नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों से पहले बड़ा राजनीतिक दल दो खेमों बट गया है। सत्ता पक्ष यानि एनडीए के साथ है तो दूसरी इंडिया विपक्षीय गठबंधन के साथ है। वहीं अक्सर चर्चा बहुजन समाज पार्टी को लेकर भी हो रही है। क्योंकि बसपा ने न तो कांग्रेस की और हाथ बढ़ाया ना ही भाजपा की औऱ बहुजन समाज पार्टी भी देश के बड़े राजनीतिक दलों में एक मानी जाती है। हांलाकि फिलहाल हुए उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थति काफी कमजोर नजर आ रहीं है।

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लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा तैयार
वही बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को राजधानी में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक की और इस बैठक के बाद उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर चल रहीं सभी खबरों पर रोक लगा दी की बसपा किस तरफ अपना रुख करेगी। बहुजन समाज पार्टी का आज भी देशभर में वोट प्रतिशत काफी सटीक रहा है। उनके साथ दलित, आदिवासी, के वोट ज्यादातर उनके ही पाले में आएं है। इस लिए हर किसी कि निगाह इस पर भी बनी हुई थी।
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बसपा अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि गठबंधन से पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। इसलिए पार्टी अकेले दम पर चुनाव लडे़गी। दरअसल , मायावतीन ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर आयोजित कि गई बैठक में लोकसभा का चुनाव अकेले दम पर लड़ने की तैयारी करने को कहा है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि पहले के चुनाव में पार्टियों से हुए गठबंधन से बसपा को फायदा होने के बजाय नुकसान हुआ। बसपा का वोट गठबंधन करने वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो गया। दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा उम्मीदवार को ट्रांसफर कराने की नीयत सही नहीं रखती हैं। और न ही उनके पास क्षमता है। जिसके कारण पार्टी के लोगों का मनोबल टूट जाता है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हमारी पार्टी सत्ता व विपक्ष दोनों गठबंधनों से अलग और दूर रहती है।

कार्यकर्ताओं को दिया निर्देश
साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने कार्यकर्ताओं से गांव-गांव बैठक कर बसपा का जनाधार बढ़ाने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता पूरे मन,तन धन से लोकसभा चुनाव में जुट जाए। साथ ही पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट की गहन समीक्षा कर मिली कमियों को दूर करने का निर्देश दिया।
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भाजपा कांग्रेस पर कसा तंज
बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की जातिवादी और साम्प्रदायिक राजनीति एवं द्वेषपूर्ण अराजकता से सभी दुखी और त्रस्त हैं। साथ ही कहा कि भाजपा अपना प्रभाव ही नहीं, अपना जनाधार भी लगातार खो रही है। यह प्रक्रिया आगे जारी रहने वाली है। जिससे लोकसभा चुनाव एक तरफा न होकर दिलचस्प व देश की राजनीति को नया करवट देने वाला साबित होगा। साथ ही कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरह भाजपा की कथनी व करनी में जमीन-आसमान का अन्तर है। मायावती ने कहा कि इनके शासन में लोगों की आमदनी अठन्नी जबकि खर्चा रुपया हो गया है। जिसके चलते लोगों को परिवार का पालन-पोषण करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। और इसका आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रभाव दिखाई देगा।
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