बनारस में सीवरेज सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव से दलित सफाईकर्मी की मौत, परिजनों ने लगाये गंभीर आरोप

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मृतक दलित सफाईकर्मी भूरेलाल के परिजनों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि सीवर में सफाई के लिए घुसे भूरेलाल एक घंटे तक बेहोशी की हालत में पड़ा रहा, मगर मौके पर न तो जेई पहुंचा और न ही ठेकेदार, जब तक एनडीआरएफ की टीम पहुंची तब तक बहुत देर हो चुकी थी…

Banaras news : यूपी के वाराणसी में सीवरेज की सफाई के दौरान जहरीली गैस से दम घुटने के कारण दलित सफाईकर्म की मौत की दर्दनाक घटना सामने आयी है। गौरतलब है कि वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है, जिस कारण इस घटना के बाद उन पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। सोशल मीडिया पर घटना से संबंधित एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मृतक के परिजनों की करुण चीत्कार चीख-चीखकर न्याय की गुहार लगा रही है।

जानकारी के मुताबिक बनारस के आदमपुरा थाना क्षेत्र के भैसासुर घाट पर सफाई करने सीवर में उतरा एक सफाईकर्मी दम घुटने के कारण बेहोश हो गया था। घटना की सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और उसे शिवप्रसाद गुप्ता मंडलीय चिकित्सालय ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सफाईकर्मी की मौत के बाद परिजन बुरी तरह बिफर रहे हैं और करुण चीत्कार करता उनका रुदन मानो न्याय की मांग कर रहा है। घटना के बाद डीएम ने मामले पर संज्ञान लेकर जांच के आदेश जारी कर दिये हैं।

मीडिया में आ रही सूचना के मुताबिक मछोदरी निवासी 40 वर्षीय घूरेलाल सफाईकर्मी का काम करता था। गंगा प्रदूषण विभाग की ओर से उसे सीवरेज सफाई के लिए भैसासुर घाट पर बुलाया गया था। सफाई के लिए सुपरवाइजर ने सीवर का ढक्कन खुलवाकर सफाईकर्मी को मैनुअली नीचे सफाई के लिए उतार दिया। जैसे ही घूरेलाल थोड़ा नीचे पहुंचा, जहरीली गैस की वजह से बेहोश हो गया। घटना से हड़बड़ाये प्रदूषण विभाग की टीम और सुपरवाइजर समेत अन्य कर्मचारी परेशान हो गये और भूरेलाल को कोई हरकत न करते देख एनडीआरएफ की टीम को तुरत-फुरत बुलाया गया।

सूचना के बाद एनडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर दलित सफाईकर्मी भूरेलाल को बाहर निकाला और नजदीकी मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने कहा कि भूरेलाल की पहुंचने से पहले ही मोत हो चुकी है। घटना की सूचना के बाद सफाईकर्मी के परिजन अस्पताल पहुंचे।

भूरेलाल के परिवार के महेंद्र कुमार भारती ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि सीवर में सफाई के लिए घुसे भूरेलाल एक घंटे तक बेहोशी की हालत में पड़ा रहा, मगर मौके पर न तो जेई पहुंचा और न ही ठेकेदार। जब तक एनडीआरएफ की टीम पहुंची तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

घटनाक्रम के बारे में मौके पर मौजूद लोग कहते हैं, भैंसासुर घाट स्थित रविदास मंदिर के समीप सीवर जाम की शिकायत पर नगर निगम का क्षेत्रीय ठेकेदार क़ुछ सफाईकर्मियों को लेकर वहां पहुंचा था। सफाईकर्मियों को सीवर के मेनहोल टैंक का ढक्कन उठाकर बिना चेक किये ही अंदर उतार दिया गया। जहरीली गैस के रिसाव के साथ ही सफाईकर्मी भूरेलाल अपना काम करने लगा और दम घुटने से बेहोश होकर गिर गया। वहां पर मौजूद भूरेलाल के साथी सफाईकर्मियों और टीम के अन्य साथियों ने जब काफी देर तक आवाज लगायी और कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो दूसरा साथी किसी आशंका से घबराकर अंदर गया तो देखा भूरेलाल बेहोश पड़ा हुआ था। साथी सफाईकर्मी भी जहरीली गैस की चपेट में आ गया, मगर उसने बेहोश होने के पहले कमर में बंधी रस्सी हिलाना शुरू किया, जिस कारण अन्य सफाईकर्मियों ने उसे समय पर बाहर निकाल दिया। जब उसे थोड़ी देर बाद होश में लाया गया तो उसने बताया कि मेनहोल के अंदर जहरीली गैस का रिसाव हो रहा है और सफाईकर्मी भूरेलाल की मौत हो गई है। सफाईकर्मी की मौत की सूचना पाते ही ठेकेदार घटनास्थल से फरार हो गया।

जानकारी के बाद आदमपुर चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे और एनडीआरएफ की टीम को बुलवाया। एनडीआरएफ की मदद से सफाईकर्मी भूलेलाल को बाहर निकाला गया, अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के मुताबिक सफाईकर्मी के परिवार में चार बच्चे जिनमें दो लड़के और दो लड़कियां हैं, और पत्नी हैं। पुलिस ने भूरेलाल की लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

इस मामले में संज्ञान लेते हुए डीएम एस राजलिंगम ने घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं। इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है, जिसे एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपनी है।

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