हरियाणा में कांग्रेस का ये दांव दलितों से वोट ले पाएगा ?

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कांग्रेस ने सिरसा के पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा को बनाया अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का अध्यक्ष, इस बार चुनावों में कांग्रेस ने हरियाणा के दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में काम करने की जिम्मेदारी सुशील इंदौरा को सौंपी है। चुनावी माहौल को देखते हुए कांग्रेस का यह अहम फैसला है, क्योंकि इस बार कांग्रेस ने इरादा किया है कि वे बड़े स्तर पर हरियाणा के दलित और पिछड़ों के हित में काम करेगी साथ ही बहुमत से सरकार बनाने की रणनीति भी कांग्रेस बना रही है।

 

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अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के नए अध्यक्ष डा. सुशील इंदौरा दो बार सिरसा से सांसद रह चुके हैं, वहीं, ऐलनाबाद से भी सुशील इंदौरा एक बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस ने दलित और पिछड़ों के उत्थान के लिए कई कार्यनीतियों को लागू करने का विचार किया है। वहीं इस वर्ग को साधने के लिए पार्टी ने कई सुनियोजित कदम भी उठाने शुरू कर दिए हैं।

 

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आपको बता दें कि कांग्रेस हरियाणा के दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को केन्द्र में रख कर पहले भी ऐसा कर चुकी है। कांग्रेस ने जहां पहले प्रदेश अध्यक्ष पद पर दलित नेता के रूप में विधायक चौधरी उदयभान की नियुक्ति की थी, वहीं इस बार पार्टी ने अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद पर पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा की नियुक्ति की है, जिसका सीधा मकसद यह है कि कांग्रेस इस बार हरियाणा के दलित और पिछड़ों के हित में काम कर बहुमत से अपनी सरकार बनायेगी।

 

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आने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस द्वारा दलितों और पिछड़े लोगों को तो टारगेट किया ही जा रहा है, साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देखने में आ रहा है कि सुशील इंदौरा जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के राजनीतिक परिवार के साथ नज़र आते थे, आज वही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं और आपसी सहयोग और मेल मिलाप से डा. सुशील इंदौरा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद भी बन गाए हैं।

 

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कांग्रेस की चुनावी नीतियों के चलते हरियाणा में कांग्रेस का संगठन भले ही अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी ने दलित व पिछड़ों का भरोसा जीतने के लिए अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का गठन पहले कर लिया है। क्योंकि कांग्रेस की सोच यह है कि पार्टी नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते भले ही संगठन के गठन में देरी हो जाए, लेकिन दलितों व पिछ़डों का भरोसा जीतने के लिए पार्टी को एक सोची समझी रणनीति के तहत आगे बढ़ना होगा।

 

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आपको बता दें कि हरियाणा के पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जबकि करनाल जिले के रहने वाले डा. रमेश सैनी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी दलित और पिछड़े इलाकों का दौरा कर उनके हालातों का जायज़ा लेंगी।

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सूचना के मुताबिक पता चला है कि, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा जल्द ही दलित व पिछड़ा बाहुल्य इलाकों में जा- जा कर अपने सहयोगी सुशील इंदौरा और रमेश सैनी के साथ जनसभाएं करने वाली हैं। सांसद दीपेंद्र हुड्डा भिवानी जिले के उन गांवों में भी जनसभाएं करेंगे, जिनमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तीन दिन बिताए हैं। धनाना गांव से मंगलवार को इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। साथ ही भिवानी जिले के बाद 14 अप्रैल को दीपेंद्र हुड्डा अपने पिता भूपेंद्र हुड्डा के साथ सोनीपत में पर्दाफाश रैली करेंगे, जिसे ‘संविधान बचाओ दिवस’ अभियान के रूप में लेकर चला जा रहा है।

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