मोदी सरकार का किसानों के मसीहा चरण सिंह और स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का दांव फेल, 2 साल बाद फिर सड़क पर लाखों अन्नदाता

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Farmer Protest 2024 : किसान आंदोलन लंबे समय से चला आ रहा है। 2021 से 2022 में भी किसान आंदोलन के समय किसान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए थे। लेकिन मोदी सरकार ने उस समय कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया था। लेकिन एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतर आए हैं।

हम सभी जानते हैं कि अभी हाल ही में मोदी सरकार ने किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया था, लेकिन ऐसा लगता है कि मोदी सरकार का ये दांव फैल हो गया है क्योंकि दो साल बाद एक फिर किसान यूनियन मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए तत्पर हैं।

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दिल्ली चलों का नारा :

आपकों बता दें कि संयुक्त किसान यूनियन ने आज 13 फरवरी को दिल्ली जाने का फैसला किया है और इसके साथ ही किसान यूनियनों ने ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया है। जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है कि मंगलवार को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लाखों किसान दिल्ली जा सकते हैं। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन के लिए ग्रामीण भारत बंद का आह्वान भी किया है।

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किसान आंदोलन पहली बार नहीं :

इतिहास में यह पहली बार नहीं है कि किसान आंदोलन हो रहा है इससे पहले भी दो साल पहले किसान आंदोलन हुआ था। उस समय मोदी सरकार ने भी किसानों के आगे घुटने टेक दिए थें। संसद में पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा था। क्योंकि किसानों को डर था कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खत्म कर देगा। कृषि कानूनों को लेकर किसानों को बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी थीं। तकरीबन एक साल से किसान धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन के दौरान ये भी दावा किया था कि इस आंदोलन में 700 से ज़्यादा किसानों की मौत हो गई है। लेकिन जांच करने पर इस दांवे को सरकारी और गैर सरकारी सतह पर सहमति नहीं मिली।

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MSP पर गारंटी देने का वादा :

जानकारी के मुताबिक ऐसा भी कहा जा रहा है कि दो साल पहले सरकार ने कानूनों को रद्द करने के साथ ही MSP पर गारंटी देने का वादा भी किया था। सरकार के इस फैसले से किसानों ने आंदोलन वापस ले लिया था। लेकिन इस बार किसानों का कहना है कि सरकार ने अपने MSP के लिए किए वादों को पूरा नहीं किया है। ऐसे में किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाना उनकी सबसे बड़ी मांग है। इसके अलावा किसान 2021 में लखीमपुरी खीरी में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे चार सिख किसानों को कथित तौर पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गाड़ी ने कुचल दिया था। किसान सरकार से उस घटना में मारे गए लोगों के परिवार को नौकरी और दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।

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संयुक्त किसान मोर्चा ने क्या कहा ?

“एबीपी की रिपोर्ट” के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, “सरकार ने सबसे बड़ा वादा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक किसानों को फसल के दाम देने का वादा किया था। सरकार ने एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित कर दिया लेकिन उनकी रिपोर्ट को लागू नहीं कर रही. इसके अलावा किसानों को प्रदूषण कानून से मुक्त रखने का वादा किया था. लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया.” आपको बता दें, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश की गई है।

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प्रदर्शनकारी किसान ने क्या कहा ?

“एबीपी की रिपोर्ट” के मुताबिक मजदूर मोर्चा के एक प्रदर्शनकारी किसान ने एक्स पर कहा, किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू हो चुका है। हजारों किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं हम रास्ते में कोई ट्रैफिक जाम नहीं कर रहे हैं पूरे अनुशासन के साथ दिल्ली कूच किया जा रहा है। एसपी एक अहम मुद्दा है. सरकार ने बॉर्डर सील कर दिए हैं. लगातार धर-पकड़ की जा रही है हमारी बात सुनी नहीं जा रही है। मजदूर इस देश की सबसे बड़ी ताकत है। बैरिकैड तोड़ने का हमें पूरा तजुर्बा है सरकार रोक रही है, जनता को परेशान कर रही है। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि दिल्ली कूच में शामिल होने आ रहे कर्नाटक के किसानों को भोपाल में ट्रेन रोककर गिरफ्तार किया गया उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया इस कारण एक किसान के सिर पर गंभीर चोट भी आई।

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सुरक्षा के लिए क्या किया गया है?

“एबीपी की रिपोर्ट” के मुताबिक “किसानों के दिल्ली चलों मार्च” को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यूपी, हरियाणा और दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है और मार्च को रोकने के मकसद से सिंघु और गाजीपुर सहित सारी सीमाओं को सील कर दिया है। अंबाला के पास शंभू में पंजाब से लगी सीमा सील कर दी गई। विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर सभी सीमावर्ती रास्तों पर पुलिस और केंद्रीय बलों की टुकड़ियां तैनात की गई है। करीब 5 हजार सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। जबकि कटीले और नुकीले तार लगाकार किसानों का रास्ता रोकने की तैयारी है। सीसीटीवी और लाउडस्पीकर भी लगाए गए हैं।

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लाउड स्पीकर की मनाही :

दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर आठ लेयर की दीवारें खड़ी की गई हैं. कुछ सड़कों पर पत्थर के बड़े-बड़े बेरिकेड और लोहे के कंटेनर लगा दिए हैं। किसानों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछार करने के भी इंतजाम है। साथ ही सोशल मीडिया की हर गतिविध को मॉनिटर किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टरों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। बंदूक, ज्वलनशील पदार्थ, ईंट, पत्थर जैसे अस्थायी हथियार रखने पर प्रतिबंध है। पेट्रोल और सोडा की बोतल इकट्ठा करने पर भी रोक है। इसके अलावा अगले एक महीने तक लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर मनाही है।

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कानून व्यवस्था :

राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी दिल्ली में 12 मार्च तक धारा-144 लागू कर दी गई है। किसी तरह की भी भीड़ जुटने पर पाबंदी है। धारा-144 का उल्लंघन करने वालों की तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है. किसी को भी कानून का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है। वहीं हरियाणा प्रशासन ने सिरसा के चौधरी दलबीर सिंह इंडोर स्टेडियम और गुरु गोविंद सिंह स्टेडियम को अस्थायी जेल बना दिया है। उपद्रव करने वाले किसानों को गिरफ्तार कर इन अस्थायी जेल में रखा जा सकता है।

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इंटरेनट और SMS सेवा बंद :

राजधानी की सभी सीमाओं के लिए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। साथ ही हल्के वाहनों को मुख्य बॉर्डर की बजाय आसपास स्थानीय बॉर्डर से दिल्ली आने-जाने के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
किसानों के दिल्ली कूच से दो दिन पहले ही हरियाणा के 7 जिलों में इंटरेनट और SMS सेवा बंद कर दी गई है। हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिले में तीन दिन तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद रखने का फैसला लिया है।

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राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कसा शिकंजा :

दिल्ली जाने पर किसानों की विपक्ष सहायता कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि सरकार अन्नदाता को रोक रही है। “एबीपी रिपोर्ट” के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरकार पर किसानों को ठगने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ’10 सालों से दिन रात झूठ की खेती करने वाले मोदी ने किसानों को सिर्फ ठगा है. दो गुनी आमदनी का वादा कर मोदी ने अन्नदाताओं को MSP के लिए तरसाया है.’

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राहुल गांधी का बयान :

राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘किसान महंगाई तले दबे हैं। फसलों का सही दाम न मिलने के कारण उनके कर्जे 60 फीसदी बढ़ गए। इसका नतीजा ये हुआ कि लगभग 30 किसानों ने हर दिन अपनी जान गंवाई। जिसकी USP धोखा देना है, वो MSP के नाम पर किसानों के साथ सिर्फ राजनीति कर सकता है, न्याय नहीं। किसानों की राह में कीलें बिछाने वाले भरोसे के लायक नहीं.’
किसानों के दिल्ली कूच पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि राज्य के लोगों की सुरक्षा करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ भी करेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बातचीत से बडे़-बड़े मुद्दे हल हो जाते हैं, यह भी हल हो जाएगा।

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