लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं वैसे-वैसे उम्मीदवारों की रैलियां और जनसभाएं तेज हो गयी है। लेकिन इस बीच बहुजन समाज पार्टी की लालगंज सीट से प्रत्याशी इंदु चौधरी बहुत ज्यादा चर्चा में हैं। इंदु चौधरी जिनमें जनता को कहीं न कहीं BSP सुप्रीमो मायावती की छवि दिखाई दे रही है क्योंकि वह अपनी हर एक जनसभा में जमीन पर जाकर लोगो से दिल से जुड़ने की कोशिश कर रही हैं।
कौन हैं इंदु चौधरी :
BSP सुप्रीमो मायावती ने इस बार लोकसभा चुनावों में यूपी की लालगंज सीट से इंदु चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। साल 2019 में लालगंज की यह सीट बसपा के खाते में ही गयी थी लेकिन इस सीट से जीत दर्ज करने वाली संगीता आजाद पिछले महिने ही बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गयी। जिसके बाद मायावती ने इस सीट के लिए इंदु चौधरी पर भरोसा जताया है। इंदु चौधरी लगातार डोर टू डोर कैंपेनिंग कर रही हैं। बता दें कि दलित समाज से आने वाली इंदु चौधरी पिछले एक दशक से बसपा की विचारधारा पर काम कर रही हैं।
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लखनऊ की गलियों में बीता बचपन :
लालगंज से बीएसपी की उम्मीदवार इंदु चौधरी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu university) के अंग्रेजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर रह चुकीं हैं। इंदु चौधरी का जन्म अंबेडकर नगर जिले के निकस पुर गांव में हुआ था और उनका बचपन यूपी की राजधानी लखनऊ की रेलवे कॉलोनी में बीता, जहां उनके पिता काम करते थे। फिलहाल वह अंबेडकरनगर के राजे सुल्तान में रहती हैं। वहीं उनके पति इंजीनियर महेंद्र प्रताप सिंह इटावा के रहने वाले हैं।
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BHU में अंग्रेजी पढ़ाती है:
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंदु चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा इंटरमीडिएट स्तर तक एक पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए, बीएड, एमए और पीएचडी की डिग्री ली। डॉक्टरेट करते समय उन्हें सैनिक स्कूल में अंग्रेजी शिक्षिका के पद के लिए चुना गया था। इस स्कूल में उन्होंने दो साल तक सेवा दी और इसके बाद उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया। जहां वह अंग्रेजी विभाग में पढ़ाती थी।
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कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं :
बता दें कि इंदु के परिवार में कोई भी राजनीति में नहीं रहा है। अपने परिवार से इंदु चौधरी पहली नेता हैं जो राजनीति में आई हैं। और इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण हैं बीएसपी की विचारधारा से इंदु चौधरी का लगाव। वह कहती हैं, ”मैं बहुजन समुदाय के हित में काम करते हुए मायावती और कांशीराम के मिशन को जारी रखूंगी, जैसा कि मैं एक दशक से अधिक समय से करती आ रही हूं.”
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अंबेडकर, कांशीराम और मायावती के आदर्शों को मानती है इंदु :
गौरतलब है कि जैसे इंदु चौधरी ने अपने शैक्षणिक कर्तव्यों को निभाती आ रही हैं वैसे ही उन्होंने सामाजिक न्याय की आवाज को बुलंद करने में सक्रिय भूमिका निभाई हैं। बहुजन नेताओं के संघर्षों को लेकर वह हमेशा मुखर रही हैं। उन्होंने हमेशा बी.आर. अंबेडकर, कांशीराम और मायावती के आदर्शों और दृष्टिकोणों पर जोर दिया है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और बहुजन मिशन के लिए समर्थन जुटाना है। बसपा से टिकट फाइनल होने के बाद उन्होंने कहा, “बहुजन आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए मैं कड़ी मेहनत करूंगी और ऐसा करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता। मुझे यह मौका देने के लिए मैं बसपा अध्यक्ष की आभारी हूं।“
24 कैरेट गोल्ड हैं बहनजी :
इंदु चौधरी लगातार जमीनी स्तर पर जाकर लोगों को संबोधित कर रही है। जिसका वीडियो और जानकारी वह लगातार अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर शेयर कर रही हैं। उनकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा शेयर की गयी थी । जिसमें वह बीएसपी सुप्रीमो मायावती को 24 कैरेट गोल्ड कहती नजर आई। उन्होंने कहा था कि, “बहनजी चौबीस कैरेट गोल्ड है जो अपनी चमक से समाज को रोशन कर रहीं हैं।“ मायावती को लेकर फैल रही अनेक भ्रांतियों को भी उन्होंने समाज में जाकर लोगों के बीच तोड़ा हैं और उन्हें सच से रूबरू करवाया हैं।
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बहुजन मिशन को आगे बढ़ाने के लिए मिला सम्मान :
भारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से पहली बार चुनाव लड़ रहीं इंदु चौधरी को बहुजन मिशन को आगे बढ़ाने के लिए सम्मानित किया जा चुका है। गौरतलब हैं कि, “ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में डॉ इंदु चौधरी लंबे समय से बहुजन मूवमेंट के कार्यों से जुड़ी रही हैं। पूर्वांचल के जिलों में वे संविधान के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ बहुजन मिशन को आगे बढ़ाने में लगी रहीं। उन्हें सामाजिक जागरूकता के कार्यों के लिए सावित्रीबाई फुले इंटरनेशनल अवार्ड भी मिल चुका है।
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