पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पिछले 17 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं, उनके बारे में बता रही हैं उषा परेवा सोनम वांगचुक […]
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जेएनयू के दलित प्रोफ़ेसर विवेक कुमार जिन्होंने विश्व स्तर पर बनाई अपनी अलग पहचान
देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक दिल्ली का जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय जिसे जेएनयू के नाम से भी जाना जाता है। वहां के प्रोफ़ेसर डॉक्टर […]
‘अगला बेरोजगार कहीं मैं तो नहीं’ भारत का हर चौथा युवा क्यों सोच रहा ये बात, अलीगढ़ के ‘ITI चायवाले’ के उदाहरण से समझें
हकीकत और विज्ञापन में बहुत अंतर होता है। दिखाया कुछ जाता है और हकीकत कुछ अलग होती है। देश- प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार […]
राम आयेंगे के जवाब में पढ़ेंगे-लिखेंगे तो भाग खुल जायेंगे…गाना सोशल मीडिया पर वायरल, मिलिये इसे गाने वाली दलित लोकगायिका सीमा भारती से
झारखंड की रहने वाली सीमा भारती ने राम आयेंगे तो अंगना सजाऊंगी… के जवाब में पढ़ेंगे लिखेंगे तो भाग खुल जायेंगे… गाना गाया और यह […]
जाई खामकर एक ऐसी महिला जिन्होंने अपनी आंखे हमेशा के लिए खो दीं, पर अपने नज़रिए से बदली समाज की सोच
“मैं भले ही देख नहीं सकती लेकिन खुद को दृष्टिहीन नहीं मानती, मैं देख नहीं सकती पर मेरे पास भी एक नज़रिया है नज़र और […]
2024-25 का अंतरिम बजट आखिर जनविरोधी क्यों हैं जानिये वजह
2024-25 का अंतरिम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा 1 फरवरी को पहली बार नई संसद में “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” के […]
रामजी मालोजी सकपाल जिन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के सर्वांगीण विकास में दिया था योगदान…जानिए
रामजी मालोजी सकपाल का जन्म 14 नवंबर 1848 में हुआ था और इनकी पत्नी का नाम भीमाबाई था। रामजी सकपाल के 14 बच्चें थे और […]
भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता “रमाबाई रानाडे” जिनकी याद में जारी किया गया था डाक टिकट…पढ़िए
रमाबाई रानाडे का जन्म 1862 में आज ही के दिन 25 जनवरी को हुआ था। उनका जन्म महाराष्ट्र के सांगली जिले के छोटे से गांव […]
बाबा साहेब अंबेडकर ने क्यों कहा था कि “शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वही दहाड़ेगा”
हर साल 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम “स्थायी शांति के लिए सीखना” विषय को चुना गया है। […]
लंबे सफ़र के बाद झारखंड के “बूढ़ा पहाड़” ने ली राहत की सांस…पढ़िए
पहाड़, जंगल, नदियां और पठार झारखंड की पहचान और धरोहर हैं। इन पहाड़ों और जंगलों में आदिवासियों की एक बड़ी आबादी निवास करती हैं। यही […]