‘अखिलेश यादव के शासन में बदले दलित महापुरुषों पर नामित जिलों के नाम’, मायावती ने दलित-मुस्लिम समाज से की सपा को वोट न देने की अपील

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मायावती ने अल्पसंख्यक समुदाय अपील की कि वे अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के रवैये और टिकट के लिए कैंडिडेट के चुनाव में अपनी जाति को तवज्जो देने के फैसले को याद रखें और अपने हित में केवल बसपा को वोट करें। सपा को वोट देकर अपना एक भी वोट खराब न करें…

BSP Supremo Mayawati Kannauj Election Rally : बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार चुनावी रैलियां कर रही हैं और भाजपा के साथ सपा—कांग्रेस पर भी हमलावर हैं। आज 9 मई को कन्नौज में एक चुनावी सभा में अखिलेश यादव और उनके परिवार पर बसपा सुप्रीमो ने जबर्दस्त हमला बोलते हुए मुस्लिम और दलित समाज से उन्हें एक भी वोट न देने की अपील तक तक डाली।

आज कन्नौज में चुनावी सभा में यादव परिवार और समाजवादी पार्टी पर बरसते हुए मायावती बोलीं कि अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में दलित समाज के गौरव महापुरुषों पर नामित यूपी के तमाम जिलों के नाम बदले का दुष्कृत्य किया था। उन्होंने कहा कन्नौज में मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है, मगर समाजवादी पार्टी इस समुदाय को हमेशा दरकिनार करती है, मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट नहीं देती है।

मायावती समाजवादी पार्टी पर हमलावर होते हुए बोलीं, “कन्नौज में मुस्लिम समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है, लेकिन समाजवादी पार्टी मुसलमानों को टिकट नहीं देती है। वह ऐसा तब करती जब उसके पास अपने परिवार से अलग समय हो। समाजवादी पार्टी ने तमाम यादवों को चुनावी मैदान में उतारा है। यादव परिवार पर हमलावर होते हुए मायावती बोलीं, उन्हें टिकट देने के लिए परिवार से ही फुर्सत नहीं मिलती है, इसलिए सपा परिवार से यादव खड़े होते हैं। जब बहुजन समाज पार्टी ने मुसलमानों को अधिकार दिया तो समाजवादी पार्टी इसे पचा नहीं पायी। मायावती ने अल्पसंख्यक समुदाय अपील की कि वे अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के रवैये और टिकट के लिए कैंडिडेट के चुनाव में अपनी जाति को तवज्जो देने के फैसले को याद रखें और अपने हित में केवल बसपा को वोट करें। सपा को वोट देकर अपना एक भी वोट खराब न करें।

गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने भी अपनी चुनावी रैली में कुछ इसी तरह की अपील की थी। अखिलेश ने कहा था कि बसपा को वोट देने से बेहतर है कि लोग भाजपा को वोट दे दें, बसपा को वोट देकर अपना वोट खराब न करें। उसी तर्ज पर आज मायावती ने भी अखिलेश यादव पर हमला बोला है।

चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बहन जी ने कहा, ‘जब उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार थी तो मैंने बहुत काम किये, लेकिन राजनीतिक विरोधियों, खासकर समाजवादी पार्टी को समाज के दबे-कुचले तबके में जन्मे महापुरुषों को सम्मान दिया जाना कतई रास नहीं आया। सत्ता में आने के बाद समाजवादियों ने दलित महापुरुषों के नाम पर रखे गए अधिकांश जिलों, पार्कों और संस्थानों के नाम बदल दिए। जब बसपा सत्ता में थी तो वाराणसी से अलग एक नया जिला भदोही बनाया गया और इसका नाम संत रविदास के नाम पर रखा था, मगर उसे भी बदलकर अखिलेश यादव ने भदोही कर दिया।

अपने चिर—परिचित तेवरों में समाजवादी पार्टी पर गरजते हुए मायावती बोलीं, “दलित, पीड़ित और पिछड़े वर्ग के संतों—गुरुओं और महापुरुषों के प्रति इतनी ज्यादा नफरत भरी पड़ी है इनमें। उन्हें यह अधिकार किसने दिया? उन्हें दलितों और वंचितों को वोट देने के लिए कहने का क्या अधिकार है? आपको ऐसी पार्टी को वोट नहीं देना चाहिए और माफ भी नहीं करना चाहिए। सपा को दलितों से वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।”

मायावती ने अखिलेश यादव के शासन में प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने की तरफ भी वोटर्स का ध्यान इंगित करवाया।

इलेक्टोरल बॉन्ड पर भी जमकर बरसीं बसपा सुप्रीमो

बसपा प्रमुख मायावती ने इलेक्टोरल बॉन्ड का हवाला देकर बहुजन समाज पार्टी को पाक साफ बताते हुए कहा हमारी पार्टी कभी भी धन्नासेठों से पैसे नहीं लेती और अब इस बात की गवाही सुप्रीम कोर्ट के खुलासे में भी मिल चुकी है। हम हमेशा से अपने कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों से मिले आर्थिक सहयोग से ही पार्टी की गतिविधियां संचालित करते हैं। दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस की कथनी और करनी में बहुत फर्क है।

गौरतलब है कि कन्नौज से बसपा ने इमरान बिन जफर को टिकट दिया है। यहां चौथे चरण के चुनाव में 13 मई को मतदान होना है। कन्नौज के अलावा चौथे चरण में इटावा और फर्रुखाबाद में भी मतदान होना है।

हालांकि इस बीच बसपा सुप्रीमो अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और बसपा के नेशनल कॉर्डिनेटर पद से हटाने के बाद से भी सवालों के घेरे में हैं। अब इस पर उनके भतीजे आकाश ने भी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है, ‘आदरणीय बहन मायावती जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनीतिक ताकत मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है। आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पे। भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा। जय भीम, जय भारत।”

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