बार बार दलितों का अपमान करते हैं राहुल गांधी ?

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राहुल गान्धी ने साल 2004 से लेकर 2014 तक अमेठी (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा चुनाव जीत कर संसद की सदस्यता हासिल की और उसके बाद राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद बने हैं।साल 2019 के चुनाव में एक बार फिर राहुल गांधी ने 2 सीटों से चुनाव लड़े और अपनी पारिवारिक सीट अमेठी (उत्तर प्रदेश) और वायनाड (केरल) के चुनावी मैदान में राहुल अमेठी से बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से हार गये।

वर्तमान समय में स्मृति ईरानी बीजेपी पार्टी से केंद्रीय मंत्री हैं, जो अक्सर अपने राजनीतिक बयानों को लेकर चर्चाओं में बनी रहती हैं। हाल, ही में एक बार फिर कांग्रेस नेता और केरल वायनाड के सांसद रह चुके राहुल गांधी और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के मध्य राजनीतिक विवादित बयानों को लेकर ख़बर सुर्खियों में बनी हुईं हैं।

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स्मृति इरानी ने बीते मंगलवार एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाई जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कई आरोप लगाए और कहा कि “राहुल गांधी झूठे हैं, वो नाक रगड़कर माफी मांगते हैं और फिर से झूठ बोलते हैं, वो दलितों का अपमान करते रहते हैं, गांधी खानदान अहंकारी है”

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि “वो दलितों-पिछड़ों का अपमान करना उनकी आदतों में शुमार हो गया है। स्मृति ने राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस के ही एक दलित नेता से चप्पल उठवाने का दावा किया।” साथ ही प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने आगे कहा कि राहुल का एकमात्र मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को तार-तार करने का है।

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राहुल गांधी द्वारा किए गए भाषण को लेकर गांधी परिवार भारतीय अस्मिता की बात उठ रही है क्या गांधी परिवार ने वास्तव में ही समाज कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। क्या? वास्तव में गांधी परिवार के राजनेता संविधान की मान्यताओं का खंडन करते हैं। ऐसे कई आरोप गांधी परिवार पर समय-समय पर लगते रहे हैं।

आइए एक नज़र डालते हैं हैं गांधी परिवार द्वारा भारतीय समाज के उत्थान में दिए गए योगदान और भारतीय राजनीति में दिए गए योगदान के संबंध में। –गांधी परिवार भारत का एक प्रमुख राजनीतिक परिवार है, जिसका देश की स्वतन्त्रता के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर करीब-करीब वर्चस्व रहा है।

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गांधी परिवार का राजनीतिक आधार मोतीलाल नेहरू 1861-1931 ने रखा था। मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील और स्वतन्त्रता सेनानी थे। वहीं, जवाहरलाल नेहरू 1889-1964 ने स्वतन्त्रता संग्राम में हिस्सा लिया और 1929 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये। जवाहरलाल नेहरू गान्धी के काफी करीब थे। और उन्होंने गांधी के साथ मिलकर आज़ाद भारत के लिए लड़ाई लड़ी।

नेहरू की पुत्री इंदिरा गांधी थी। जिनका विवाह फिरोज़ गांधी से हुआ और इसी पीढ़ी से ये वंश चल रहा है। इंद्रा गांधी पहली महिला प्रधानमंत्री रही और भारत से गरीबी हटाओ जैसे बड़े आंदोलन का आगाज़ उन्होंने किया। आज़ाद भारत की लड़ाई और भारतीय राजनीति में गांधी परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गांधी परिवार के सदस्यों में प्रमुख राजनेताओं का नाम शामिल हैं, जिनमें मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इन्दिरा गांधी, संजय गांधी, सोनिया गांधी , राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हैं।

 

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इस परिवार के तीन सदस्य – पण्डित जवाहर लाल नेहरू, इंन्दिरा गान्धी और राजीव गान्धी देश के प्रधानमन्त्री रह चुके थे। वहीं, गांधी परिवार के चौथे सदस्य राजीव गान्धी के पुत्र राहुल गान्धी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। बता दें कि, वर्तमान में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी हैं और राहुल गान्धी ने 2004 , 2009,2014 अपने पारिवारिक सीट अमेठी (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंचे और वर्तमान में राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। वहीं साल 2019 में राहुल गांधी बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से अमेठी की सीट हार गए।

हाल ही में राहुल गांधी पर विवादित बयानों के लिए मानहानि का आरोप लगाया गया है। इस आरोप ने राहुल गांधी की केरल वायनाड की संसद सदस्यता को खत्म कर दिया गया है और साथ ही 2 साल की जेल की भी सज़ा सुनाई गई है, जिसके बाद से राहुल गांधी विवादों में घिरे हुए हैं।

 

यह लेख रुखसाना (जर्नालिस्ट दलित टाइम्स) द्वारा लिखा गया है। 

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