UP : पलिया गांव के प्रधान से मिलने पहुंचे चंद्रशेखर आजाद, पीड़ित परिवार को 5 करोड़ देने की मांग

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कुछ दिनों पहले आजमगढ़ के पलिया गांव के प्रधान मुन्ना पासवान के घर तोड़ फोड़ की गई। मुन्ना पासवान का रहन सहन, सवर्णों से आगे होना किसी को बर्दाश्त नही हुआ। जेसीबी से घर तोड़ने का आरोप पुलिस पर है,हालांकि पुलिस का कहना है कि प्रधान ने केस से बचने के लिए खुद तोड़ फोड़ की है।

चुनाव से पहले पुलिस प्रशासन पर दलितों के साथ अत्याचार कर आरोप ने सियासी सरगर्मी तेज करदी है।

भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद अपने शब्दों के मुताबिक 19 जुलाई को पीड़ित मुन्ना पासवान के घर मामले का जायजा लेने पहुंच गए है।

चंद्रशेखर आजाद ने 3 जुलाई को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। चंद्रशेखर ने लिखा था “जिला आजमगढ़, ग्राम पलिया के प्रधान मुन्ना पासी जी के घर पर की गई तोड़-फोड़ प्रशासन की दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण है।

योगी जी दलितों पर आपकी पुलिस द्वारा किया गया अत्याचार दलित समाज भूलेगा नहीं। मैं 19 जुलाई को पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने खुद आजमगढ़ आ रहा हूँ।”

चंद्रशेखर ने मुन्ना पासवान के घर पहुंच कर हुए नुकसान का जायजा लिया। चंद्रशेखर ने सरकार से पीड़ित परिवार को 5 करोड़ रुपये देने और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है, ऐसा न करने पर भीम आर्मी आंदोलन करेगी। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट महमूद प्राचा भी मौके पर मौजूद रहे। चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि मुन्ना पासवान का मुकदमा महमुद प्राचा के निर्देषन में लड़ा जाएगा।

यह है पूरा मामला

29 जून को, आजमगढ़ के पलिया गांव में छेड़छाड़ के मामले की जांच करने दो पुलिसकर्मी आए थे। आरोप है कि उन्होंने प्रधान मुन्ना पासवान को थप्पड़ मार दिया। जवाब में प्रधान पक्ष के कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों से मारपीट की। ग्रामीणों का आरोप है कि रात में पुलिस ने मुन्ना पासवान और पांसी समाज के कुछ लोगों के मकान तोड़ दिए साथ ही उनके जेवर और कीमती सामान लूट ले गए। पुलिस पर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप है।

पुलिस का कहना है कि मुन्ना पासवान और ग्रामीणों ने मुकदमे से बचने और पुलिस पर दवाब बनाने के लिए खुद ही अपने घर मे तोड़फोड़ करी है। आजमगढ़ पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया था कि प्रधान और उनके साथियों ने दो पुलिसकर्मियों को बुरी तरह पीटा और वर्दी भी फाड़ दी थी, उसी मारपीट के केस से बचने के लिए पुलिस पर आरोप लगाए जा रहे है।

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