Maharashtra government schemes for Dalits : महाराष्ट्र सरकार की वो योजनायें जिन्होंने बदल दी दलित समाज की जिंदगी

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महाराष्ट्र में 10 फीसदी से भी ज्यादा दलित आबादी है और दलित मुक्ति आंदोलन का गढ़ रहा यह राज्य वैसे भी तमाम बड़े दलित आंदोलनों के लिए चर्चित रहा है, ऐसे में हमेशा से सरकारों की प्राथमिकता में दलित-बहुजन वोटर हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में लोकसभा की 15 सीटों पर दलित वोटर्स कैंडिडेट का भविष्य तय करते हैं, इसलिए दलित कल्याणकारी योजनाओं पर हर सरकार का फोकस रहता है…

महाराष्ट्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बता रही हैं प्रेमा नेगी

Maharashtra government schemes for Dalits : लोकसभा चुनावों में अब मात्र कुछ ही दिन का समय शेष बच गया है। हर पार्टी अपने कामों और नये लोक-लुभावन वादों-दावों के साथ चुनावी मैदान में है। दलितों-पिछड़ों-अल्पसंख्यकों का एक बहुत बड़ा वोट बैंक है, जाहिर तौर पर हर पार्टी की प्राथमिकता में यह वर्ग है। हालांकि केंद्र समेत तमाम राज्य सरकारों की तमाम ऐसी योजनायें हैं, जिनसे यह वर्ग सबसे ज्यादा लाभ उठाता है।

बात करें महाराष्ट्र की तो वहां लगभग 10 फीसदी से भी ज्यादा दलित आबादी है और दलित मुक्ति आंदोलन का गढ़ रहा यह राज्य वैसे भी तमाम बड़े दलित आंदोलनों के लिए चर्चित रहा है। ऐसे में हमेशा से सरकारों की प्राथमिकता में दलित-बहुजन वोटर हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में लोकसभा की 15 सीटों पर दलित वोटर्स, कैंडिडेट का भविष्य तय करते हैं। महाराष्ट्र से ही चर्चित दलित पैंथर आंदोलन की शुरुआत भी हुई थी। 70 के दशक में इस आंदोलन ने दलितों और मज़दूरों को आवाज़ दी। दलित पैंथर्स ने दमनकारी जाति व्यवस्था के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और उन्होंने “हरिजन” और “अछूत” जैसे वाक्यांशों के स्थान पर “दलित” नाम को लोकप्रिय बनाया था।

आइये जानते हैं इस समय राज्य में सत्तासीन भाजपा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राज में कौन सी ऐसी योजनायें हैं, जिनका ज्यादा से ज्यादा लाभ बहुजनों-दलितों को मिल रहा है।

महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना
सभी राशन कार्डधारकों तक बेहतर चिकित्सा सुविधा मुफ्त पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (एमजेपीजेएवाई) की शुरुआत की थी। इस स्वास्थ्य देखभाल योजना का प्राथमिक उद्देश्य समाज के वंचित और कमजोर वर्गों को मुफ्त चिकित्सा देखभाल तक पहुंच प्रदान करना है। यानी यहां भी सरकार का लक्ष्य गरीबों—पिछड़ों—वंचितों—दलितों—दमितों को अच्छा और बेहतर इलाज मुफ्त में उपलब्ध कराना है, जिससे कि वह बेमौत न मारे जायें।

लाभार्थियों की तीन व्यापक श्रेणियां इस योजना के तहत कवरेज के लिए पात्र हैं। पहली श्रेणी (श्रेणी ए) में वे परिवार शामिल हैं, जिनके पास महाराष्ट्र सरकार के नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किए गए कुछ प्रकार के राशन कार्ड हैं। विशेष रूप से इसमें पीले राशन कार्ड, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) कार्ड, अन्नपूर्णा कार्ड, या नारंगी राशन कार्ड (1 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए) वाले परिवारों को शामिल किया गया है।

दूसरी श्रेणी (श्रेणी बी) में महाराष्ट्र के 14 कृषि संकटग्रस्त जिलों के किसानों और कृषि श्रमिकों को शामिल किया गया है। ये विशेष जिले हैं औरंगाबाद, जालना, बीड, परभणी, हिंगोली, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद, अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वाशिम, यवतमाल और वर्धा। इन जिलों में केवल सफेद राशन कार्ड रखने वाले परिवार ही इस किसान श्रेणी के तहत पात्र हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।

तीसरी श्रेणी (श्रेणी सी) विभिन्न लाभार्थियों के लिए है, इसमें सरकारी अनाथालयों में रहने वाले बच्चे, सरकारी आश्रम स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र, सरकारी महिला आश्रमों में आश्रय लेने वाली महिला कैदी, सरकारी नर्सिंग होम में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक, पत्रकार और उनके आश्रित परिवार शामिल हैं। डीजीआईपीआर विभाग और अंत में निर्माण श्रमिकों को उनके परिवार के सदस्यों के साथ महाराष्ट्र भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत किया गया है।

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कवरेज में 30 विशेष श्रेणियों में लगभग 971 उपचार/सर्जरी/प्रक्रियाएं और 121 अनुवर्ती पैकेज शामिल किये गये हैं। आर्थोपेडिक सर्जरी और प्रक्रियाएं, सामान्य सर्जरी, ईएनटी सर्जरी, स्त्री रोग और प्रसूति सर्जरी, कार्डियक और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, नेत्र विज्ञान सर्जरी, बाल चिकित्सा सर्जरी, विकिरण सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी आदि इसमें शामिल हैं।

यह योजना लाभार्थी के अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित सभी खर्चों को पूरा करने के लिए रुपये तक की कवरेज प्रदान करती है। स्वास्थ्य कार्ड या वैध नारंगी/पीला राशन कार्ड के माध्यम से कैशलेस आधार पर पैकेज दरों के अधीन किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में प्रति परिवार प्रतिवर्ष 1,50,000/- रुपये यह लाभ परिवार के प्रत्येक सदस्य को फ्लोटर आधार पर यानी कुल वार्षिक कवरेज 1.5 लाख रुपये का लाभ एक व्यक्ति या परिवार के सभी सदस्य सामूहिक रूप से उठा सकते हैं। रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी के मामले में 1 वर्ष की अवधि के लिए इम्यूनोसप्रेसिव थेरेपी की आवश्यकता होती है तो रीनल ट्रांसप्लांट के लिए ऊपरी सीमा भी होगी। इस प्रक्रिया के लिए विशेष रूप से असाधारण पैकेज के रूप में प्रति ऑपरेशन 2,50,000 रुपये मामले बहुत कम होने की संभावना है और मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 द्वारा अच्छी तरह से नियंत्रित किया जाता है। इससे संबंधित दावों का निपटान बीमाकर्ता द्वारा किया जाना है। लाभार्थी परिवारों के लिए योजना के तहत बीमा कवरेज पॉलिसी शुरू होने की तारीख से एक वर्ष की प्रारंभिक अवधि के लिए लागू होगा। अस्पताल में भर्ती होने के बाद परामर्श और दवाएं डिस्चार्ज की तारीख से 10 दिनों तक कवर की जाती हैं।

महाराष्ट्र यशवंतराव चव्हाण मुक्त वसाहत योजना
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. दीपावली के पूर्व ही जिले के 552 घुमंतू व विमुक्त जाति के लाभार्थियों को शासन ने आशियाने देने का तोहफा दिया है। यशवंतराव चव्हाण मुक्त वसाहत योजना के तहत जिले के उपरोक्त लाभार्थियाे के आशियाने निर्माण के लिए 6 करोड़ 62 लाख 40 हजार रुपए संबंधित विभाग के खजाने में जमा कर दिया है। बता दें कि जिले में घुमंतू व विमुक्त जाति के हजारों परिवार निवास करते हैं लेकिन अधिकांश इन परिवारों के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है। जिस तरह से ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी तथा सामान्य परिवारो के जरूरतमंद लाभार्थियों के लिए प्रधानमंत्री, सबरी, रमाई व मोदी आवास योजना संचालित की गई है इसी तर्ज पर शासन ने घुमंतू व विमुक्त जाति के जरूरतमंद लाभार्थियों के लिए यशवंतराव चव्हाण मुक्त वसाहत योजना शुरू की है।

महाराष्ट्र आपला दवाखाना योजना
एकनाथ शिंदे सरकार ने मुंबई सहित पूरे राज्य में ‘बाला साहेब ठाकरे आप दवाखाना’ योजना शुरू की है। इस योजना के तहत महाराष्ट्र में 700 क्लीनिक शुरू करने की बात कही है। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी को मुंबई में ऐसे 20 अस्पतालों का उद्घाटन किया था। इससे पहले अक्टूबर 2022 में मुंबई में कुल 52 जगहों पर ‘आपला दवाखाना’ के तहत स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं।

‘बाला साहेब ठाकरे आपला दवाखाना’ मुंबई नगर निगम और शिंदे सरकार की एक नई स्वास्थ्य योजना है। खबरों के मुताबिक वर्तमान में ठाणे और मुंबई शहरों में ऐसे क्लीनिक के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं। शिंदे सरकार ने वादा किया है कि आने वाले समय में राज्यभर में ऐसे 700 क्लीनिक शुरू किए जाएंगे। इसके समाधान के लिए नगर निगम का लक्ष्य है कि प्रत्येक 25 से 30 हजार बस्तियों पर आपला दवाखाना हो। मुंबई नगर निगम के बजट में इस योजना के लिए वित्तीय धनराशि स्वीकृत की गई थी। नवंबर 2022 में करीब 52 एपीए क्लीनिक सेंटर का भी उद्घाटन किया गया और मुंबई में अब तक कुल ऐसे क्लिनिकों की शुरुआत भी हो चुकी है। कुछ लोगों ने इस योजना को दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक की कॉपी भी बताया था।

इस योजना के तहत महाराष्ट्र प्रशासन की 25 हजार से 30 हजार की सामान्य आबादी के लिए 1 अस्पताल शुरू करने की योजना है। ये क्लीनिक सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे। नगर निगम के चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक उनके क्लीनिक में 147 प्रकार के विभिन्न चिकित्सकीय परीक्षण नि:शुल्क किये जायेंगे। पोर्टकैबिन्स में कुछ स्थानों पर प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक स्थापित किए जाएंगे। नगर पालिका का यह भी कहना है कि पॉलीक्लिनिक में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा सलाह और इलाज मुहैया कराया जाएगा। नगर निगम के डायग्नोस्टिक सेंटर में सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे आदि टेस्ट किए जाएंगे। आपला दवाखाना में संविदा के आधार पर एक चिकित्सा अधिकारी, एक नर्स, एक फार्मासिस्ट व एक हेल्पर की नियुक्ति की जान थी, जिसके लिये नगर पालिका द्वारा विज्ञापन भी निकाले गये। प्रशासन का दावा है कि इन दवाखानों में कान-नाक-गला विशेषज्ञ (ईएनटी), नेत्र रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, चिकित्सा परीक्षक, फिजियोथेरेपिस्ट, त्वचा विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, बाल रोग विशेषज्ञ जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं पॉलीक्लिनिक के माध्यम से प्रदान की जाएंगी। सरकार का दावा है कि मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में एसटी स्टेशन के पास यानी दलित—पिछड़े समाज के गरीब तबके की नजदीक में ‘आपला दवाखाना’ शुरू करना प्राथमिकता में है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर बड़े पैमाने पर झुग्गी-झोपड़ियों और इलाकों में क्लीनिक खोले जाते हैं और स्थानीय लोगों को रोजाना स्वास्थ्य सुविधा मिलती है तो वे मतदाता भाजपा की तरफ आकर्षित होंगे और दलितों का एक बड़ा वोटबैंक उसके साथ होगा।

महाराष्ट्र माता सुरक्षित तार घर सुरक्षित अभियान
महाराष्ट्र सरकार ने साल 2022 में महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए ‘माता सुरक्षित तार घर सुरक्षित अभियान’ की शुरूआत की थी। इस अभियान के तहत, विभिन्न रक्त और रेडियोलॉजिकल जांच, दंत चिकित्सा देखभाल और उपचार की सुविधा दी जाती है। सरकार की इस योजना से राज्य में 18 साल से ज़्यादा उम्र की सभी गर्भवती महिलाओं और अन्य महिलाओं की अच्छी तरह चिकित्सकीय जांच की जाती है। नवरात्रि के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग इस अभियान को चलाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलायें इसका लाभ उठा पायें।

इस अभियान के तहत महाराष्ट्र चार करोड़ 66 लाख 67 हज़ार 555 महिलाओं ने अपना नाम दर्ज कराया था, जिनमें से तीन करोड़ 44 लाख 42 हज़ार 551 महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई। ग्रामीण और ज़िला स्तर पर सर्वाधिक 77.2 प्रतिशत महिलाओं की स्वास्थ्य जांच हुई तो शहरी क्षेत्र में महापालिकाओं में 66.8 प्रतिशत महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गयी। इस अभियान के तहत महाराष्ट्र की 4 करोड़ महिलाओं और लड़कियों को स्वास्थ्य जांच सुविधाएं और दवा सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य सरकार द्वारा रखा गया है। सरकार का दावा है कि यह अभियान महिला सुरक्षा की दिशा में बेहतरीन उपलब्धि है।

चूंकि महिलायें हर घर का केंद्रबिंदु होती हैं इसलिए और जिम्मेदारियां निभाते-निभाते वह खुद के स्वास्थ्य की अवहेलना करती हैं, जिस कारण गंभीर रोगों की चपेट में आ जाती हैं। इस अभियान के माध्यम से खासतौर पर घरेलू महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच की जाती है।

महाराष्ट्र आदिम आवास योजना
महाराष्ट्र आदिम आवास योजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर बनायी गयी है। सरकार का दावा भी है कि यह योजना खासतौर पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति या आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए लायी गयी है। जनजातीय विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना को ‘आदिम जमाती घरकुल योजना’ के नाम से भी जाना जाता है। बिना घर वाले या कच्चे घर में रहने वाले आदिवासी परिवार योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन योजना के तहत महाराष्ट्र राज्य सरकार गरीब आदिवासी परिवारों को अच्छे निर्मित घर प्रदान करती है। इस मद में वित्तीय वर्ष 2023-24 में आदिवासी विकास विभाग के लिए 12655.00 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। इस योजना के तहत राज्य सरकार सभी अनुसूचित जनजाति या आदिवासी समुदाय के लिए मुफ्त घर उपलब्ध करा रही है। इसमें भी विधवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। इस योजना के तहत घर का आकार न्यूनतम 269 वर्ग फुट है। मनरेगा के तहत अकुशल व्यक्ति अपने 90 दिन पूरे होने तक इसमें काम कर सकता है।

महाराष्ट्र रमाई आवास योजना 
रमाई आवास योजना (Maharashtra Ramai Awas Yojana) महाराष्ट्र सरकार की एक ऐसी योजना है जो अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समुदाय के लोगों के लिए लागू की गई है। घरकुल योजना का मुख्य उद्देश्य पिछड़ा वर्ग, यानी एससी, एसटी या नव-बौद्ध वर्ग के सभी लोगों को रहने के लिए घर के साथ-साथ समाज में उनकी स्थिति के उत्थान में मदद करना है। इस योजना का लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की रहने की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने इस योजना का शुभारंभ किया था। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के पास यदि खुद की जमीन पर कच्चा मकान है तो उन्हें पक्का मकान बनाने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। सरकार कहती है गरीब लोग अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति से निकल सकें, इसीलिए इस योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को घर प्रदान करना जो रहने के लिए इधर-उधर भटकते हैं और बेघर होने के कारण मानसिक और शारीरिक तनाव झेलते हैं। इस योजना के लाभार्थियों को महाराष्ट्र का स्थायी निवासी होना जरूरी है, साथ ही उम्मीदवारों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और नई बौद्ध श्रेणी के अंतर्गत आना बहुत जरूरी है।

लेक लड़की योजना
महाराष्ट्र की लेक लड़की योजना इन दिनों खासी चर्चा में है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की लड़कियों को उनके जन्म से लेकर उनकी शिक्षा पूरी होने तक आर्थिक रूप से मदद देना है। सरकार का कहना है कि समाज में लड़कियों के प्रति नकारात्मक सोच को खत्म कर भ्रूण हत्या को खत्म करने के लिए इस योजना को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

महाराष्ट्र में गर्ल्स एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए 2023 के बजट में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस द्वारा शुरू की गई लेक लड़की योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की लड़कियों को उनके जन्म से लेकर उनकी शिक्षा पूरी होने तक वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, राज्य में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की लड़कियों की शिक्षा के लिए उनके जन्म से लेकर 18 वर्ष की आयु तक 5 चरणों में कुल 98,000/- रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। सरकार दावा करती है कि लेक लड़की योजना मुख्य रूप से लड़कियों के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो आर्थिक रूप से गरीब परिवारों में जन्मी लड़कियों को उनकी शिक्षा पूरी करने और उन्हें सामाजिक—आर्थिक रूप से विकसित करने में मददगार साबित होगी।

जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब परिवार की लड़कियों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता देने के लिए लेक लाडकी योजना का शुभारंभ किया और कुछ लाभार्थियों को इस योजना के तहत मिलने वाली पहली किस्त भी जारी की गयी। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत राज्य की लड़कियों को 1 लाख 1 हजार रुपए मिलेंगे। अक्टूबर 2023 में महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बेटियों को बड़ा तोहफा दिया था। इस योजना के संचालन के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए का बजट रखा है। पीला राशन और नारंगी राशन कार्ड वाले परिवारों में 1 अप्रैल 2023 के बाद जन्मी लड़कियों को इस योजना का लाभ मिल पायेगा।

मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना
महाराष्ट्र सरकार की चर्चित योजनाओं में शुमार है मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना। राज्य के किसानों को कृषि में सिंचाई के लिए सोलर पंप स्थापित करने में सहायता प्रदान करने के लिए अटल सोलर कृषि पंप योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के माध्यम से सरकार सोलर पंप स्थापित करने के लिए किसानों को 90 फीसदी तक सब्सिडी प्रदान करती है। इस योजना का लाभ महाराष्ट्र राज्य के किसान नागरिकों को मिलता है। योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है। सरकार साफतौर पर कहती है और वेबसाइट पर भी दर्ज है कि योजना के लाभार्थी राज्य के वे किसान नागरिक होंगे जो योजना की सभी शर्तों का पालन करेंगे।
महाराष्ट्र अटल सोलर कृषि पंप योजना का आवेदन करने के बाद जिन किसानों का नाम लाभार्थी सूची में रहता है, उनके खेत में सोलर पंप स्थापित किया जाता है, जिससे कृषि को आधुनिक तकनीक द्वारा सिंचित किया जाता है और बिना जीवाश्म ईंधन के आर्थिक लाभ भी मिलता है। जाहिर तौर पर इस योजना का लाभ लेने वाली भी एक बड़ी आबादी दलितों—बहुजनों की है।

महाराष्ट्र मांझी कन्या भाग्यश्री योजना
महाराष्ट्र मांझी कन्या भाग्यश्री योजना भी महाराष्ट्र सरकार की चर्चित योजनाओं में शामिल है। महाराष्ट्र मांझी कन्या भाग्यश्री योजना (Majhi Bhagyashree Kanya Yojana) की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार ने 1 अप्रैल 2016 को लड़कियों के अनुपात में सुधार लाने और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया था। इस योजना के मुताबिक जो माता या पिता एक लड़की के जन्म  के बाद 1 वर्ष के भीतर नसबंदी करवाते हैं, सरकार द्वारा 50,000 रुपये की धनराशि बैंक में उनकी बच्ची के नाम पर जमा की जाएगी। माझी कन्या भाग्यश्री योजना के मुताबिक अगर माता या पिता में से किसी एक ने दूसरी बच्ची के जन्म के बाद परिवार नियोजन यानी नसबंदी करवाय है तो नसबंदी कराने के बाद दोनों बच्चियों के नाम 25000-25000 रुपये बैंक में सरकार द्वारा जमा कराये जायेंगे। इस योजना का लाभ पहले गरीबी रेखा से नीचे के परिवार यानी (BPL) जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये तक थी, वही ले पाते थे, मगर अब नयी नीति के अनुसार इस योजना के तहत बालिका के परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये कर दी गयी है।

सरकार का कहना है कि बच्चियों को पेट में ही खत्म कर देने और समाज में जागरुकता लाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है। इससे न केवल बच्चियों की भ्रूणहत्याओं की संख्या में कम आयेगी, बल्कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए भी यह योजना बहुत प्रभावकारी साबित होगी।

महाराष्ट्र नमो शेतकारी महा सम्मान निधि योजना
नमो शेतकरी महा सम्मान निधि योजना की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार द्वारा मई 2023 को की गयी है। इस योजना के तहत महाराष्ट्र के किसानों को हर साल 2000/- रुपए दिए जायेंगे। यह राशि पीएम किसान सम्मान निधि योजना में मिल रहे 6000/- रुपए के लाभार्थियों को अतिरिक्त प्रदान की जाएगी। यान किसान दोनों योजनाओं की कुल 12000/- रूपए का लाभ ले सकेंगे।

गौरतलब है कि भारत कृषि प्रधान देश है, यानी अधिकतर नागरिकों की आर्थिकी खेती पर ही निर्भर है। कृषकों की आय को बढ़ाकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पहले से ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। अब महाराष्ट्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना के पात्र किसानों को नमो शेतकरी महा सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 3 सामान किश्तों में अतिरिक्त 6000/- रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यानी अब महाराष्ट्र के किसानों को हर वर्ष 12000/- रुपए प्राप्त होंगे, जिनमें 6000/-रुपए पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तथा 6000/- रुपए नमो शेतकरी महा सम्मान निधि योजना के होंगे। यह समस्त राशि सीधे लाभार्थी के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(DBT) के माध्यम से वितरित की जाएगी। इसके अतिरिक्त यह योजना केवल 1/- रुपए में फसल बीमा का लाभ प्रदान करेगी। योजना के संचालन के लिए सरकार द्वारा 6900 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और इसके माध्यम से राज्य के लगभग 1.5 करोड़ किसान परिवारों को कवर किया जाएगा। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि इस योजना का लाभ विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य के किसान नागरिकों को दिया जायेगा।

महाराष्ट्र मोदी आवास घरकुल योजना
महाराष्ट्र मोदी आवास घरकुल योजना 28 फरवरी 2024 को लांच की गयी है। यह योजना विशेष रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जाति और घुमंतू जनजातियों के 10 लाख सदस्यों को घर देने के उद्देश्य से सरकार ने लांच की है। इसके तहत अगले दो वित्तीय वर्षों में कुल 10 लाख घर बनाए जाने हैं। सरकार 2023-2024 में 3 लाख घरकुल लाभार्थियों में से 2 लाख 50 हजार लाभार्थियों को 375 करोड़ रुपये की पहली किश्त वितरित करेगी। एक आंकड़े के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और विभिन्न राज्य प्रायोजित ग्रामीण आवास परियोजनाओं के माध्यम से, राज्य में 17,00,728 घरों का निर्माण किया गया है, और 7,03,497 घरों पर वर्तमान में काम चल रहा है। महाराष्ट्र के सभी ग्रामीण आवास योजनाओं के काम में गति और गुणवत्ता लाने के लिए चलाए जा रहे “महा आवास अभियान 2023-24” के तहत, “सभी के लिए आवास” के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 7 लाख घर पूरे करने का लक्ष्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। सरकार का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 और 2025-2026 के बीच कुल मिलाकर 10 लाख घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और विभिन्न राज्य प्रायोजित ग्रामीण आवास परियोजनाओं के माध्यम से, राज्य में 17,00,728 घरों का निर्माण पूरा हो चुका है, और 7,03,497 घरों पर वर्तमान में काम चल रहा है।

महाराष्ट्र चीफ मिनिस्टर फेलोशिप प्रोग्राम
महाराष्ट्र चीफ मिनिस्टर फेलोशिप प्रोग्राम का लाभ बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र के युवा उठा रहे हैं। सरकार के मुताबिक राज्य के युवकों को राज्य सरकार के साथ काम करने का मौका देने के लिए “मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम’ की शुरुआत क गयी थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी शुरुआत करते हुए अपील की थी कि राज्य के विकास में अपना योगदान देने की इच्छा रखने वाले युवक-युवती इसमें शामिल हों। सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में प्रशासन के साथ कार्य करने का अनुभव देने, उनकी ऊर्जा व तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल कर प्रशासकिय कार्यों को गतिशील बनाना है। इसमें भाग लेने वाले युवाओं को नीति तैयार करने, कार्यक्रमों पर अमल व नियोजन आदि का अनुभव मिलेगा। गौरतलब है कि देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में वर्ष 2015 से 2020 के दौरान “मुख्यमंत्री फेलोशिपप कार्यक्रम’ के तहत युवाओं को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाया गया था, मगर बाद में दूसर पार्टी की सरकार बदलने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। 21 से 26 साल आयु वर्ग वाले ऐसे युवक जिन्हें स्नातक में 60 प्रतिशत अंक मिले हो और एक साल के कार्य का अनुभव हो, इस फेलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाईन परीक्षा, निबंध लेखन व इंटरव्यू के बाद गुणवत्ता के आधार पर युवाओं का चयन किया जाता है। कुल 60 युवकों का चयन मुख्यमंत्री फेलोशिप के लिए होता है और चयनित युवकों को वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में एक साल तक कार्य करने का मौका मिलता है, साथ ही इस दौरान उन्हें सरकार द्वारा प्रतिमाह 70 हजार रुपये वजीफे के तौर पर दिये जाते हैं। यात्रा और अन्य खर्चों के लिए 5,000/- प्रति माह अलग से प्रदान किया जाता है। ग्रेड-ए अधिकारी के समकक्ष पद प्रदान किया जाता है। दुर्घटना बीमा कवर, आईआईटी मुंबई या आईआईटी नागपुर से विशेष शैक्षणिक पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र, महाराष्ट्र सरकार से फैलोशिप समापन प्रमाणपत्र के अलावा फेलोशिप पाने वाले युवाओं को फ़ेलोशिप की अवधि के दौरान 8 दिनों की छुट्टी दी जाती है। हालांकि इस फेलोशिप के लिए बहुत कम युवा चुने जाते हैं, मगर युवाओं में इसका बहुत क्रेज है, खासकर बहुजन वर्ग के युवाओं का।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

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