टिकैत परिवार के गढ़ में जब बसपा ने सेंधमारी कर तोड़ दिया था भाकियू का मिथक, हार गए थे राकेश टिकैत

Khatauli Assembly
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मुजफ्फरनगर जिले में विधानसभा की कुल 6 सीट आती हैं, खतौली सीट भी उन्हीं में से एक है. जनपद मुजफ्फरनगर राज्य का वह जनपद है जो भारत की दो प्रमुख नदियों गंगा और यमुना के बीच बसा हुआ है. यहां की उपजाऊ भूमि के कारण किसान व मजदूर काफी सम्पन्न हैं. गन्ना और गेहूं यहां प्रमुख रूप से उगाया जाता है।

खतौली विधानसभा एक समय पश्चिमी यूपी में राजनीती का बड़ा केंद्र रहा करती थी। इस सीट से पता चलता था की चुनाव में किसानो का रुख क्या है। 2007 तक भाकियू का मुख्यालय सिसौली इसी विधानसभा क्षेत्र का भाग था और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के किसान राजनीति में उदय होने के बाद कई चुनावों में खतौली से कौन विधानसभा में जाएगा, इसको सिसौली तय करती रही। 2007 में जब भाकियू ने अराजनैतिक स्वरूप त्याग किया और राकेश टिकैत चुनाव में उतरे तो लोगों ने इस मिथक को तोड़ दिया।

खतौली विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज सौ किलोमीटर की दूरी पर है. खतौली, मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर बसा है. इस विधानसभा क्षेत्र में दो चीनी मिल हैं. खतौली नगर में स्थित त्रिवेणी मिल एशिया की सबसे ज्यादा गन्ने की पेराई करने वाली मिल है. खतौली विधानसभा में दूसरी मिल मंसूरपुर गांव में डीसीएम मिल है. कभी ये सीट पश्चिमी यूपी की सियासत का केंद्र हुआ करती थी.

2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के विक्रम सिंह चुनाव जीतकर विधायक बने थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के चंदन सिंह चौहान को हराया था. इस चुनाव में विक्रम सिंह को 94771 वोट, जबकि दूसरे नंबर पर रहे सपा के उम्मीदवार चंदन सिंह को 63397 वोट मिले थे. वहीं बसपा के शिव सिंह सैनी को 37380 वोट मिला था और वह तीसरे नंबर पर थे. चौथे नंबर पर रालोद (RLD) के शहनवाज राणा थे उन्हें 12846 वोट मिला था.

खतौली सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो साल 2002 के चुनाव में इस सीट से आरएलडी के राजपाल सिंह बालियान ने सपा के प्रमोद त्यागी को 28171 वोट से हरा दिया था. 2007 में बसपा के योगराज सिंह ने आरएलडी के राजपाल सिंह बालियान को 16021 वोट से मात दे दी. 2012 में आरएलडी के करतार सिंह भड़ाना ने बसपा के ताराचंद शास्त्री को 5875 वोट हराकर फिर से ये सीट आरएलडी के पाले में कर दी. 2007 के विधानसभा चुनाव में राकेश टिकैत भी इस सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे और चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा था।

जातिगत समीकरण

खतौली विधानसभा सीट के करीब 3 लाख वोटर्स में 77 हजार मुस्लिम, 57 हजार चमार, 27 हजार सैनी, 19 हजार पाल और करीब 17 हजार कश्यप वोटर हैं. इनके अलावा यहां गुर्जर, प्रजापति, जाट, ठाकुर और वैश्य वोटर भी अधिक मात्रा में हैं.

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