समाज की विभिन्न बुराइयों पर चिंतन करने के अलावा, चमकीला दलित आवाज का भी प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा, “उनका लोकप्रिय गीत ‘की जोर गरीबूं […]
श्रेणी: एससी एसटी नायक
अंबेडकर जयंती पर जानिये संविधान और लोकतंत्र के बीच आस्था को ढाल क्यों बनाया जा रहा है?
देश में चुनावी बिगुल बज चुका है और इस चुनावी मौसम में आज हर पार्टी सैद्धांतिक रूप से बाबासाहब भीमराव अंबेडकर की विचारधारा, लोकतंत्र और […]
संविधान निर्माता बाबा साहेब के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदानों को छुपाने की वजह जान रह जायेंगे दंग
बाबासाहेब को गाँधी जी की जान बचाने के लिए पूना पैकट करके अलग मताधिकार के राजनीतिक अधिकार की बलि देनी पड़ी तथा अपने प्रतिनिधि स्वयं […]
हिंदू समाज में फैली कुरीतियों और रूढ़िवादिता के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाने वाले बहुजन हीरो थे महात्मा ज्योतिबा फुले
लंबे समय तक दोहरी मार से घायल हो चुकी महिलाओं का आत्मगौरव और स्वाभिमान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका था और इस दौरान ज्योतिबा […]
महात्मा ज्योतिबा फुले सही मायनों में आधुनिक भारत के राष्ट्रपिता, महिला-दलित उत्थान के लिए लगा दिया पूरा जीवन
जो मनुवादी जातिवादी मानसिकता वाली पार्टियां बहुजन महापुरुषों का जिक्र तक करना पसंद नहीं करती थीं, उनके स्वर्णिम इतिहास को दबाने की कोशिश करते थे, […]
जानिये कौन थे भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने वाले दलित योद्धा शहीद मातादीन वाल्मीकि
मंगल पांडेय ने मातादीन को पानी पिलाने से इंकार कर दिया था और कहा था कि ‘अरे भंगी, मेरा लोटा छूकर तू इसे अपवित्र करेगा […]
बिहार के पहले दलित सांसद किराय मुसहर की दिलचस्प कहानी, ट्रेन के जनरल डिब्बे में फर्श पर बैठ किया था दिल्ली तक का सफ़र-परिवार आज भी बदहाल
“जब मेरे दादा जी चुनाव जीते और दिल्ली जाने लगे तो उनके पास ट्रेन का टिकट कटाने तक के पैसे नहीं थे, तब सोशलिस्ट पार्टी […]
जयंती विशेष : जातिवादियों ने दलित नेता बाबू जगजीवन राम को नहीं बनने दिया था प्रधानमंत्री !
Babu jagjivan ram birth anniversary: भारतीय राजनीति में अक्सर एक सवाल ज़ोर पकड़ता है। सवाल ये की भारत को आज़ाद हुए 76 साल हो चुके […]
पाकिस्तान में हिंदू दलित महिला कृष्णा कुमारी ने लहराया परचम, अपने समुदाय की पहली ग्रेजुएट महिला बनकर रचा इतिहास
कृष्णा कुमारी ने ज़ोर जबरदस्ती से धर्म बदलवाने के जुर्म करार देने के कानून पर भी काम किया। लेकिन सीनेट में धार्मिक गुरुओं की कट्टरता […]
3 दशक बाद जेएनयू को मिला दलित छात्रसंघ अध्यक्ष, जानिये बिहार के लाल धनंजय के बारे में सबकुछ
“आज इस देश के संविधान को बचाने की बहुत बड़ी जरूरत है. हम देखते हैं कि इस देश का छात्र अपने मूलभूत पढ़ाई के लिए […]