दलित समाज के गौरव बने ISS, जानिये सामान्य परिवार के लड़के ने कैसे हासिल किया बिना कोचिंग के ये मुकाम

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बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि “शिक्षा शेरनी का वो दूध है जो पियेगा वो दहाड़ेगा” इस बात को सच साबित कर दिखाया है दलित समाज से आने वाले गौरव कुमार जी ने,उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से UPSC परीक्षा को पास कर लिया है। अब वह आईएसएस यानी “भारतीय सांख्यिकी सेवा” के पद पर काम करेंगे। आज हम इस लेख में गौरव कुमार के जीवन और उनके संघर्ष के बारे में जानेंगे।

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व्यक्तिगत जीवन :

गौरव कुमार उत्तरप्रदेश आज़मगढ़ के रहने वाले हैं। गौरव कुमार एक ऐसे समाज से आते हैं जिसे आज भी दलित कहकर संबोधित किया जाता है। गौरव कुमार पांच भाई बहन हैं। इनके पिता दवा बनाने का काम करते थें और इनकी माता जी गृहिणी हैं। गौरव कुमार के पिता जी BHU से BSC ग्रेजुएट हैं और इनकी माता जी अशिक्षित हैं। लेकिन इसके बावजूद वह पढ़ाई को बहुत महत्व देती हैं और अपने सभी बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।

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ISS गौरव कुमार माता पिता के साथ, इमेज क्रेडिट दलित टाइम्स

शिक्षा के बारे में:

गौरव कुमार ने कक्षा छठी से बारहवी तक की शिक्षा आज़मगढ़ के नवोदय विद्यालय से पूरी की थीं। फिर इसके बाद BHU “बनारस हिंदू विश्वविद्यालय” से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया था। गौरव कुमार बनारस में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते थे। आपकों बता दें कि यह गौरव कुमार जी का चौथा प्रयास था और अपने आखिरी प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे थे और पहली बार में उन्होंने इंटरव्यू भी पास कर लिया था।

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बिना कोचिंग के परीक्षा की तैयारी:

गौरव कुमार का परिवार आर्थिक रुप से सक्षम नहीं था इसलिए आर्थिक सहायता के लिए गौरव कुमार बारहवी कक्षा के बाद से ट्यूशन भी पढ़ाते थे। इसके अलावा यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी वह पढ़ाते थें। गौरव कुमार जी ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग की सहायता नहीं ली उन्होंने केवल स्वाध्याय से ही परीक्षा की तैयारी की और सफल हुए। गौरव कुमार जी अपनी सफ़लता का श्रेय अपने गुरुजन और अपने सीनियर्स को देते हैं।

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गौरव कुमार बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माला अर्पित करते हुए, इमेज क्रेडिट दलित टाइम्स

बाबा साहेब अंबेडकर हैं आदर्श :

गौरव कुमार जी के आदर्श बाबा साहेब अंबेडकर हैं उनके संघर्ष और जीवन को पढ़कर ही वह आज सफल हुए हैं। यूपीएससी के परिणाम के बाद जब गौरव कुमार को पता चला कि ISS में उनका चयन हो गया है तब उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माला भी अर्पित की थी। जानकारी के मुताबिक उनका ऐसा कहना है कि जब भी उनके घर में हर्षौल्लास और खुशी की बात होती है तो वह सबसे पहले अपने परिवार के साथ अंबेडकर पार्क जाते हैं और बाबा साहेब की प्रतिमा पर माला अर्पित करते हैं।

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शिक्षित हो और जागरुक नागरिक बनो :

गौरव कुमार का कहना है कि शिक्षा से ही भविष्य बनता है। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे सही गलत का पता लगता है। अपने अधिकारों को जानना बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा रचित संविधान के महत्व को समझना। देश का नागरिक होने के नाते अपनी जिम्मेदारियों का समझना एक जागरुक नागरिक का काम है और ये केवल शिक्षा से ही संभव है।

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