कर्नाटक में हनुमान ध्वज फहराने पर मच गया घमासान, जानिये क्या है इसका कारण

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कर्नाटक के मांड्या जिले के गांव से हनुमान ध्वज फहराने का मामला सामने आया है। लेकिन इस ध्वज को मांड्या जिला प्रशासन ने उतरवा दिया था। जिसकी वजह से गांव में तनाव उत्पन्न हो गया है। इसको लेकर राज्य के विपक्षी दलों भाजपा और जेडीएस ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।दरअसल कर्नाटक के मांड्या जिले के गांव में हनुमान ध्वज को फहराया गया था। लेकिन इस ध्वज को मांड्या जिला प्रशासन ने उतरवा दिया था और यह कहा गया था कि पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए अनुमति ली गई थी। लेकिन इस घटना से गांव के लोगों में तनाव उत्पन्न हो गया।

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कानून व्यवस्था ठीक नहीं:

यह घटना पिछले हफ्ते की है और मांड्या जिले के केरागोडु गांव में ऊंचे स्तंभ पर हनुमान ध्वज फहराया गया था। जानकारी के अनुसार 108 फुट का ध्वज स्तंभ खड़ा किया और हनुमान ध्वज फहराया गया था और यह ध्वज श्री गौरीशंकर सेवा ट्रस्ट द्वारा लगाया गया था। हालांकि, बाद में मांड्या जिला प्रशासन ने इस झंडे को उतरवा दिया। इसको लेकर राज्य के विपक्षी दलों भाजपा और जेडीएस ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसलिए सोमवार को बेंगलुरु पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे भाजपा के कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है।

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धारा 144 लगा दी गई:

कर्नाटक सरकार का कहना है कि राज्य में राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश उत्पन्न हो गया और उन्होंने ध्वज उतारने के फैसले का कड़ा विरोध किया। इस दौरान हालात बिगड़ गए और स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी  भी की । तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए गांव में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

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वापस जाओ’ के नारे लगाए :

जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा गया है कि गांव की पंचायत ने ध्वज स्तंभ लगाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन इसके खिलाफ शिकायतें दी गईं। बाद में अधिकारियों को हनुमान ध्वज हटाने का अनुरोध करना पड़ा। हालांकि, ग्रामीण अपने फैसले पर अड़े रहे और कुछ लोगों पर मामले का राजनीतिकरण करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। इस बीच इलाके में एक बड़ी पुलिस टुकड़ी तैनात की गई। उधर भाजपा, जेडीएस और बजरंग दल भी ग्रामीणों के साथ इस विरोध में शामिल हो गए। शनिवार को मामला और भी बिगड़ गया जब ग्रामीणों ने विरोध के चलते अपनी दुकानें बंद कर दीं। रविवार को जब ग्राम पंचायत अधिकारी ध्वज को हटाने के लिए गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए।

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कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन करते लोग, इमेज अमर उजाला

 

भाजपा कार्यकर्ता को हिरासत में लिया गया:

राज्य में भाजपा नेताओं, हिंदू संगठनों और जेडीएस ने झंडा हटाए जाने की कड़ी निंदा की है। भाजपा की राज्य इकाई ने कर्नाटक के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करने का भी ऐलान कर दिया। सोमवार को बेंगलुरु के मैसूरु बैंक सर्कल में पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। काफी हंगामे के बीच पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

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भाजपा के नेताओं ने क्या कहा?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कर्नाटक सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा, ‘प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था करे लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है।’ उन्होंने कहा कि केरागोडु में फहराए गए भगवा हनुमान ध्वज को हटाने के बाद विवाद हुआ। आदेश जिला प्रशासन ने दिया। एक अन्य भाजपा नेता सीटी रवि ने भी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘क्या कांग्रेस ने कर्नाटक में हनुमान ध्वज पर पाबंदी लगा दी है। यदि यह प्रतिबंधित नहीं है तो उन्होंने अनुमति लेकर लगाए गए ध्वज को क्यों हटाया।’

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मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर ग्राम पंचायत से राष्ट्रीय ध्वज और कर्नाटक का राजकीय झंडा फहराने की अनुमति मांगी गई थी तो इसके बदले दूसरा झंडा फहराना गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति को राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा झंडा फहराना सही नहीं है। उन्हें राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘यह सही नहीं है। मैंने संबंधित अधिकारियों से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा है।’

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जिला प्रभारी मंत्री का बयान :

इस बीच, जिला प्रभारी मंत्री एन चेलुवरयास्वामी ने कहा कि ध्वज स्तंभ का स्थान पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आता है और पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए अनुमति ली गई थी। आगे उन्होंने आश्वासन दिया और कहा, ‘मैंने अधिकारियों, पुलिस और युवाओं से बात की है। हम एक निजी स्थान पर या एक मंदिर के पास हनुमान ध्वज स्थापित करने के लिए तैयार हैं। हम उनका समर्थन करेंगे। हम भी राम भक्त हैं।’

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