‘अगला बेरोजगार कहीं मैं तो नहीं’ भारत का हर चौथा युवा क्यों सोच रहा ये बात, अलीगढ़ के ‘ITI चायवाले’ के उदाहरण से समझें

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हकीकत और विज्ञापन में बहुत अंतर होता है। दिखाया कुछ जाता है और हकीकत कुछ अलग होती है। देश- प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार का संकट है। सरकार को युवाओं की तरफ़ ध्यान देना चाहिए…

सुषमा तोमर की रिपोर्ट

Unemployment in India : भारत भले ही वैश्विक स्तर पर 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का डंका बजा रहा है, लेकिन असल हालात ये है कि देश में लगातार बढ़ रही युवाओं की आबादी  बेरोजगार घूम रही हैं।ऊपर से पीएम मोदी की ये बात की भले ही “चाय और पकौड़े बेचो, लेकिन खुद का व्यापार करो” उन बेरोजगारों के सीने पर मूंग दल रही है, क्योंकि शिक्षित होने में अपने माँ-बाप की जितनी कमाई उन्होंने स्कूलों में जमा करवाई थी उसे कमाने के लिए जिस नौकरी का सहारा था वो उन्हें मिल ही नहीं रही।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक ऐसे ही बेरोज़गारी से परेशान युवा का दर्द सामने आया है, हालांकि अब चाय की दुकान लगाकर वो अपने घर का खर्चा चला रहा है, लेकिन बेरोजगारी के कारण जितनी तकलीफें उन्हें झेलनी पड़ी वो कहानी सभी तक पहुंचनी चाहिए।

2020 में सादाबाद से ITI इलेक्ट्रिशियन की डिग्री लेने के बाद अलीगढ़ के दीपक को लगा कि परिवार की सभी मुश्किलें खत्म हो जाएंगी। वह नौकरी करेगा और परिवार का भरण पोषण करेगा, लेकिन ITI की डिग्री लेने के बाद भी 9 से 10 हज़ार रुपए महीने की नौकरी में घर का गुज़ारा करना मुश्किल हो जाता। दीपक ने हिम्मत दिखाई और सबसे कम पूंजी वाला, चाय का धंधा शुरू किया। अलीगढ़ में कलेक्ट्रेट ऑफिस के सामने अपनी ITI चाय वाले की दुकान लगा ली।

दीपक ने अपनी उतार-चढ़ाव की ज़िंदगी का अनुभव लेते हुए वर्तमान भारत सरकार पर तंज किया। उन्होंने कहा, “हकीकत और विज्ञापन में बहुत अंतर होता है। दिखाया कुछ जाता है और हकीकत कुछ अलग होती है। देश- प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार का संकट है। सरकार को युवाओं की तरफ़ ध्यान देना चाहिए।” सरकार को चाहिए की वो ज़्यादा से ज़्यादा नौकरियों का सृजन करें।

आकर्षित करता है ITI चाय वाला :

ज़रूरी नहीं कि चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री ही बने, देश में बेरोजगारी का दौर ऐसा है कि कंपनियों में काम करने वाली उम्र का हर 5वां युवा चाय या समोसे बेच रहा है। अलीगढ़ के इस “ITI चाय वाला” के पोस्टर को देख कर लोग खिंचे चले आते हैं। और दीपक के हाथ से बनी चाय की चुस्कियां लेते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दीपक की चाय पीने आए लोगों ने बताया कि ITI चाय वाला नाम आकर्षित करता है। साथ ही उसकी चाय की भी जमकर तारीफ़ की। बहरहाल, दीपक की चाय की बिक्री से ठीक ठाक आमदनी आ रही है और उसके घर का गुज़ारा भत्ता चल रहा है।

69 हज़ार लोग नौकरी के लिए लगातार दे रहे धरना :

लेकिन उत्तर प्रदेश में बीते 5 सालों से 69 हज़ार शिक्षक अपनी नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। 69 हज़ार शिक्षक भर्ती में आरक्षण का घोटाला किया गया जिसकी वजह से हज़ारों की संख्या में दलित और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से महरूम होना पड़ा। यह लोग लगातार 5 सालों से न्याय के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहें हैं। मुख्यमंत्री आवास से लेकर शिक्षा मंत्री तक के दरवाजे खटखटाते हैं। लेकिन उनकी समस्या का समाधान न तो अभी तक हुआ है और न ही उन्हें नियुक्ति पत्र दिए गए हैं।

 

 

बेरोजगार युवा आत्महत्या को मजबूर :

अब उत्तर प्रदेश के दो ऐसे मामले सुनिए जो आपको सोचने पर विवश कर देंगे। पहला मामला उत्तर प्रदेश के कन्नौज का है। जहाँ पुलिस भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद एक युवक ने अपनी डिग्रियों को आग लगाकर खुद आत्महत्या कर ली। युवक ने एक सुसाइड नोट में लिखा कि, “ऐसी डिग्री होने का क्या फायदा जो एक नौकरी तक ना दिला सके।” वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की एक युवती ने बेरोज़गारी के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने भी यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा दी थी लेकिन पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द होने के बाद वो डिप्रेशन में थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक युवती काफी समय से नौकरी के लिए प्रयास कर रही थी।

भारत में क्या है बेरोजगारी दर :

भारत में बीते तीन सालों की बेरोजगारी दर देखी जाए तो साल 2021 में 4.2 प्रतिशत, साल 2022 में 3.6 प्रतिशतऔर साल 2023 में 3.1 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी। यह आंकड़े आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण [Periodic Labour Force Survey (PLFS)] के है। फोर्ब्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2024 में भारत की बेरोजगारी दर 6.57 है। हालांकि बीते तीन सालों की ये दरें लगातार  घट रही है, यानी बेरोज़गारी दर पहले से सुधरी है लेकिन सिर्फ इन आंकड़ों से मान लेना की रोजगार को लेकर भारत के हालात ठीक हैं, इस नतीजे पर पहुंचना सही नहीं होगा।

आइए एक नज़र भारत की साक्षरता दर पर डालते हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पिछली जनगणना (2011) की तुलना में भारत में साक्षरता दर 2023 में 5% बढ़कर 77.7% हो गई है। इसमें केरल 96.2% साक्षरता दर के साथ सबसे आगे है। वहीं यूनेस्को की एक रिपोर्ट कहती है कि आने वाले साल 2060 में भारत सार्वभौमिक साक्षरता हासिल कर लेगा। लगातार बढ़ती जनसंख्या और उनमें भी युवाओं की भागीदारी और लगातार बेरोजगारी के कारण आत्महत्या करते युवाओं का आंकड़ा उससे कहीं ज्यादा है। इस समय भारत में हर चौथे युवा का एक ही सवाल है कि अगला बेरोजगार कहीं मैं तो नहीं..?

 

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