोई रूट नहीं था उधर से जुलूस को लाया गया और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे लगाए गए।

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मना करने पर उन्होंने लाठियां बरसाई, घर तोड़े और बाइक को आग के हवाले कर दिया। वही हिंदू पक्ष ने दलित टाइम्स से ज़्यादा बात न करते हुए बस इतना कहा की पहले दूसरे पक्ष की तरफ़ से विवाद शुरू किया गया था।

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मामले में अभी तक क्या हुआ?

इस घटना के बाद जिले के डीएम, एसपी और डीआईजी ने खुद फ्लैग मार्च किया  और कई लोगों को हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस लगातार मॉनिटरिंग करती रही। ड्रोन से भी चारों तरफ़ निगरानी की जा रही है और अभी भी लगातार छापेमारी और गिरफ्तारी जारी है।

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पुलिस किसी भी हाल में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती :

अभी तक दोनों पक्षों से 50 से ज़्यादा लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और 400 से अधिक लोग हिरासत में हैं। 1600 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज है। SIT की टीम इस मामले की जांच कर रही है। अभी भी प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है कई जगहों पर प्रशासन तैनात है फिलहाल स्थिति सामान्य है और पूरी तरह से नियंत्रण प्रशासन के काबू में है। फुटेज के जरिए लोगों की गिरफ्तारियां की जा रही हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि बगहा में ऐसी हिंसा इसके पहले कभी नहीं भड़की । जुलूस में जो लोग शामिल हैं वह लोग बाहर से बुलाए गए थे और फिर जाकर यह उपद्रव शुरू हुआ।

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21 अगस्त को उपद्रव के बाद 22 अगस्त को भी कुछ आपत्तिजनक तत्वों द्वारा उपद्रव करने की कोशिश की गई लेकिन डीआईजी डीएम और एसपी की मौजूदगी होने से ये साज़िश नाकाम रही और माहौल को शांत किया गया। आपको बता दें कि जानकारी के मुताबिक बगहा एसपी (SP) किरण कुमार गोरख छुट्टी पर थे लेकिन इस घटना की जानकारी मिलते ही वो रात तक बगहा पहुंच गए और पूरी घटना पर लगातार नज़र बनाएं रहे।

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लोगों की शिकायत

कुछ लोगों का मानना है कि इसमें बहुत से ऐसे लोगों पर FIR किए गए हैं जिनका इससे दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है और उनको जानबूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है। यह लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं की निष्पक्ष जांच हो और निर्दोष लोगों को छोड़ दिया जाए।

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