योगी सरकार ने इस बजट में दलितों के लिए पिछले साल से 19417 करोड़ रुपये ज्यादा किया जारी, मगर बहुत कम योजनाओं से पहुंचेगा दलितों को लाभ

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योगी सरकार द्वारा जारी इस साल के बजट में 121 स्कीमों जो नॉन टारगेटिड स्कीमें हैं, में 4014.17 करोड़ रूपये का एक तरह से सीधा डायवर्जन किया गया है जिससे दलितों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं मिलता है….

Lucknow news : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का बजट 5 फरवरी 2024 को पेश किया गया। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने पहले ही दावा कर दिया था कि इस बजट में सभी को कुछ न कुछ मिलेगा और योगी सरकार का बजट राज्य के लोगों के लिए समृद्धि लाएगा। यह विकास को गति तो देगा ही, साथ ही 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे बढ़ेगा। ठीक लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पेश किये गये उत्तर प्रदेश सरकार का सत्र 2024-25 का कुल बजट 6736437.71करोड़ है।

हालांकि दलितों के लिए योगी सरकार ने कुल 43963 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, मगर बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच और नेशनल दलित वाॅच समेत कई अन्य दलित संगठनों का दावा है कि इससे दलितों को सीधे कोई लाभ नहीं मिलता है।

वित्तमंत्री सुरेश खन्ना की बजट स्पीच के अनुसार यूपी सरकार का कुल स्कीम बजट 242609.44 करोड़ है। इस वर्ष अनुसूचित जाति के लिए एससी के अंतर्गत जारी कुल बजट 43963 करोड़ रूपये है, जबकि पिछले साल सरकार ने 24546 करोड़ रुपये दिए थे, जोकि पिछले साल से 19417 करोड़ रूपये अधिक है।

इस वर्ष के बजट में अनुसूचित जाति के लिए एससी बजट के अंतर्गत जो 43963 करोड़ रूपये दिए गये हैं, उसमें कुल टारगेटिड स्कीम में 11547 करोड़ व नॉन टारगेटिड स्कीम में 32415 करोड़ रुपये जारी किया किया गया है।

मगर इन दावों की असलियत है कि योगी सरकार द्वारा जारी इस साल के बजट में 121 स्कीमों जो नॉन टारगेटिड स्कीमें हैं, में 4014.17 करोड़ रूपये का एक तरह से सीधा डायवर्जन किया गया है जिससे दलितों को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं मिलता है। जैसे राज्य/प्रमुख/अन्य जिला मार्गों के कार्यों हेतु 565.31 करोड़, उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड को वितरण नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु अंशपूंजी में 400 करोड़, राज्य मार्गों के चौडीकरण, सुद्रीकरण 457.63 करोड़ इत्यादि।

इस साल के बजट में बहुत ही कम योजनायें ऐसी हैं, जिनसे दलितों को सीधा लाभ पहुंचेगा। हालांकि योगी सरकार की कुछ अच्छी स्कीमें हैं, मगर उनमें बजट बहुत ही कम दिया गया है।

बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश में भी कर्नाटका, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश की तरह अनुसूचित जाति घटक और अनुसूचित जनजाति घटक को कानून बनाया जाये! इस वर्ष 2024.25 के बजट की धनराशि को जो दूसरे मदों में डायवर्जन की गई है, उसे वापस किया जाये। इसके अलावा दलितों के सीधे विकास के लिए योजनायें बनाई जायें जिससे दलितों का सीधा विकास हो और एससीपी/टीएसपी गाईड लाइन का पूर्णतया अनुपालन किया जाये !

साथ ही आपदा व जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए विशेष बजट का प्रावधान हो व दलित-वंचित समुदाय के लोगों का पुनर्वासन एव राहत के समय विशेष ध्यान दिया जाये!

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