मीडिया जगत में हड़कंप: क्या साजिश है या सच? चित्रा त्रिपाठी पर लगे आरोपों ने छेड़ी बहस

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गुरुग्राम कोर्ट ने POCSO एक्ट मामले में टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। नाबालिग से आपत्तिजनक व्यवहार के आरोपों के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है। इस घटनाक्रम से मीडिया जगत में हड़कंप मच गया है। सहकर्मी और प्रशंसक मामले को लेकर बंटे हुए हैं, जहां कुछ इसे साजिश मान रहे हैं, तो कुछ ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।

गुरुग्राम: टीवी एंकर और चर्चित पत्रकार चित्रा त्रिपाठी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। गुरुग्राम कोर्ट ने उनके खिलाफ POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस) एक्ट के तहत दर्ज मामले में दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले से चित्रा त्रिपाठी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि इससे पहले उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अब किसी भी वक्त उनकी गिरफ्तारी कर सकती है।

POCSO एक्ट के तहत मामला और गिरफ्तारी वारंट जारी

यह मामला POCSO एक्ट के तहत दर्ज किया गया है, जो बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की रोकथाम के लिए बनाया गया एक सख्त कानून है। आरोप है कि चित्रा त्रिपाठी ने अपनी पेशेवर स्थिति का दुरुपयोग करते हुए एक नाबालिग के साथ आपत्तिजनक हरकत की। पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर गुरुग्राम पुलिस ने पहले ही जांच शुरू कर दी थी और पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।

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अग्रिम जमानत याचिका पर कोर्ट ने क्या कहा?

चित्रा त्रिपाठी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताते हुए अपने खिलाफ की जा रही कार्रवाई को व्यक्तिगत द्वेष का परिणाम बताया। हालांकि, कोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में अग्रिम जमानत देना कानून और न्याय के उद्देश्य के विपरीत होगा।

चित्रा त्रिपाठी के लिए आगे की राह कठिन

अब, चित्रा त्रिपाठी के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प बचा है, लेकिन गिरफ्तारी वारंट पहले ही जारी होने के कारण उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए चित्रा त्रिपाठी की लोकेशन का पता लगाने और उन्हें हिरासत में लेने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पूरे प्रकरण ने मीडिया और समाज में एक बड़ी बहस छेड़ दी है, जहां कई लोग इस मामले को न्याय और कानून के सही इस्तेमाल का उदाहरण बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे एक साजिश करार दे रहे हैं।

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मीडिया जगत में हड़कंप

चित्रा त्रिपाठी के खिलाफ इस कार्रवाई के बाद मीडिया जगत में हड़कंप मच गया है। उनके सहकर्मियों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां कुछ लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, वहीं कुछ ने इसे उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने की कोशिश बताया है। इस मामले ने एक बार फिर से पत्रकारिता और नैतिकता के सवालों को खड़ा कर दिया है।

चित्रा त्रिपाठी, जो अपनी तीखी और तथ्यात्मक पत्रकारिता के लिए जानी जाती हैं, अब अपने करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रही हैं। मामले की सुनवाई आगे कैसी रहती है और चित्रा त्रिपाठी अपनी बेगुनाही साबित करने में सफल होती हैं या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा।

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