जाति भेदभाव की चर्चा से क्यों भागा गूगल ?

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पहले तो भारत में दलितों को आगे बढ़ने से रोका जाता रहा है, परंतु अब यह बीमारी अमेरिका तक जा पहुंची है, कल की ही बात है सर्च इंजन गूगल में जाति की समस्या पर एक चर्चा होने वाली थी जिस पर इक्वलिटी लैब की संस्थापक थेममोझी सौंदराराजन को बुलाया गया था परन्तु चर्चा को तथाकथित सवर्ण जाति के गूगल कर्मचारियों ने रद्द करवा दिया ये बोल कर की थेममोझी सौंदराराजन अगर जाति भेदभाव पर चर्चा करेंगी तो “हमारी जान को खतरा हो जायेगा” ।

दरअसल गूगल की और से जाति भेदभाव पर चर्चा होनी थी जिसमे गूगल की सीनियर मैनेजर तनूजा गुप्ता ने इक्वलिटी लैब की संस्थापक थेममोझी सौंदराराजन को चर्चा में बोलने के लिए बुलाया था, जिसपर गूगल में काम कर रहे सवर्ण जाति के लोगो ने विरोध किया और थेममोझी सौंदराराजन को ” हिन्दू फोबिया” और “एंटी हिन्दू” बोला जिस पर गूगल में तनाव बढ़ा और प्रोग्राम रद्द हो गया और तनूजा गुप्ता के विरोध में अभियान चलाया गया जिसके कारण गूगल की सीनियर मैनेजर तनूजा गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया।

तनूजा गुप्ता ने फिर से प्रयास किया की चर्चा दोबारा हो लेकिन विरोध करने वाले ग्रुप ने यह बोला की “अमेरिका में कोई जाति नहीं होती है और जाति भेदभाव अमेरिका में नहीं चलता है” साथ ही ये भी कहा की उत्पीड़ित जाति कम पढ़ी लिखी होती हैं, ये भी कुतर्क दिया की जाति भेदभाव पर बात करना ” उल्टा सवर्ण जाति के साथ भेदभाव है” ।

इक्वलिटी लैब की संस्थापक थेममोझी सौंदराराजन ने गूगल सीईओ सुन्दर पिचाई को लिखा की “मैं इस घटना को लेकर चिंतित हूँ और मैं चाहती हूँ की गूगल के कर्मचारी जाति भेदभाव को अच्छे से समझे।

आगे थेममोझी सौंदराराजन, सुन्दर पिचाई को लिखती है की वे दोनों तमिल हैं – जबकि वह एक ब्राह्मण परिवार से हैं, वह दलित परिवार से हैं। “यहां तक ​​​​कि मेरे जैसे सलाहकार को भी आपके नेतृत्व वाली कंपनी में जातिवादी धब्बा का सामना करना पड़ रहा है। कल्पना कीजिए कि अगर Google में एक जाति-उत्पीड़ित कार्यकर्ता आगे आने की हिम्मत करता है, तो उसे क्या करना होगा।
सोशल मीडिया पर भी काफी लोग इस मुद्दें को उठा रहे है वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिखते है कि

https://twitter.com/Profdilipmandal/status/1532910736866828288?s=20&t=qhoN8bXuTMdCbzWvZ0fLTw

 

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने भी इस पर मांग उठाते लिखा

https://twitter.com/BhimArmyChief/status/1532804353408479232?t=gY43Sd0Mf61dKR4195N_7A&s=08 

सामाजिक कार्यकर्ता सूरज कुमार बौद्ध ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी

https://twitter.com/SurajKrBauddh/status/1532974218685857792?t=s7GhT-tlCadYGxERWtvFjg&s=08

तो वहीँ सोशल मीडिया एक्टिविस्ट संजुक्ता बासु ने इस पुरे विवाद पर ही ऊँगली उठाई है.

https://twitter.com/sanjukta/status/1532927467857453056?t=AHkr-J–0ax16EZMcoD2-A&s=08

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