Ground Report : लोकसभा चुनाव 2024 में किसके पाले में जाएगी नई दिल्ली लोकसभा सीट

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हमारे एक वोट से नेताओं को 5 साल राहत मिलती है तो हमें भी तो राहत मिलनी चाहिए। हमारे MLA साहब कहते हैं कि 5 सालों के लिए ही टिकट मिलनी है तो काम क्यों ही करना। कांग्रेस से पार्षद हैं पिछले 7 से 8 सालों से लेकिन वो आएंगे सिफ तब जब चुनाव होगा।

देश भर में चुनावी माहौल है। लोकसभा चुनाव 2024 सात चरणों में होगा जिसमें से दो चरणों के चुनाव हो चुके हैं और 7 मई को तीसरे चरण का मतदान होगा। लेकिन अब सबकी नजर छठे चरण के चुनावों पर ज्यादा टिकी हुई हैं। कारण ये है कि छठे चरण में देश की राजधानी दिल्ली की सातों सीटों पर चुनाव होंगे। ये चुनाव 25 मई को होगा। ऐसे में दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर क्या माहौल है विशेषकर दलित जनता के मुद्दे इस चुनाव में क्या होने वाले हैं और दिल्ली के 20 लाख दलितों का रुख इस बार किस पार्टी की तरफ रहने वाला है ये जानने के लिए दलित टाइम्स ने दिल्ली की लोकसभा सीटों पर जाकर कवरेज करना शुरू कर दिया है।

हमने सबसे पहले नई दिल्ली लोकसभा सीट पर कवरेज की जिसके लिए हमने दिल्ली कैंट को चुना। दिल्ली कैंट को चुनने का सबसे बड़ा कारण था दो साल पहले 1 अगस्त 2021 को दिल्ली कैंट में 9 साल की दलित बच्ची के साथ हैवानियत की घटना। ये वो घटना थी जिसने देश भर को हिला कर रख दिया था। बड़े-बड़े नेताओं को इस घटना को लेकर बोलने पर मजबूर होना पड़ा था। जब दिल्ली कैंट के एक स्थानीय निवासी से हमारी पत्रकार सुषमा तोमर ने पूछा कि दो साल पहले जो दलित बच्ची के साथ घटना हुई थी उसमें जांच कहाँ तक पहुंची तो उसने बताया की दो सालों से जांच ही चल रही है। आरोपी जेल में हैं लेकिन अभी तक जांच करने वाले ये तक पता नहीं लगा पाए की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था या नहीं।

जब हमने आगे कुछ महिलाओं से चुनाव, महिला सुरक्षा और उनकी आम परेशानियों पर बात की तो सभी महिलाओं ने एक स्वर में कहा की दिल्ली कैंट में पीने के पानी की सबसे बड़ी समस्या है। यहाँ पीने के पानी की कोई लाइन नहीं है। दिल्ली सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए थे कि मुफ्त बिजली और मुफ्त पानी दिया जाएगा लेकिन दिल्ली कैंट की ये दलित बस्ती पीने के पानी के लिए मोहताज है। बता दें कि इस लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस बार पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं गठबंधन से आम आदमी पार्टी ने सोमनाथ भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है।  हमारे एक सवाल की पानी की समस्या जानने के लिए या आपने कभी इस समस्या को अपने पार्षद, विधायक या सांसद के सामने रखा है ?

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तो एक महिला ने कहा, वोट लेने के वक्त आए थे पानी आएगा इस इलाके में ये भी आश्वासन दिया था लेकिन जब सरकार बन गयी तो सब भूल गए। उसके बाद एक दिन इलाके में आए थे। गाड़ी में बैठे थे जब उनसे पूछा की पानी कब तक आएगा तो अगूंठा दिखा कर चले गए। पानी की समस्या पर ही दूसरी महिला कहती हैं कि वोट लेने के लिए आते हैं वोट लेकर चले जाते हैं फिर शक्ल भी नहीं दिखाते। इस बार जिसको मन होगा उसको वोट दे देंगे लेकिन ऐसी सरकार को नहीं देंगे। मोदी सरकार के 5 किलो राशन पर एक महिला ने कहा कि 5 किलो राशन से जिंदगी नहीं कटती। नौकरी नहीं है। घूसखोरी चल रही है। जिसके पास पैसा है वो देकर सरकारी नौकरी में लग जाता है लेकिन गरीब बच्चे क्या करें ?

उनके पास पैसा नहीं घूस देने के लिए तो उन्हें नौकरी नहीं मिलती। पढ़े-लिखे युवा नौकरी ना मिलने से अपने मां-बाप की चिंता देख कर चोर उचक्के बन जाते हैं। ये सब सरकार की नाकामी है जो देश के युवाओं को नौकरी तक नहीं दे पा रही। युवाओं को मुजरिम बनाने का काम सरकार करती है। वह आगे कहती है कि “मैं मेट्रो स्टेशन पर दुकान लगाती हूँ जिसके लिए मुझे 3 हज़ार रूपए पुलिस वाले को देने पड़ते हैं। जब कमेटी वाले दुकान उठाने आ जाते हैं तो पुलिस वाले फोन तक नहीं उठाते हैं। जब मोदी सरकार ने सुविधा कर रखी है तो पुलिस वाले पैसे क्यों मांगते हैं ? कानून हमारी सेवा के लिए है लेकिन जब कानून ही गरीबों को लूटेगा, सरकार ही गरीबों को लूटेगी तो आम आदमी/ गरीब आदमी किसको वोट देगा… वो तो अपना वोट रखेगा अपने पास और किसी को नहीं देगा।

महिला सुरक्षा पर बात करते हुए हमने दो नौजवानों से बात की उन्होंने कहा पानी की समस्या ही सबसे बड़ी समस्या है जिसकी वजह से महिला सुरक्षा भी खत्म होती जा रही है। वह कहते हैं कि 900 मीटर दूर जाकर हमारी बहु,बेटियों और माताओं को पीने का पानी भरने जाना पड़ा है। उनके साथ रास्ते में छेड़छाड़ जैसी चीजें होती रहती है। प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चाहती ही नहीं की ये समस्या खत्म हो क्योंकि अगर ये समस्या खत्म हो गयी तो इस इलाके में वोट मांगने के लिए कोई मुद्दा रह ही नहीं जाएगा। वह आगे कहते हैं कि रोजगार नहीं है। दिल्ली कैंट में वोट दिल्ली कैंट के लोग देते हैं लेकिन रोजगार ले जाते है दिल्ली कैंट के बाहर के लोग। हमारे MLA ने अपने लोगो को रोजगार दिया हुआ है, गुड़गांव तक से लोग यहाँ नौकरी करने आते हैं लेकिन इस इलाके के लोगों को रोजगार नहीं मिलता।

वह आगे कहते हैं कि पूरी दिल्ली कैंट का इलाका दलित बहुल है। हमारे एक वोट से नेताओं को 5 साल राहत मिलती है तो हमें भी तो राहत मिलनी चाहिए। हमारे MLA साहब कहते हैं कि 5 सालों के लिए ही टिकट मिलनी है तो काम क्यों ही करना। कांग्रेस से पार्षद हैं पिछले 7 से 8 सालों से लेकिन वो आएंगे सिफ तब जब चुनाव होगा। दिल्ली कैंट रेप केस पर जब हमने उनसे बात की तो वह कहते हैं कि इस पूरे मामले पर खूब तानाशाही दिखाई गई है। दंगा भड़काने के झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वह चाहते हैं कि दलित समाज उठ ना पाए और भविष्य में ऐसी कोई घटना होती है तो दलित समाज आवाज ही ना उठा पाए..!

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