Editorials

बाबा साहेब अंबेडकर ने शाहू जी महाराज को पत्र लिखकर मांगी थी मदद…क्या लिखा था पत्र में ? पढ़िए

बाबा साहेब अबेंडकर ने कितनी कठिनाईयों के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की थी ये हम सब जानते है। इसके बारे में उनके जीवन पर लिखी गई किताबों में भी हम पढ़ते रहते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि बाबा साहेब अबेंडकर की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उनके पास रहने, खाने और अपनी पढ़ाई के लिए बिल्कुल भी पैसे नहीं बचे थे। ऐसे में उन्होंने शाहुजी महाराज को एक पत्र लिखा और उनसे आर्थिक सहायता मांगी।

यह भी पढ़े :  Election news :  मायावती ने कसा भाजपा-कांग्रेस पर तंज, लोकसभा चुनाव को लेकर की ये बड़ी घोषणा

ये पत्र बाबा साहेब अबंडेकर ने 4 सितम्बर 1921 को लंदन से लिखा था। अपनी सारी कठिनाइयों को शाहू जी महाराज के सामने रखते हुए बाबा साहेब अंबेडकर ने इस पत्र में एक और महत्वपूर्ण बात लिखी थी… क्या थी वो बात इस लेख में पढ़िए

यह भी पढ़े :जयंती विशेष : दलितो को अंध विश्वास के खिलाफ़ जागरूक करने वाले नाना पाटिल को कितना जानते हैं आप ?

“आप सामाजिक लोकतंत्र की दिशा में उस महान आंदोलन के स्तंभ हैं जो भारत में अपनी प्रगति कर रहा है।”

यह भी पढ़े : बिहार: जाति जनगणना पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर पटना हाईकोर्ट ने क्या कहा ?

 बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा लिखित पत्र पढ़ें 👇

 

मेरे प्रिय महाराजा साहेब,

“अपनी कठिनाइयों को लेकर आपसे संपर्क करने में मुझे खेद है, लेकिन यह सोचकर कि जैसे आप मुझे अपना मित्र मानकर प्रसन्न थे, आप मुझे मेरी कठिनाइयों से निपटने में और सक्षम बनाने के लिए भी कुछ करेंगे। श्री दलवी के निर्देशानुसार मैं कुछ राहत पाने की आशा से अपनी आर्थिक कठिनाइयाँ आपके समक्ष रख रहा हूँ। जब मैंने भारत छोड़ा तो मैंने लंदन में अपने दो साल के प्रवास के लिए होने वाले कुल खर्चों की गणना की थी और उस समय प्रचलित विनिमय दर के अनुसार मैंने पाया कि मेरे पास अपने उद्देश्यों के लिए पर्याप्त धन था। चूंकि धनराशि मेरे एक मित्र ने निवेश की थी जिसके पास मैंने उन्हें जमा किया था, इसलिए जब मैंने भारत छोड़ा तो मैं उन्हें लंदन स्थानांतरित नहीं कर सका।  पिछले साल दिसंबर के महीने में जब मुझे धनराशि भेजी गई तो मैंने पाया कि विनिमय की कम दर के कारण लंदन में जो धनराशि प्राप्त हुई वो आवश्यक राशि से लगभग 150 पाउंड कम थी। मुझे इसके लिए 100 पाउंड का भुगतान करना होगा। मेरी लॉ की फ़ीस और भारत लौटने के लिए लगभग 100 पाउंड की और ज़रूरत है।  इसलिए कुल मिलाकर मुझे अपनी कठिनाइयों से निपटने के लिए लगभग 200 पाउंड की आवश्यकता है।  यदि महामहिम मुझे उस राशि का ऋण दिलाने में आप मदद कर सकें तो मैं बहुत आभारी रहूंगा।  वापस लौटने पर मैं इसे ब्याज सहित चुका दूंगा।  मामला इतना जरूरी है और मैं इतने कम लोगों को जानता हूं कि मैंने सबसे पहले श्री दलवी से संपर्क करके इस मामले को उठाने का साहस किया और जैसा कि  महामहिम ने मुझे उनके माध्यम से सीधे लिखने के लिए कहा, मुझे यकीन है कि उम्मीदें गलत नहीं हैं।  मुझे आशा है कि महामहिम अच्छे स्वास्थ्य का आनंद ले रहे हैं।  “हमें आपकी बहुत आवश्यकता है क्योंकि आप सामाजिक लोकतंत्र की दिशा में उस महान आंदोलन के स्तंभ हैं जो भारत में अपनी प्रगति कर रहा है”।‘

मैं आपके शीघ्र उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा हूँ।

बी.आर. अम्बेडकर

 

(स्रोत: शाहू अनुसंधान संस्थान कोल्हापुर। शाहू महाराज स्मारक स्मारिका 1981

*Help Dalit Times in its journalism focused on issues of marginalised *

Dalit Times through its journalism aims to be the voice of the oppressed.Its independent journalism focuses on representing the marginalized sections of the country at front and center. Help Dalit Times continue to work towards achieving its mission.

Your Donation will help in taking a step towards Dalits’ representation in the mainstream media.

  Donate

Share News:
Dalit Times
Total Articles: 385
Website: https://dalittimes.in

Leave a Comment.

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *