कासगंज पुलिस कस्टडी में हुई एक युवक की मौत,परिवार ने लगाया पुलिस पर आरोप

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उत्तर प्रदेश में पुलिस की कस्टडी में मौतों की घटनाएं आम बनती जा रही है।उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद की सदर कोतवाली की हवालात में बंद एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है.बताया जा रहा है कि एक लड़की को भगाने के आरोप में युवक को पूछताछ के लिए सोमवार को पुलिस चौकी नदरई गेट पर लेकर आई थी. हालाँकि पुलिस के मुताबिक युवक ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया.

इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, इस घटना के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया है. हालांकि, एसपी रोहन पी बोत्तरे लापरवाही के आरोप में कासगंज कोतवाल समेत दो दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.अभी कुछ दिन आगरा के सफाईकर्मी अरुण वाल्मिकी मौत का मामला काफी सुर्खियों में रहा था.अब वैसा ही मामला पड़ोस के जिले कासगंज ( kasganj) में देखने को मिल रहा है तब सवाल उठने लगे हैं कि, क्या उत्तर प्रदेश में दलित,पिछडे और अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ पुलिस गैर-जिम्मेदाराना बर्ताव कर रही है ?

उत्तर प्रदेश के कासगंज में 21 साल के अल्ताफ की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। पुलिस के दावे में काफी झूठ नजर आ रहे हैं। पिता का आरोप है कि, उसके बेटे को मारकर लटकाया गया है।अल्ताफ के पिता चांद ने बताया कि, पुलिस ने अल्ताफ पर लड़की भगाने का आरोप लगाया था जिस वजह से वह खुद जाकर स्थानीय चौकी में अल्ताफ को पुलिस के हवाले करके आते हैं। जहां से उन्हें बाद में भगा दिया जाता है।लेकिन उसके 24 घंटे बाद उन्हें बताया जाता है कि, अल्ताफ ने फांसी लगाकर जान दे दी है।वहीं कासगंज एसपी बोथरे रोहन प्रमोद ने अल्ताफ की मौत को एक महज एक घटना बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया है।

एसपी के अनुसार- अल्ताफ ने वॉशरूम में जाकर गले की हुड से डोरी निकालकर नल से फांसी लगाकर जान दे दी। जिस कारण लापरवाही का कारण देखते हुए 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए।अब सवाल उठता है कि, वाशरूम में लगे नल से कोई फांसी कैसे लगा सकता है ? मामले में जांच ना करते हुए सीधे पुलिसकर्मियों क़ो क्लीन चिट कैसे दिया। परिजनों के आरोप को क्यों अनसुना किया गया ?ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब सिर्फ
अब अल्ताफ के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।

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