देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक दिल्ली का जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय जिसे जेएनयू के नाम से भी जाना जाता है। वहां के प्रोफ़ेसर डॉक्टर […]
श्रेणी: एससी एसटी नायक
भारत की पहली दलित हीरोइन पी के रोज़ी जिसकी फिल्म ब्राह्मणवादियों ने नहीं चलने दी थी
क्या आपने कभी देखा है कि कोई ब्राह्मण नायिका सिनेमाई पर्दे पर अदाकारी कर रही हो और लोग सिर्फ उसके ब्राह्मण होने की वजह से […]
राम आयेंगे के जवाब में पढ़ेंगे-लिखेंगे तो भाग खुल जायेंगे…गाना सोशल मीडिया पर वायरल, मिलिये इसे गाने वाली दलित लोकगायिका सीमा भारती से
झारखंड की रहने वाली सीमा भारती ने राम आयेंगे तो अंगना सजाऊंगी… के जवाब में पढ़ेंगे लिखेंगे तो भाग खुल जायेंगे… गाना गाया और यह […]
कौन है दलित युवक डॉली चायवाला जिसने बिल गेट्स को पिलाई चाय, बना सोशल मीडिया सनसनी
डॉली चायवाला दलित समुदायों के बीच उद्यमशीलता की क्षमता के उदय को दर्शाता है। ऋण तक कम पहुंच, सामुदायिक नेटवर्क की कमी और पारिवारिक अभिविन्यास […]
पहला दलित क्रिकेटर “पलवंकर बालू” जिन्हें बाबा साहेब अंबेडकर भी मानते थे दलित समाज का आदर्श, क्रिकेट के मैदान में भी जातिवादियों का झेला उत्पीड़न
पहले दलित क्रिकेटर पलवंकर बालू के बारे में कहा जाता है कि मैदान के बाहर भी उनके खाने पीने के बर्तन भी अलग रखे होते […]
दलित समुदाय से आने वाली मना मंडलेकर कैसे बनीं एक आयरन गर्ल जानिये उनके संघर्ष की कहानी
मना मंडलेकर मध्यप्रदेश के हरदा जिले के आलमपुर गांव की रहने वाली हैं।वह अपने गांव की पहली ग्रेजुएट लड़की हैं। मना मंडलेकर लड़कियों के लिए […]
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी “तेलंगा खड़िया” जिन्होंने आदिवासियों को ब्रिटिश शासन से मुक्त करवाया था
तेलंगा खड़िया का जन्म साल 1806 में आज ही के दिन 9 फरवरी को हुआ था। तेलंगा खड़िया एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने ब्रिटिश […]
रामजी मालोजी सकपाल जिन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के सर्वांगीण विकास में दिया था योगदान…जानिए
रामजी मालोजी सकपाल का जन्म 14 नवंबर 1848 में हुआ था और इनकी पत्नी का नाम भीमाबाई था। रामजी सकपाल के 14 बच्चें थे और […]
दलित समाज के गौरव बने ISS, जानिये सामान्य परिवार के लड़के ने कैसे हासिल किया बिना कोचिंग के ये मुकाम
बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि “शिक्षा शेरनी का वो दूध है जो पियेगा वो दहाड़ेगा” इस बात को सच साबित कर दिखाया है […]
पहली दलित महिला आत्मकथाकार “शांताबाई कांबले” जिन्होंने जाति उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था
शांताबाई कांबले मराठी साहित्य का वो सुनहरा नाम है जिन्हें पहली दलित महिला आत्मकथाकार का सम्मान प्राप्त है। इनका जन्म 1 मार्च 1923 में हुआ […]