बलरामपुर की पीड़ित दलित माँ ने कहा, “हमें न्याय नहीं मिला, तो हम भी आत्महत्या कर लेंगे”

Share News:

आज सुबह योगी आदित्यनाथ ऑफिशियल नाम के अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट की गई है। जिसमें सीएम योगी पीड़ितो की समस्याएं सुनते हुई दिख रहे है। लेकिन यूपी के बलरामपुर की इस दलित मां की चीखे क्या सीएम योगी को सुनाई नहीं दे रही है। इस रोती विलखती मां का और इस परिवार का क्या कसूर है जो ये अपने जवान बेटे को खोने का दर्द हर पल महसूस कर रहे है। सीएम योगी आदित्यनाथ का उत्तरप्रदेश दलितों की कब्रगाह क्यों बनता जा रहा है।

 

यह भी पढ़े : मध्यप्रदेश में दलित अत्याचार की वो घटनाएं जो प्रशासन पर सवाल खड़े करती है

ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे है क्योंकि यूपी से फिर एक बार दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मंगलवार 24 अक्टूबर को जहाँ देश भर में दशहरा मानाया जा रहा था। रावण का पुतला फूंका जा रहा था वहीं यूपी के बलरापुर में एक दलित ने खुद को थाने के सामने आग के हवाले कर दिया। ये पूरा मामला 24 अक्टूबर का बताया जा रहा है जहाँ प्रशासन की अनदेखी और योगी सरकार से मदद ना मिलने से नाराज़ दलित युवक ने थाने के सामने आत्मदाह कर लिया।

 

तस्वीर राम बुझारत की है जिसने थाने के सामने पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह किया

 

यह भी पढ़े : अशोक विजय दशमी के बारे में क्या यह बात जानते हैं आप?

प्रशासन की अनदेखी, दलित की आत्महत्या :

पीड़ित ने यह कदम उठाने से पहले फेसबुक पर लाइव किया था और अपनी सारी समस्या उस लाइव में बताई थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
युवक ने कहा, “मैं सीएम योगी तक से मिल चुका हूं। इसके बावजूद मेरी जमीन का कब्जा खाली नहीं किया गया। अब मेरे पास मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।”

यह भी पढ़े : यूपी: दलितों को लेकर किये जाने वाले दावे और वादे ठंडे बस्ते में क्यों रह जाते है ?

उसने कहा, “शासन-प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। मैं गुहार लगाते-लगाते थक गया। इसके बावजूद मेरा काम नहीं हुआ। मेरी जमीन पर लोग कब्जा किए हुए हैं। मेरी जमीन पर पुलिस का अन-आवासीय परिसर बनाया जा रहा है।” इसके साथ ही उसने जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को भी दिखाया।

यह भी पढ़े : हंटर कमिशन से शिक्षा और नौकिरयों में आरक्षण की मांग के पीछे महात्मा फुले ने क्या तर्क दिया था ? पढ़िए   

पीड़ित दलित मां का दर्द सुनिए :

अब जरा उस मां के दर्द को भी सुनिए जो बेटे के गम मे रो-रोकर बदहवास है। युवक की मां विमला देवी ने कहा “मेरा बेटा सोमवार को थाने गया था। उसने कहा था कि यह मेरी जमीन है। लेकिन उसे वहां थाने में बैठाकर रखा गया। बाद में उसे छोड़ा गया। उसने सभी अधिकारियों की चौखट पर चक्कर काटे। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई । ”

 

पुलिस को दिया गया प्रार्थना पत्र

 

विमला देवी ने कहा, “हमारी जमीन पर पुलिस का क्वार्टर बन रहा है। गांव के प्रधान, लेखपाल को सब मालूम है कि जमीन किसकी है। लेकिन वो लोग भी इस पर अपनी मनमानी चलाते रहे। हमारा घर देखिए, हम कैसे रह रहे हैं, वो किसी को नहीं दिखता। मेरा बेटा सीएम के पास तक गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

यह भी पढ़े : आंध्रप्रदेश: बेटे के शव को 40 किलोमीटर दूर मोटरसाइक पर ले गया दलित किसान, नहीं मिला शव वाहन

राम बुझारत की मां ने आगे कहा, “सोमवार को ही वहां जमीन पर गड्ढा खोदा गया और पिलर खड़े किए गए । इसके बाद मेरा बेटा बहुत दुखी हो गया। उसने उस दिन खाना तक नहीं खाया। फिर वो प्रार्थना पत्र लेकर थाने गया था। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं सुना। वो रात में भी बिना किसी से बात किए सो गया । ”
विमला देवी आगे कहती हैं कि मेरा बेटा न्याय के लिए पुलिस के पास गया था लेकिन पुलिस ने उल्टा उसे थाने में बैठाकर रखा। अब उसने खुद को आग लगा ली है। हमें न्याय नहीं मिला, तो हम भी आत्महत्या कर लेंगे।”

यह भी पढ़े : Rajasthan Election 2023 : चुनावों से ठीक पहले BSP सुप्रीमो मायावती ने संभाली कमान राजस्थान में करेंगी जनसभाएं

यह पूरी घटना मंगलवार को बलरामपुर के गैंडास बुजुर्ग थाने के सामने घटी। पीड़ित दलित परिवार दोबाहा गांव का रहने वाला है। में आनन-फानन में पुलिस ने राम बुझारत को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बहराइच रेफर कर दिया गया। फिलहाल दलित युवक के आत्मदाह के मामले के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। पुलिस जांच पड़ताल में कर रही है

 

जमीन पर लगे बोर्ड को देखिए

पीड़ित के भाई ने क्या बताया ?

राम बुझारत के भाई राम उजागर ने कहा, “हमारे भैया सीएम योगी से दो बार मिल चुके हैं। गोरखपुर और लखनऊ भी गए थे। वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। दिनेश पटवारी और राजेश प्रधान हमारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। यहां की पुलिस भी हम लोगों की कुछ नहीं सुनती है। उन्होंने मामले को दबा दिया है। जबरन हमारी जमीन में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।”

राम उजागर ने कहा, “आज ही हमारी जमीन पर दो पिलर बनाए गए हैं। बताया जा रहा है कि वहां पुलिस वालों के लिए आवास बनेगा। बताइए हम गरीब आदमी हैं। हमारी जमीन पर ऐसा क्यों हो रहा है। जबरन कब्जा किया गया है। अगर हमारी जमीन नहीं मिली, तो हम भी आत्महत्या कर लेंगे।”

यह भी पढ़े : पानी लेने गई दलित बच्ची के साथ पुजारी की अभद्रता, जातिसूचक गालियाँ देकर भगाया

थाने परिसर का बनाया जा रहा गेट पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में राम बुझारत के भाई राम उजागर ने लिखा, “मैं रामराज गैंडास बुजुर्ग के पुरवा धोबहा, उतरौला जनपद बलरामपुर का रहने वाला हूं। गैंडास बुजुर्ग में गारा संख्या 2375 रकबा 0.127 हे. मैं और राम बुझारत और जमुना प्रसाद आदि सह खातेदार हैं।

 

पीड़ित की जमीन

निर्माणाधीन थाना गैंडास बुजुर्ग परिसर के गेट की भूमि लगभग 60 फीट रोड साइड का हम सह खतेदारों की है। इस पर थाना परिसर का गेट कल 23 अक्टूबर बनाया जा रहा है। इसको लेकर काम रुकवाने का प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसके बावजूद निर्माण कार्य नहीं रोका गया। है। इससे क्षुब्ध होकर राम बुझारत ने सुसाइड की कोशिश की है।”

यह भी पढ़े : यूपी : जालौन में दलित महिला की हत्या मामले में परिवार को 5 साल बाद मिला न्याय

एसपी बोले- जांच-पड़ताल जारी

इस मामले में SP केशव कुमार ने कहा, “गैंडास बुजुर्ग में राम बुझारत ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस ने तत्काल उन्हें लखनऊ के बॉर्न वार्ड में भर्ती करवाया है। राम बुझारत ने सोमवार को थाने में एक प्रार्थना पत्र दिया था।

इस प्रार्थना पत्र के आधार पर मामले को पुलिस हल्का प्रभारी एवं लेखपाल को प्रेषित किया गया था। इस मामले की जांच अपर जिलाधिकारी एवं अपर पुलिस अधीक्षक की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है । इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा। कठोर कार्यवाही की जाएगी।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *