महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर बनी यूनिवर्सिटी में क्यों हो रही लापरवाही, छात्र हो रहे परेशान

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Educational news : छात्र जीवन में हर बच्चा यह सपना देखता है कि वह एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेगा और अपने जीवन में तरक्की हासिल करेगा। लेकिन उत्तर प्रदेश के बरेली के एक विश्वविद्यालय के आलसीपन और अव्यवस्था ने छात्रों का जीना दुश्वार कर दिया है। छात्र अपने विश्वविद्यालय की हरकतों से परेशान है। साथ ही यह विश्वविद्यालय महात्मा ज्योतिबा फुले की छवि को भी खराब कर रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि यह विश्वविद्यालय महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर है। दरअसल हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी की।

बच्चे क्यों हैं परेशान :

बरेली की रूहेलखंड यूनिवर्सिटी लगातार ऐसी हरकतें कर रही है जिससे यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बच्चों को मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस यूनिवर्सिटी ने तीज त्यौहार वाली दिनों पर स्नातक श्रेणी के एग्जाम की डेट डिक्लेयर कर दी थी। यूनिवर्सिटी ने जुमा अलविदा यानी 5 अप्रैल और झूलेलाल जयंती और ईद उल फितर के दिन परीक्षाएं रख दी हैं। जिसके बाद छात्र संगठनों ने पेपर तय तारीख से हटाने की मांग की है। बता दें कि यह तारीख लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यूनिवर्सिटी ने संशोधन के बाद 19 मार्च को जारी की थी लेकिन इसमें तीज त्योहारों का ध्यान नहीं रखा गया।

यूनिवर्सिटी कर रही भ्रमित :

जानकारी के मुताबिक गुरुवार 4 मार्च को यूनिवर्सिटी ने दो बार PG की डेट शीट में बदलाव किया। पहले करीब साढ़े 3 बजे डेट शीट को बदला गया वहीं फिर एक घंटे बाद फिर PG की डेट शीट में बदलाव ककर उसे जारी किया गया। हालांकि साइट पर मौजूद डेट शीट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने 5 अर् 11 तारिक़ को PG का एग्जाम हटा दिया है। लेकिन 9 और 12 तारीख़ को PG के स्टूडेंट्स को एग्जाम देने जाना पड़ेगा। ऐसे में छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी उन्हें बार बार भ्रमित कर रहा है। छात्रों को बार बार एडमिट कार्ड डाउनलोड करना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में छात्रों तक सूचना ही नहीं पहुंच रही वहीं डर इस बात का लग रहा है कि हमारी परीक्षा छूट ना जाए ?

बरेली कॉलेज ने दी छुट्टियां :

बता दें कि गुरुवार को बरेली कॉलेज के प्राचार्य ने विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर परीक्षा कार्यक्रम में संशोधन की मांग की थी। उन्होंने कुलपति से कहा, ” उन्होंने कहा कि स्नातक की परीक्षाएं चल रही हैं। पांच अप्रैल से बीएड एमएड के पेपर शुरू हो जाएंगे। वहीं नौ अप्रैल से परास्नातक की परीक्षा भी होने लगेंगी। पहली पाली में एक साथ करीब छह हज़ार छात्र कॉलेज में पहुंचेंगे। इससे परीक्षा कराने में दिक्कत होगी। ऐसे में कुछ संशोधन किया जाए।” इसी के साथ बरेली कॉलेज ने अपने छात्रों के लिए 5 अप्रैल, 9 अप्रैल, 11 अप्रैल, 14 अप्रैल, 17 अप्रैल और 21 अप्रैल को पर्वों के चलते अवकाश घोषित किया है।

छात्रों में नाराज़गी :

परीक्षा कार्यक्रम को लेकर छात्र संगठनों ने परीक्षा नियंत्रक के व्यवहार पर भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि परीक्षा नियंत्रक कभी भी फोन नहीं उठाते हैं। छात्रों की मांग को सिरे से खारिज कर दिया जाता है। पर्व-त्योहार पर परीक्षाएं न कराने की पहले ही मांग की गई थी, मगर परीक्षा नियंत्रक ने उस पर ध्यान नहीं दिया। अब इससे समस्या हो रही है। छात्रों ने कहा कि यदि व्यवहार में बदलाव नहीं हुआ तो कुलाधिपति से शिकायत की जाएगी। परीक्षा नियंत्रक ने आरोपों का खंडन किया है।

महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम के साथ खिलवाड़ :

महात्मा ज्योतिबा फुले जिन्होंने अपना पूरक जीवन दलित और शोषितों को शिक्षित करने के लिए कुर्बान कर दिया उन्हीं के नाम पर बनाए गए विश्वविद्यालय में ऐसी गलतियां और लापरवाही देखने को मिल रही है जो छात्रों को बेहद परेशान कर देने वाली है। बहरहाल, परीक्षाओं की तारीखों को बदल दिया गया है लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कब यह फैसला फिर बदल दिया जाए.. ।

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