बुधवार 27 फरवरी को यूपी में राज्यसभा के लिए चुनाव हुआ और ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ जब किसी एक सीट से दो राज्यसभा सांसद चुनकर गए हो। इस बार यूपी की आगरा सीट से दो राज्यसभा सांसद चुने गए हैं पहले हैं बीजेपी के नवीन जैन और दूसरे हैं रामजीलाल सुमन, जो समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद चुने गए। बता दें कि रामजीलाल सुमन दलित वर्ग से आते है और राजनीति में खासा तजुर्बा भी रखते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें अपनी PDA वाली राजनीति के चलते मैदान में उतारा था और रामजीलाल सुमन ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए राज्यसभा में अपनी सीट सुनिश्चित कर ली। बहरहाल भूमिका बहुत हुई अब मुद्दे पर आते है और आपको सपा से राज्यसभा पहुंचे दलित सांसद रामजी लाल सुमन के बारे में सबकुछ बताते हैं..
उर्दू शायरी का शौक रखते हैं :
25 जूलाई 1950 को यूपी के बहरदोई, जिला. हाथरस (उत्तर प्रदेश) में जन्मे रामजीलाल सुमन को ग्रामीण खेल और उर्दू शायरी पढ़ने का बड़ा शौक है। बी.ए., एल.एल.बी. की पढ़ाई करने वाले रामजीलाल मुद्दो को लेकर अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। छात्र जीवन से ही उन्होनें अपने लिए राजनीतिक पिच तैयार कर ली थी। उनकी पत्नी का मान प्रेम लता सुमन है उनके परिवार में 1 बेटा औऱ 3 बेटियाँ हैं। राजनीति में 47 सालों से राजनीति कर रहे रामजीलाल सुमन आब तक 7 देशों की यात्रा कर चुकें हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया (भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में), हांगकांग, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, सीरिया और यूके शामिल है।
जन्म भूमी से दिलचस्प रहा नाता :
हाथरस में जन्में रामजीलाल सुमन का अपनी जन्म भूमी से बड़ा दिलचस्प नाता रहा है। दरअसल उन्होंने दो बार हाथरस से लोकसभा चुनावों में अपनी किस्मत आज़माई लेकिन हाथरस की सीट नहीं निकाल पाए। हालंकि राजनीति में अपने 47 सालों के दौरान वो फिरोज़ाबाद से 4 बार सांसद रह चुकें हैं। और चंद्रशेखर सरकार में श्रम और बाल विकास मंत्री का पद भी संभाल चुकें हैं।
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राजनीतिक सफर :
रामजीलाल सुमन का राजनीति सफर उनके छात्र राजनीति से ही शुरू होता है। साल1971 में हाथरस के एमजी पालीटेक्निक छात्र रवेंद्र और बंटी की हत्या मामले में एक बड़ा आंदोलन किया गया था। इस आंदोलन का नेतृत्व रामजी लाल सुमन ने ही किया था। यही वो आंदोलन था जिससे उनकी राजनीतिक पारी को रफ्तार मिली थी। इसके बाद
• साल 1977 में महज़ 26 वर्ष की आयु में रामजीलाल सुमन पहली बार जनता पार्टी की टिकट पर फिरोजाबाद से सांसद चुने गए।
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• वर्ष 1989, 1999 और 2004 फिरोजाबाद से ही वह सपा से जीतकर लोकसभा पहुंचे।
• 1991 में चंद्रशेखर की सरकार में वह श्रम और बाल विकास मंत्री भी रहे।
• अपने जन्मभूमी से दो बार चुनाव लड़ा लेकिन जीत दर्ज नहीं कर पाए। यह साल थे 2014 और 2019 जब लोकसभा चुनावों में हाथरस से उन्होंने चुनाव लड़ा था। 2014 मे सपा से और 2019 में सपा-बसपा गठबंधन में।
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रामजीलाल सुमन द्वार संभाले गए पद :
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वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश (4 वर्षों के लिए) |
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महासचिव, जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश (5 वर्ष के लिए) |
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सदस्य, राष्ट्रीय समिति, जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश (9 वर्ष तक) |
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1977-79 |
छठी लोकसभा के लिए चुने गए |
सदस्य, सलाहकार समिति, गृह मंत्रालय |
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1989 |
9वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल) |
सदस्य, सरकारी आश्वासन समिति |
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सदस्य, सलाहकार समिति, गृह मंत्रालय |
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1990 |
केंद्रीय राज्य मंत्री, श्रम और कल्याण |
1996 से आगे |
राष्ट्रीय महासचिव, समाजवादी पार्टी |
1999 |
13वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल) |
1999-2000 |
सदस्य, ऊर्जा समिति |
सदस्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण संबंधी समिति |
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सदस्य, हिन्दी सलाहकार समिति |
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