दलित दूल्हे की मांग पर मंगलवार 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाल मीणा, उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा, थानाधिकारी सदर, शहर, कोतवाली, सुनेल, असनावर, रटलाई, बकानी, रायपुर थाने के करीब 150 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में शान से बारात निकली….
Jhalrapatan Dalit Groom : राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का गढ़ माना जाने वाला झालरापाटन चर्चा के केंद्रबिंदु में है और चर्चा का कारण कोई उपलब्धि नहीं बल्कि दलित समाज पर किया गया उत्पीड़न है। जी हां, राजस्थान में हमेशा से दलितों के साथ उत्पीड़न के बड़े मामले सामने आते रहते हैं, और एक बार फिर घुड़चढ़ी के दौरान दलित दूल्हे की बारात पर कथित जातिवादियों द्वारा पथराव करने की घटना सामने आयी है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
जानकारी के मुताबिक झालावाड़ जिले के सदर थाना क्षेत्र के गांव बोरदा में सोमवार 29 अप्रैल की रात को दलित दूल्हे की घुड़चढ़ी के दौरान पुलिस की मौजूदगी में ही जातिवादियों ने पथराव कर दिया। इस पथराव में दूल्हे के साथ जा रही डीजे की गाड़ी क्षतिग्रस्त हुयी। हालांकि कहा यह जा रहा है कि पथराव में किसी को चोट नहीं आयी, मगर सोशल मीडिया पर लोग तरह तरह की बातें कर रहे हैं।
इस मामले में पुलिस प्रशासन तब सक्रिय हुआ जब भीम आर्मी ने हस्तक्षेप किया। बाद में झालावाड़ में दलित दूल्हे की बारात रोकने वाले जातिवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए घोड़ी पर दलित दूल्हे एडवोकेट राम लखन मेघवाल की बिनोली शान से निकलवायी, जिसमें भारी संख्या में पुलिस बल के अलावा कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
जानकारी के मुताबिक पथराव करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और कल 30 अप्रैल को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दलित दूल्हे की बारात निकाली गयी।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले में दूल्हे पक्ष द्वारा जातिवादियों द्वारा हमले की आशंका जताते हुए पहले ही पुलिस प्रशासन के पास जानकारी दे दी थी। पेशे से वकील दलित दूल्हे राम लखन मेघवाल ने खुद बारात निकलने में किसी अनहोनी की आशंका के चलते पुलिस को परिवाद दिया था, जिसके बाद सदर थाना पुलिस की मौजूदगी में सोमवार 20 मई की रात 8 बजे घोड़ी पर बिंदोली निकाली गयी थी।
कहा जा रहा है कि दलित दूल्हे की बारात निकासी गुर्जर मोहल्ले से हुई थी। उसी समय वहां पर पहले से हमले के लिए बैठे तीन-चार लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में बारात पर पथराव कर दिया। अचानक हुए हमले के बाद बारात तितर बितर हो गयी और उस दिन बारात नहीं निकली। भीम आर्मी की सक्रियता के बाद इस मामले की जानकारी उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को दी गयी। सूचना मिलने पर जिला मुख्यालय से गांव में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया और पुलिस ने रात को ही इस मामले में बकानी थाना क्षेत्र के गांव नानौर निवासी बलवंत गुर्जर, बोरदा निवासी गोवर्धन गुर्जर, लक्ष्मी नारायण गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया।
एक बाद बारात रोकने के बाद दूल्हा पक्ष डरा हुआ था। दलित दूल्हे की मांग पर मंगलवार 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाल मीणा, उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा, थानाधिकारी सदर, शहर, कोतवाली, सुनेल, असनावर, रटलाई, बकानी, रायपुर थाने के करीब 150 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में शान से बारात निकली।
इस मामले में जो खबरें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक मीडिया को ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 10 साल पहले मेघवाल दलित समाज का लड़का गुर्जर समाज की किसी लड़की को अपने साथ ले गया था, जिसके इसके बाद दोनों समाजों में दुश्मनी हो गयी। कई दिनों तक मनमुटाव के बाद दोनों समाजों के बीच एक दूसरे समाज के मोहल्ले में होकर निकासी या बिंदोरी अथवा मांगलिक जुलूस नहीं निकालने को लेकर समझौता किया गया था। इस बार दूल्हा देवनारायण के मंदिर के सामने से ही बारात निकालने की जिद पर अड़ गया तो दोनों समाज आपस में भिड़ गये। विवाद इतना बढ़ा कि गुर्जर समाज ने दलित समाज के दूल्हे की बारात पर पथराव कर दिया।
इस मामले की जांच करने वाले उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा कहते हैं, मंगलवार 30 अप्रैल को गांव में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। एतिहात के तौर पर गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया था और इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी कर पूछताछ की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक जिस दूल्हे रामलखन की बारात पर पथराव किया गया, वह बोरदा का रहने वाला है। रामलखन अपने पिता कालू लाल की पांच संतानों में से सबसे छोटा बेटा है और झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉय का काम करता है। वार्ड बॉय का काम करने के अलावा रामलखन वकालत की पढ़ाई कर रहा है, जबकि उसके पिता कालू लाल और बड़ा भाई रणजीत मजदूरी करते हैं।
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