पांचवे फेज़ के चुनाव में हिंसा का स्पॉट बना बिहार का छपरा, अब तक क्या हुई कार्यवाही.. जानिए

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लोकसभा चुनावों के पांचवे फेज़ में बिहार की कई सीटों पर मतदान हुआ  लेकिन बिहार के छपरा में ये मतदान हिंसक रहा। कई लोगों की हिंसा में जान चली गयी तो कई लोग घायल हुए । मामले को सबने लपका और राजनीतिक पार्टी ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शूरू कर दिया। बिहार के छपरा की हिंसा से जुड़ी सारी जानकारी बता रहीं है.. अनुष्का रती जो हमारे साथ इंटर्नशिप कर रही हैं… 

 

Bihar Violence: बिहार में चुनावी माहौल हमेशा से गरम रहता है। हाल ही में हुई छपरा की हिंसा ने फिर से सबको चौका दिया है। 21 मई को पांचवें चरण के चुनाव के बाद छपरा में हिंसा की घटनाओं का आगाज हुआ। सारण जिले में 20 मई को हुए चुनाव में मुख्य मुकाबला आरजेडी और बीजेपी के बीच थी, जो राजनीतिक तौर पर एक दूसरे के एकदम विरुद्ध हैं। चुनाव के दिन से ही दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट और झड़प की खबरें सामने आने लगी थी, लेकिन 21 मई को उसकी आग बढ़ती हुई देखने को मिली।

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चुनावी झगड़ा: सारण जिले में 20 मई को हुए चुनाव के दौरान ही आरजेडी और बीजेपी के नेताओं ने एक दूसरे पर मतदान में गड़बड़ी करने का आरोप और बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। सबसे पहले बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने आरोप लगाया की आरजेडी के कार्यकर्ता उद्दंडता पर उतर आए हैं। मार-पीट कर रहें हैं। उसके बाद आरजेडी की उम्मीदवार रोहिणी आचार्य ने कहा की बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने एक बूथ पर उनके लिए अपशब्द का प्रयोग किया।

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हिंसा की रात: दूसरे दिन 21 मई की सुबह खबर आई की बीजेपी और आरजेडी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प के साथ गोलियां चली और मारपीट भी हुई। उस गोली बारी में दो लोग बुरी तरह घायल हो गए और एक की मौत हो गई। इसके बाद तनाव बढ़ गया। मरने वाला शख्स आरजेडी का कार्यकर्ता बताया गया है। घटना के बाद पुलिस भी एक्शन में आई और किसी तरह हालत पर काबू पाया।

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गोलियों की रात: इसके बाद घायल हुए एक युवक गुड्डू ने पीएमसीएच में बताया की तीन लोगों को गोली लगी है। जिसमें से एक व्यक्ति के सिर में गोली लगी है। इस बीच आरजेडी प्रत्याशी रोहिणी आचार्य पीएमसीएच पहुंची और वहां भर्ती आरजेडी कार्यकर्ताओं से मिलीं।

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राजनीति का रंग: इस घटना पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग हैं ऐसे जो हार की बौखलाहट से इस तरह का काम करते हैं। चुनाव में हिंसा की कोई जगह नहीं है। जो घटना हुई उसमें दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं और बाकी के दो फरार हैं। प्रशासन ने भरोसा दिया है की शाम तक जो बाकी के दो लोग हैं उनको भी पकड़ लिया जाएगा।

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बीजेपी का नेतृत्व: छपरा गोली कांड में पुलिस ने रमाकांत सिंह सोलंकी नाम के एक बीजेपी नेता को हिरासत में लिया है। वह बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं। लोगों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। घटना के पीछे रमाकांत सोलंकी को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है। वहीं, सारण जिले के एसपी गौरव मंगला ने बताया की दो दिन के लिए सारण जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। घायल लोगों को इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया है।

 

जेडीयू का बयान:इस घटना पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा की जांच के बाद सच्चाई का पता चल जाएगा। उन्होंने ये भी कहा की रोहिणी आचार्य की हार निश्चित है। मामले की जांच हो रही है इससे पता चल जाएगा। वहीं जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने छपरा की घटना पर कहा की इतिहास गवाह है कि लालू यादव का परिवार जब जब चुनाव लड़ा है या वह स्वयं लड़े हैं तो सामाजिक उपद्रव हुआ ही है।

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विरोधाभास: छपरा की घटना पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा की इस तरह हार से कौन बौखलाता है, इसको बोलने की जरूरत नही है। छपरा की घटना की पटकथा आरजेडी के लोगों ने ही लिखी है। निर्वाचन आयोग का जो प्रोटोकॉल है उसका भी उल्लंघन किया गया है। उनके कई सहयोगी बूथ पर जिस तरह से उत्पात मचाया, इससे बढ़कर दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता है। पूरे बिहार में चुनाव के दौरान कहीं कोई घटनाएं नहीं घटी। छपरा में जानबूझकर डिस्टर्ब किया गया है, क्योंकि वहां से आरजेडी हार रही है।

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बीच बाजार की घटना: छपरा की घटना पर बीजेपी के वकील एसडी संजय ने प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को बताया की मंगलवार की सुबह एक व्यक्ति चौक पर चाय पीने गया था उनको बीजेपी का समर्थक मान कर उनको बहुत मारा पीटा गया। जब उसका विरोध किया गया तो 1000 की संख्या में लोग घरों में घुसकर के मारने पीटने लगे। एक पक्ष का कहना है कि घर पर अगर लोगों का भीड़ आएगी तो क्या अपनी जान बचाने के लिए हमें अपनी सुरक्षा करने का अधिकार नहीं है। भारतीय दण्ड विधान ने भी यह अधिकार दिया है की अगर हमें कोई जान से मारना चाहता है तो खुद को बचाने के लिए हम सामने वाले की जान ले सकते हैं। यह जांच का विषय है, इस पर जांच की जा रही है की वह कौन है और उनको किसने इस घटना को अंजाम देने को कहा था।

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पोस्ट कर दी जानकारी: दूसरी तरफ पुलिस ने इस पूरे मामले पर पोस्ट कर जानकारी दी है कि जिला के नगर थाना अंतर्गत हुई घटना में 2 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है। घटनास्थल और आस-पास के इलाके में मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है। अर्धसैनिक बाल भी क्षेत्र में लगातार फ्लैग मार्च कर रहें हैं। विधि व्यवस्था पूरी तरह से सामान्य है।

पुलिस ने इस मामले में क्या कहा: पुलिस ने कहा, घटना के तुरंत बाद हमें 2 शख्स हिरासत में लिए हैं और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। अर्धसैनिक बल फ्लैग मार्च कर रहें हैं ताकि लोगों में सुरक्षा की भावना बनी रहे। यह मामला फिलहाल जांच के अधीन है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है की असली गुनहगार कौन हैं और किस पर क्या आरोप सिद्ध होते हैं।

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