‘देशसेवा का बहाना बनाना करो बंद’ बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार

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‘अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया. यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं. यह हमें स्वीकार नहीं है.’ कोर्ट ने कहा, ‘आपकी माफी पर्याप्त नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और उधर पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहा था।

NEW DELHI : पतंजलि विज्ञापन को आज कौन नहीं जानता । एक वक्त था जब टेलीविजन पर ये विज्ञापन काफी चर्चित था। खाने पीने की चीज़ो से लेकर शैम्पू के प्रोडक्ट्स भी पतंजलि के होते थे और लोग इन प्रोडक्ट्स की तरफ आकर्षित हुए थे। पतंजलि के ज़रिये योग गुरु रामदेव बाबा को देश विदेश में जाना पहचाना गया था। लेकिन अब ऐसी खब़र सामने आई है जिसने पतंजलि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल पतंजलि की तरफ से भ्रामक विज्ञापन के मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और अपने आचरण के लिए उन्होंने माफी मांगी है। जानते हैं पूरा मामला।

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भ्रामक विज्ञापन के लिए कोर्ट में मांगी माफी :

दरअसल पतंजलि के गुमराह (भ्रामक) करने वाले विज्ञापने के मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और इस अपराध के लिए उन्होंने कोर्ट में माफी भी मांगी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट उनकी इस माफी से सहमत नहीं हुआ और दोनों अदालत ने फटकार लगाई और आदेश को गंभीरता से लेने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी में कहा कि “आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए सुप्रीम कोर्ट हो या देश की कोई भी अदालत आदेश का पालन होना ही चाहिए”

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पतंजलि कोविड की दवा  बनाने के दावे को लेकर घिरी थी :

पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी कुछ दवाएं बीमारियों को ठीक कर देंगी। जबकि इस दावे का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। आपको बता दें कि पतंजलि कोविड की दवा बनाने के दावे को लेकर भी घिरी थी। इस मामले में रामदेव बाबा ने दावा किया था कि उनके पोडक्ट्स कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है।

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माफी के बावजूद अदालत संतुष्ट नहीं :

अपने भ्रामक विज्ञापने के कारण योगी रामदेव बाबा और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण अदालत के कठघरे में खड़े हैं। दोनों के माफी मांगने के बावजूद भी अदालत उनसे संतुष्ट नहीं है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की दो सदस्यीय बेंच ने मंगलवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या दोनों लोग पेश हो गए हैं? इस पर उनके वकील बलबीर सिंह ने बताया कि दोनों लोग कोर्ट में मौजूद हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इनको दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे, लेकिन एक ही किया गया है, दूसरा दाखिल नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को कहा था, जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब अवमानना नोटिस जारी किया.’

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देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन :

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और स्वामी बालकृष्ण की तरफ नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा, ‘अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया. यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं. यह हमें स्वीकार नहीं है.’ कोर्ट ने कहा, ‘आपकी माफी पर्याप्त नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और उधर पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहा था। आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है, आपने ऐसा क्यों किया? आपको नवंबर में चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद आपने प्रेस कॉफ्रेंस किया। 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन कंपनी, बालकृष्ण और रामदेव द्वारा प्रेस कांफ्रेंस की गई थी।

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रामदेव के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़ कर माफी मांगी :

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘रामदेव ने कोर्ट के आदेश के 24 घंटे के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. विज्ञापन में आप प्रमोटर के तौर पर पेश होते हैं. अब 2 महीने के बाद अदालत के समक्ष पेश हुए हैं.’ इस पर रामदेव के वकील ने कहा, ‘भविष्य में ऐसा नहीं होगा. पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं.’ इसके बाद रामदेव ने भी अदालत से माफी मांगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ. कोर्ट ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट हो या देश की कोई भी अदालत. आदेश का पालन होना ही चाहिए. आप माफी भी सशर्त मांग रहे है?’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे. माफी स्वीकार नहीं, आपने क्या किया है. उसका आपको अंदाजा नहीं है. इस पर रामदेव के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़ कर माफी मांगी.

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