“आपकी नज़र में मैं भारतीय नहीं,आदिवासी हूँ” कहकर आदिवासी IRS ने ट्रोलर को समझा दिया आरक्षण का महत्व 

Share News:

आप जैसे लोग आरक्षण को बैकडोर एंट्री कहते हैं, जज करते हैं, तिरस्कार करते हैं, भेदभाव करते हैं… आप जैसे लोग समाज को बाँटते हैं। आपकी निराशा से सहानुभूति है – किंतु आपके निजी दुखों का कारण आरक्षण नहीं है…

Jharkhand : सोशल मीडिया पर आए दिन आरक्षण को लेकर कई मिथ और अनर्गल बातें आपको सुनने या पढ़ने के लिए मिल जाएंगी। कुछ आरक्षण के विरोधी होते हैं कि उसे बैकडोर एंट्री कहते हैं। वहीं किसी बड़े एग्जाम का रिजल्ट जब आता है तो ब्राह्मणवादी और मनुवादी विचारधारा के लोग अपना सिलेक्शन न होने का ठीकरा आरक्षण पर और आरक्षण का लाभ लेने वाले यानी SC, ST और OBC वर्ग पर थोप देते हैं। सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही मामला सामने आया है।

यह भी पढ़े : कौन है संदेशखाली कांड का खलनायक शाहजहां शेख, जो राजनीतिक संरक्षण में ईंट-भट्टा मजदूर से बन गया ‘खौफ’ का दूसरा नाम

आरक्षण मतलब बैकडोर से एंट्री ?

दरअसल सोशल मीडिया पर मनुवादी विचारधारा का एक व्यक्ति जिसका नाम सोशल मीडिया पर राजेश चंद्राहै वह झारखंड की IRS निशा सिंहमार को सोशल मीडिया पर कह रहा है कि Upsc के एग्जाम में तुम्हारा बैकडोर से एंट्री हुआ है हालांकि वह पहला व्यक्ति नहीं है जो किसी दलित, आदिवासी या OBC वर्ग के इंसान को ये बता रहा है कि तुम आरक्षण धारी होइससे पहले दी लल्लनटॉप की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई जिसमें एक लड़की कह रही है कि उसका नंबर JEE में सिर्फ इसलिए नहीं आया क्योंकि कम नंबर लाकर आरक्षण वाले JEE में एडमिशन ले गए। हालांकि फिर सारी पोल पट्टी खोलकर सोशल मीडिया पर लोगो ने इस लड़की को जमकर लताड़ा था।  बताया था कि लल्लनटॉप के वायरल वीडियो में जो लड़की आरक्षण पर रोती हुई दिख रही थी उसकी आईआईटी जेईई में रैंक 5 लाख थी।  

 

 IRS निशा सिंहमार ने ट्रोलर को लताड़ा 

अब मुद्दे पर वापस लौटते हैं और आपको बताते हैं कि IRS निशा सिंहमार ने उस ट्रोलर्स को क्या जवाब दिया जिसने उन्हें बैकडोर से एंट्री करने वालाकहा था। IRS निशा सिंहमार ने सोशल मीडिया X पर लिखा, वैसे ट्रोल का जवाब देना मेरी आदत नहीं – क्यों समय व्यर्थ करना? फिर भी आज जवाब दे रही हूँ …

यह भी पढ़े : MP में बसनिया बांध शिलान्यास से आदिवासी आक्रोशित, विरोध में बांध प्रभावितों ने किया महापंचायत का ऐलान

आप जैसे लोग आरक्षण को बैकडोर एंट्री कहते हैं, जज करते हैं, तिरस्कार करते हैं, भेदभाव करते हैं… आप जैसे लोग समाज को बाँटते हैं। आपकी निराशा से सहानुभूति है – किंतु आपके निजी दुखों का कारण आरक्षण नहीं है… आपके तिरस्कार से शर्मिंदा या दुखी नहीं हूँ … किंतु समाज में दरार को देख चिंतित ज़रूर हूँ। क्यूँकि आपकी नज़र में पहले मैं भारतीय नहीं, आदिवासी हूँ मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूँ, आदिवासी हूँ, जहाँ संविधान ने और सरकार ने मुझे आरक्षण का लाभ दिया…। गर्व है मैं ऐसे देश से हूँ जहाँ हर वर्ण, और जाति से- राजा राम मोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद, ठक्कर बापा, जयपाल सिंह मुंडा, BR अंबेडकर, इत्यादि, जैसे समाज सुधारक/ विचारक थे जहां हर वर्ण , हर जाति में इसी प्रकार के विचारधारा वाले आज भी विचरते हैं- भेदभाव नहीं करते, समाज को बाँटिये मत।

यह भी पढ़े : रामपुर दलित छात्र हत्याकांड में उप जिलाधिकारी समेत 25 पर FIR, चंद्रेशखर आजाद ने बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर उठायी CBI जांच की मांग

कमेंट में भी जमकर लताड़ा गया ट्रोलर 

इस पूरे वाक्य पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी ट्रोलर की जमकर क्लास लगाई। एक ने लिखा, तुम उसके भी लायक नहीं हो यार थोड़ा अपना देखो उनको जहां पहुँचना था वो पहुँच गये हैंतो एक ने पूछा क्या आप बताएंगे की बैकडोर एंट्री कहाँ हो रही है। जॉइंट सेक्रेटरी लेवल का जितनी भी बैक डोर एंट्री हुआ है सब स्वर्णो की हुई है वो भी जाकर देख लो। एक ने कहा कि ईर्ष्या मत करो उससे किसी की प्रगति नहीं होती।

*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *

महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।

  Donate

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *