छेद्दू चमार का पर्चा खारिज, उन्होंने रो रोकर केशव प्रसाद मौर्या और डीएम को ठहराया जिम्मेदार

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कौशांबी में दलित प्रत्याशी छेद्दु का सिर्फ अपमान और पर्चा रद्द नहीं हुआ, बल्कि लोकतंत्र की खुलेआम हत्या की गई है। अफसोसजनक है कि देश मूकदर्शक बना हुआ है, शर्मनाक…

Independent Dalit candidate Cheddu Chamar Nomination Cancel : सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में से एक का नाम था छेद्दू चमार, जो आज घर—घर में अपने वीडियो के कारण पॉपुलर हो चुके हैं। यूपी के कौशाम्बी से इस दलित प्रत्याशी ने पर्चा दाखिल किया था। इनके पॉपुलर होने का कारण है पुलिस द्वारा इनके साथ की गयी बदसलूकी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। अब आज इनका पर्चा खारिज कर दिया गया है, जिसके बाद ये रो-रोकर अपनी तकलीफ बता रहे हैं, वह वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है।

दलित जाति से ताल्लुक रखने वाले छेद्दू चमार ने कौशांबी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार बनकर नामांकन दाखिल किया था। अपना पर्चा खारिज होने से आहत छेददू चमार ने डिप्टी सीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छेद्दू आरोप लगाते हैं कि 11 बार चुनाव लड़ने के चलते उसे नामांकन में दाखिल करने वाले सारे कागज उन्हें जुबानी याद हैं। धक्का-मुक्की और बदसूलूकी ने छेद्दू चमार को इतना पॉपुलर बना दिया कि बीजेपी उम्मीदवार के साथ आए डिप्टी सीएम ने हार के डर से उन्हें चुनावी मैदान से हटा दिया।

पर्चा खारिज करने को वह अपने साथ नाइंसाफ़ी करार देते हुए कहते हैं, वह इसकी शिकायत करने कहीं नहीं जायेंगे। उनका न्याय अब देवता (दैव) करेंगे। वह नारायण के भरोसे हैं। उन्हें मौका नहीं दिया गया। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सांसद विनोद सोनकर और डीएम को जिम्मेदार ठहराते हुए वह कहते हैं हार के डर से साजिशन उनका पर्चा खारिज करवाया गया है।

सिराथू तहसील के तैबापुर गांव के रहने वाला छेददू चमार का छाती पीट-पीटकर रोने वाला वीडियो शेयर करते हुए भोजपुरी लोकगायिका नेहा सिंह राठौर अपने एक्स एकाउंट पर लिखती हैं, ‘निर्दलीय दलित प्रत्याशी छेद्दू जी का नामांकन ख़ारिज कर दिया गया है। दो दिन पहले इनके साथ नामांकन के दौरान पुलिस ने बदसलूकी की थी।’

ट्राइबल आर्मी एक्स हैंडल ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘कौशांबी में निर्दलीय दलित प्रत्याशी छेद्दु चमार जब नामांकन करने पहुंचा तो पहले उन्हें अपमानित करके धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया और अब उनके पर्चा को तानाशाहीपूर्ण रवैये से रद्द कर दिया गया। आख़िर छेद्दू चमार से इतना डर क्यों? छेद्दू चमार जी को सीओ सतेंद्र तिवारी ने नामांकन के दिन औकात बताते हुए धकेलकर बाहर निकाल दिया था। आज उनका पर्चा भी खारिज कर दिया गया। 11 चुनाव लड़ चुके छेद्दू ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर उनका पर्चा खारिज किया गया है।’

गौरतलब है कि छेद्दू चमार को आजाद समाज पार्टी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी समर्थन देने का ऐलान कर दिया था, इसके अलावा कई अन्य क्षेत्रीय दलों ने उन्हें समर्थन देने का फैसला किया था, मगर जिस तरह से उनका पर्चा खारिज कर दिया गया है, उससे कहीं न कहीं भाजपा का डर साफ नजर आता है।

हंसराज मीणा लिखते हैं, ‘कौशांबी में दलित प्रत्याशी छेद्दु का सिर्फ अपमान और पर्चा रद्द नहीं हुआ, बल्कि लोकतंत्र की खुलेआम हत्या की गई है। अफसोसजनक है कि देश मूकदर्शक बना हुआ है। शर्मनाक।’

रक्षा नाम के एक्स हैंडल ने लिखा है, ‘कौशांबी में छेद्दू चमार का पर्चा खारिज कर दिया गया। इसके पहले वह 11 चुनाव लड़ चुके हैं। छेद्दू का कहना है कि उनका पर्चा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, सांसद विनोद सोनकर ने जानबूझकर खारिज करवा दिया।’

किशन मेघवाल छेद्दू चमार का पर्चा खारिज करने का विरोध करते हुए लिखते हैं, ‘कौशांबी के निर्दलीय उम्मीदवार छेददू चमार का पर्चा खारिज हो गया है, ये वही छेददू हैं, जिन्हें 2 मई को नामांकन के बाद CO सतेंद्र तिवारी ने कलेक्ट्रेट से धक्के मारकर भगाया था, आज पर्चा खारिज होने के बाद छेददू गंभीर आरोप लगा रहे हैं।’

 

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