भारत में निजीकरण की प्रक्रिया को लेकर विभिन्न प्रकार की बहसें होती रही हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में यह प्रक्रिया तेजी से […]
श्रेणी: विमर्श
Dalit Times Exclusive Editorial Articles from various renouned intellectuals,social workers and guest writers.
बुरा न मानो, होली है कहकर रंगों की आड़ में हो रहा स्त्री अस्मिता का हनन !
होली को रंग, उमंग और भाईचारे का त्योहार कहा जाता है, लेकिन क्या यह वास्तव में सभी के लिए समान रूप से आनंददायक और सुरक्षित […]
क्या कभी ब्राह्म्ण, ठाकुर, बनिया या यादव दूल्हे की बारात रोकी गई या कभी इनको घोड़ी से उतारा गया ?
क्या कभी आपने ये सुना हो कि किसी ब्राह्म्ण, क्षत्रिए, वैश्य, ठाकुर, राजपूत, यादव या किसी अन्य तथाकथित उंची जाति के दूल्हे की बारात रोकी […]
महाराष्ट्र में दलितों का संघर्ष, जेब में मात्र 70 रूपए, 150km पैदल चले, पीड़ित बोले, “हमारे पास पैसा नहीं है लेकिन सच है !”
कोई कितना भी गरीब क्यों ना हो वो रोटी, कपड़े और मकान का जुगाड़ कर ही लेगा लेकिन बात जब न्याय की आएगी न तो […]
छुआछूत एक मानिसक बिमारी है ?
आज समाज के अनेक लोगो ने समय के साथ अपने मन मस्तिष्क मेसे जातिगत भेदभाव का शथिलिकरण किया है परंतु अधिकांश लोगो ने सुविधा व […]
मैला ढोने की अमानवीय प्रथा: भारतीय समाज, राजनीति और नीति की विफलता
2019 में सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की नगरपालिकाएँ और पंचायतें स्वयं 54,098 सफाई कर्मचारियों को मैला ढोने के लिए नियुक्त […]
BHU में इस तरह मनाई गई संत गुरु रविदास जी की जयंती, रविदास के शिक्षाओं पर छात्रों ने बनाई चित्रकला !
“मन चंगा तो कठौती में गंगा” कहने वाले बनारस के महान संत रैदास ने आडंबर और जातिगत उत्पीड़न का जमकर विरोध किया था। आज उन्हीं […]
राजनीतिक पार्टियों के लिए सिर्फ एक मोहरा बन कर क्यों रह जाते हैं दलित ?
भारत में लोकतंत्र की नींव विविधता और सभी वर्गों के समान मताधिकार पर आधारित है। इसमें दलित समाज, जो भारतीय जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण और […]
केजरीवाल का कबूलनामा: “मैं तीन वादे पूरे नहीं कर सका…”, नई डेडलाइन या गुमराह करने की कोशिश?
अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया कि उन्होंने दिल्ली में तीन बड़े वादे – यमुना की सफाई, स्वच्छ पेयजल, और सड़कों को यूरोपीय मानक का बनाना […]
दिल्ली चुनाव 2025: बहुजन राजनीति के सारथी – श्री आकाश आनंद
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की बागडोर युवा […]