पापुआ न्यू गिनी नरसंहार में 60 से ज़्यादा लोगों की गोली मारकर हत्या, आदिवासियों के बीच हुआ था खूनी संघर्ष

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मामला पपुआ न्यू गिनी का है जहां पर जनजातीय समूह की लड़ाई ने एक खौफनाक मोड़ ले लिया है। इस लड़ाई से भारी मात्रा में नरसंहार हुआ है। पुलिस के अनुसार इस नरसंहार में लगभग 60 से ज़्यादा लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।

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हत्या का तरीका क्रूर :

दरअसल हिंद महासागर में ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में स्थित देश पापुआ न्यू गिनी में आपातकाल की समस्या है। जानकारी के मुताबिक पापुआ न्‍यू गिनी की आधी से ज्यादा आबादी 24 साल से कम उम्र की है। यहां पर रोजी-रोटी का संकट है तो युवा हिंसा का रास्ता अपनाते हैं। तमाम जनजातीय समूह आपस में अपनी शान के लिए टकराते हैं। जर-जमीन से लेकर दोस्ती-रिश्तेदारी में अनबन पर भी खून बहाया जाता है। आमतौर पर नरसंहार की ऐसी घटनाएं बेहद दूर के इलाकों में अंजाम दी जाती हैं। इन हमलों में नागरिकों को भी बख्शा नहीं जाता है पहले के कई मामलों में गर्भवती महिलाओं से लेकर बच्चे और बूढ़े तक शिकार बने हैं। हत्‍याओं का तरीका भी बेहद क्रूर रहता है।

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प्राकृतिक संसाधनों की कठिन आपूर्ति :

अधिकारियों का मानना है कि हिंसा स्थानीय सिकिन, एम्बुलिन और काकिन जनजातियों के सदस्यों के बीच संघर्ष से जुड़ी है। ये कबीले सदियों से एक-दूसरे से लड़ते रहे हैं और अभी भी पापुआ न्यू गिनी में इनका मजबूत संघर्ष कायम है। पापुआ में सैकड़ों जातीय समूह रहते हैं। हर किसी की अपनी परंपराएँ और रीति-रिवाज हैं। संघर्ष के केंद्र में प्राकृतिक संसाधनों की कठिन आपूर्ति है जो लगातार कम होती जा रही है।

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हथियारों की पहुंच ने हिंसा में किया इजाफा :

नए-नए हथियारों तक पहुंच ने हिंसा में कई गुना इजाफा किया है। पुलिस के मुताबिक, हत्यारों ने SLR, AK-47, M4, AR15 और M16 राइफलों जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया। पहाड़ी इलाकों में रह-रहकर हिंसा की आग भड़क उठती है। हाल के सालों में पापुआ न्‍यू गिनी के इस इलाके ने बड़े पैमाने पर हत्याएं देखी हैं। सरकार ने हर तरह के उपाय कर लिए, लेकिन हिंसा काबू नहीं कर पाई। सेना ने भी करीब 100 सैनिकों को तैनात कर रखा है लेकिन अब तक हत्याएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं।

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असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस  का बयान :

स्थानीय पुलिस के अनुसार, ताजा हिंसा में 60 से ज्यादा लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। राजधानी पोर्ट मोर्सबी से कोई 600 किलोमीटर दूर, एनगा प्रांत में लाशों का ढेर मिलने से पूरे देश में सनसनी है। न्‍यूज एजेंसी AFP से बातचीत में असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ने कहा कि ‘हमारा मानना है कि अब भी झाड़ियों में कई लाशें छिपी हुई हैं।.’ पुलिस को तमाम फोटो-वीडियो मिले हैं जो कथित रूप से घटनास्थल के हैं। सड़क किनारे लाशें बिछी हुई थीं. सभी शव खून से लथपथ थे और उनपर कोई कपड़ा नहीं था। इन नरसंहार को पापुआ न्‍यू गिनी के तीन जनजातीय समूहों के संघर्ष का नतीजा बताया जा रहा है। पिछले साल, हिंसा में करीब 150 लोगों के मारे जाने के बाद पूरे प्रांत में लॉकडाउन करना पड़ा था। सोशल मीडिया पर तमाम फुटेज वायरल हुए थे जिसमें लोगों को ट्रकों के पीछे बांधकर घसीटा जा रहा था”।

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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री का बयान :

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्‍बनीज ने पापुआ न्यू गिनी में हिंसा पर चिंता जाहिर की. उन्होंने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, “पापुआ न्यू गिनी से जो खबर आई है वह बहुत परेशान करने वाली है. हम पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग और पापुआ न्यू गिनी में सुरक्षा के लिए काफी सहायता दे रहे हैं.” पुलिस ने हालिया नरसंहार के दृश्य को देश में सबसे भयानक बताया। तस्वीरों और वीडियो में मारे गए शवों को सड़कों के किनारे और वाहनों के पीछे रखा हुआ दिखाया गया है।

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