कुमारी सेलजा को हुड्डा समर्थकों की जातिसूचक टिप्पणियाँ, दलित संगठनों का BSP के साथ जाने का ऐलान; सेलजा को मिला BSP में शामिल होने का न्योता

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों ने दलित नेता कुमारी सेलजा के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें गालियाँ दीं। जिस वजह से  दलित संगठनों ने  कहा कि वो कांग्रेस के साथ नहीं, बल्कि BSP के साथ जाएंगे। वही दूसरी तरफ आकाश आनंद ने कुमारी सेलजा को बीएसपी में शामिल होने का निमंत्रण दे दिया।

Politics: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी के भीतर एक गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है। लोकसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद कांग्रेस पार्टी हरियाणा में काफी उत्साहित थी और राज्य में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश कर रही थी। लेकिन, पार्टी के भीतर के संघर्षों ने अब नया मोड़ ले लिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं, प्रदेश कांग्रेस पर अपनी मजबूत पकड़ दिखा रहे हैं। उनका प्रभाव और पार्टी में उनकी स्थिति किसी भी प्रतिरोध को झेलने में सक्षम दिखाई देती है।

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कुमारी सेलजा के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल

इस बीच, कुमारी सेलजा, जो दलित जाति से आती हैं और कांग्रेस पार्टी में एक महत्वपूर्ण पद पर हैं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों के निशाने पर आ गई हैं। हुड्डा के समर्थकों ने कुमारी सेलजा के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें गालियाँ दीं। यह घटनाक्रम काफी गंभीर हो गया और दलित संगठनों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इन संगठनों ने घोषणा की कि वे कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं, बल्कि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के साथ जाएंगे, क्योंकि उन्हें कांग्रेस में अपने अधिकारों की अनदेखी महसूस हो रही थी।

आकाश आनंद ने कुमारी सेलजा को BSP में शामिल होने का निमंत्रण दिया

जैसे ही यह मामला सार्वजनिक हुआ, वैसे ही बीएसपी ने कुमारी सेलजा का साथ देने का फैसला किया। बीएसपी के राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने कुमारी सेलजा को बीएसपी में शामिल होने का निमंत्रण दिया। आकाश आनंद ने कुमारी सेलजा को आश्वस्त किया कि बीएसपी में उन्हें पूरा समर्थन मिलेगा और पार्टी उनके अधिकारों की रक्षा करेगी। आकाश आनंद ने कहा कि बीएसपी एक ऐसा मंच है जहां सभी जातियों और समुदायों के लोगों को समान महत्व और सम्मान मिलता है।

कांग्रेस के लिए एक नई चुनौती

इस प्रस्ताव ने हरियाणा की राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ ला दिया। कुमारी सेलजा की बीएसपी में संभावित एंट्री और दलित संगठनों की बीएसपी के साथ जाने की घोषणा ने कांग्रेस के लिए एक नई चुनौती पेश की। यह विवाद न केवल कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को उजागर करता है, बल्कि हरियाणा की राजनीति में जाति आधारित समीकरणों और पार्टी की रणनीतियों को भी प्रभावित करेगा।

कुमारी सेलजा ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी

कुमारी सेलजा ने हाल ही में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी, जो हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बयान था। उनके मुख्यमंत्री बनने की इच्छा और उसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों द्वारा जातिसूचक टिप्पणियों के बीच एक स्पष्ट संबंध दिखाई देता है। कुमारी सेलजा की जाति, जो दलित समुदाय से संबंधित है, इस विवाद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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जातिसूचक टिप्पणी और गालियाँ देना केवल एक व्यक्तिगत विवाद नहीं बल्कि एक व्यापक सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में देखने योग्य मुद्दा है। कुमारी सेलजा की दलित पहचान के कारण उनके खिलाफ इस प्रकार की टिप्पणियाँ करना एक प्रकार की जातिगत भेदभाव को दर्शाता है।

इस स्थिति से यह सवाल उठता है कि क्या दलित महिला होने के कारण उन्हें इस प्रकार के अपमान का सामना करना पड़ रहा है। यह भी सवाल उठता है कि क्या उनकी जाति उनके राजनीतिक अवसरों और पार्टी के भीतर की स्थिति को प्रभावित कर रही है। इस विवाद ने हरियाणा की राजनीति में जातिगत मुद्दों और उनकी जटिलताओं को एक बार फिर से उभार दिया है।

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