दलित महिलाओं को 21 साल बाद मिला न्याय, दुष्कर्म के आरोपियों को 7 साल की जेल और साढ़े छह हजार का जुर्माना

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तकरीबन 21 साल पहले हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली दो दलित मजदूर महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ था। आज घटना के 21 साल बाद पीड़ित महिलाओं को इंसाफ मिला है। आरोपियों को 7साल की जेल हुई है और साढ़े छह हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। आखिर क्या था पूरा मामला आइए जानते हैं।

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तमंचे की नोक पर बलात्कार :

इस मामले में एडीजीसी रामारमन सैनी ने बताया कि हैदराबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली दो दलित महिलाएं रमेश सिंह नाम के व्यक्ति के फार्म हाउस में मजदूरी करती थीं । 22 फरवरी 2003 को जब दोनों दलित महिलाएं फार्म हाउस से मजदूरी करके वापस लौट रहीं थीं उस दौरान जब वह दोनों अपने गांव पहुंचने को हुईं कि तभी वहां पर सुजानपुर थाना हैदराबाद के रहने वाले राजकुमार और सुरेश आ गए और दोनों महिलाओँ को खींचकर पड़ोस के गन्ने के खेत में ले गए थे। गन्ने के खेत में ले जाने के बाद आरोपियों ने दोनों दलित मजदूर महिलाओं के साथ तमंचे की नोक पर बलात्कार किया था।

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कोई कार्रवाई नहीं हुई :

महिलाओं ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। फिर इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था फिर अदालत के आदेश पर इस मामले की रिपोर्ट दर्ज हुई थीं। घटना की जांच पड़ताल करने पर हैदराबाद पुलिस ने राजकुमार और सुरेश के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।

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पीड़िता को मुआवजा :

इस मामले में जब अदालत की सुनवाई हुई तो उस दौरान ही सुरेश (आरोपी) की मृत्यु हो गई थीं। लेकिन राजकुमार के खिलाफ मामला चल रहा था। बुधवार 7 फरवरी 2024 को घटना के 21 साल बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह ने फैसला सुनाते हुए राजकुमार को दोषी करार दिया। दोषी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और साथ ही उस पर साढ़े छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी है कि वसूल किए गए जुर्माने की रकम में से आधी धनराशि पीड़िता को बतौर मुआवजा दिया जाएगा।

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