रामपुर में अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर मचे बवाल के बाद 10वीं में पढ़ने वाले दलित छात्र की गोली लगने से मौत, परिजनों ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप

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10वीं में पढ़ने वाले दलित युवक सुमेश की हुई है गोली लगने से मौत, उसका भाई कह रहा है, ‘दो पुलिसवालों आदेश चौहान और ऋषिपाल ने छत पर चढ़कर गंगवारों के कहने पर हम पर गोलियां चलाई हैं। मेरा भैया मर गया। दो और लोग घायल हुए हैं।’

Rampur news : यूपी के रामपुर में कल मंगलवार 27 फरवरी को मचे बवाल में एक दलित युवा की मौत हो गयी। जानकारी के मुताबिक रामपुर जिले के मिलक कोतवाली क्षेत्र के सिलईबड़ा गांव में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाने के बाद विवाद हो गया था, जिसके बाद हुई फायरिंग में 10वीं में पढ़ने वाले एक दलित युवक की मौत हो गयी। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है और पुलिस ने दूसरे पक्ष के कहने पर उनके बच्चे को मौत के घाट उतारा।

जिस दलित लड़के सुमेश की मौत हुई, उसका रिक्शा चलाने वाला बड़ा भाई आरोप लगा रहा है, ‘दो पुलिसवालों आदेश चौहान और ऋषिपाल ने छत पर चढ़कर गंगवारों के कहने पर हम पर गोलियां चलाई हैं। मेरा भैया मर गया। दो और लोग घायल हुए हैं।’ मृतक युवक के भाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

प्रशासन का इस मामले में कहना है कि मिलक रामपुर कोतवाली क्षेत्र के सिलईबड़ा गांव में सरकारी जमीन पर डाॅ.भीमराव आंबेडकर पार्क का बोर्ड लगाए जाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। इस दौरान फायरिंग और पथराव हुआ, जिसमें गोली लगने से परीक्षा देकर लौटे दसवीं के छात्र सुमेश की मौत हो गई। 2 और लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वहीं पीड़ित पक्ष का कहना है कि उन लोगों ने बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर ग्राउंड में अंबेडकर पार्क के नाम से एक बोर्ड लगा दिया था, जिसको प्रशासन जेसीबी लेकर उखाड़ने पहुंचा था। दलित जाति की महिलायें वहां पर बोर्ड उखाड़े जाने के विरोध में खड़ी हो गयीं। गुस्साई पुलिस ने लाठीचार्ज और फायर फायर किया, जिससे एक युवा लड़के की मौके पर मौत हो गई अन्य लोग घायल।

सुमेश की मौत के बाद भड़के परिजनों और ग्रामीणों पर पुलिस की गाड़ी पर पथराव का आरोप है। ग्रामीणों का आरोप है कि परीक्षा देकर लौटे सुमेश की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है, जबकि पुलिस ने आरोपों का खंडन कर रही है। भारी हंगामे के बाद पुलिस ने मुश्किल से सुमेश की लाश को अपने कब्जे में लिया। इस घटना के बाद से क्षेत्र में भारी तनाव व्याप्त है और भारी पुलिसबल घटनास्थल पर मौजूद है। एसपी का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच के निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

जानकारी के मुताबिक मिलक क्षेत्र के सिलईबड़ा गांव में करीब 15 दिन पहले प्रशासन ने ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटवाया था। कब्जा हटने के बाद इस जमीन को खाली छोड़ दिया गया था। दलित समाज इस जमीन पर अंबेडकर पार्क बनाकर यहां बाबा साहेब डाॅ.भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा लगाना चाहता था। सोमवार 26 फरवरी को कुछ लोगों ने जमीन पर अंबेडकर पार्क का बोर्ड लगाया, जिसका गांव के दूसरे पक्ष यानी उच्च जाति के लोगों ने भारी विरोध किया।

पुलिस ने इस मामले में खुद पर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा, ‘सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में ही काफी देर तक फायरिंग व पथराव होता रहा। इस बीच गोली लगने से गांव निवासी 17 वर्षीय हाईस्कूल के छात्र सुमेश पुत्र गेंदन लाल की मौत हो गई।’

जिस दलित छात्र सुमेश की मौत हुई है, वह सुबह ही दसवीं की परीक्षा देकर वापस लौटा था। इस गोलीबारी और पथराव में गांव के अमित पुत्र ओमकार और रमन पुत्र वीर सिंह भी जख्मी हुए हैं। बाद में गुस्सायी भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें पुलिस क्षेत्राधिकारी की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई।

दलित छात्र की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सुमेश के शव को पार्क के सामने रखकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह गुस्सायी भीड़ को शांत किया। ग्रामीणों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसपी ने भरोसा दिलाया कि कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसपी का कहना है कि ग्रामीणों का आरोप निराधार है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।

सोशल मीडिया पर इस घटना की कड़ी निंदा हो रही है। इस घटना का विरोध करते हुए भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद राण कहते हैं, ‘एक तरफ पीएम मोदी मंचों से कहते है “गोली मारनी है तो मुझे मार दो, मेरे दलित भाइयों को मत मारो”, वहीं दूसरी तरफ भाजपा की सरकार वाले उत्तर प्रदेश में पुलिस गोली चला कर दलित नौजवान की हत्या कर देती है। रामपुर में अंबेडकर पार्क की जमीन पर लगे “बाबा साहेब” के बोर्ड को हटाने को लेकर विवाद में पुलिस फायरिंग में दलित युवक सोमेश की मौत अत्यंत दुखद है। यह पुलिस द्वारा कारित बहुत ही संगीन व दंडनीय अपराध है। अपने इस परिवार के साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हैं, उनका दुख सांझा करने के लिए मैं आज ही अपने इस परिवार से मिलने रामपुर जाऊँगा और रामपुर पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच कर सख़्त से सख़्त कार्यवाही करने की माँग करता हूं।’

भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह अपने एक्स एकाउंट पर लिखते हैं, ‘ग्राम सिलाई बड़ा गांव तहसील मिलक जिला रामपुर उत्तर प्रदेश में डॉ अंबेडकर के बोर्ड को पुलिस उखाड़ने के लिए जेसीबी लेकर आई इसके विरोध में आये निहत्थे गांव वालों पर पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज वे गोली चलाई, जिसमें एक दलित युवक की गोली लगने से मौत व अनेकों घायल हैं। सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि पुलिस को निहत्थे गांववालों पर गोली चलानी पड़ी, ये जातीय मानसिकता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि सही जांच करके दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए।’

बसपा के सांसद रामजी गौतम इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखते हैं, ‘आज योगी जी की पुलिस बाबा साहब से कितना नफरत करती है और इस नफरत ने 17 वर्षीय बालक को गोली मार दी। रामपुर जिले की मिलक के पास सिलाईबाड़ा गाँव के रहने वालों ने वहाँ कूड़ा डालने वाली जगह को साफ़ कर लगभग 15 दिन पहले बाबा साहब का बोर्ड लगा दिया, ताकि लोग गंदगी ना करें।’

भीम आर्मी के हिमांशु वाल्मीकि सवाल उठाते हैं, ‘उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर में बवाल। बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी के बोर्ड लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद–फायरिंग। यूपी पुलिस के जातिवादी पुलिसकर्मियों ने दलित नाबालिग लड़के की गोली मारकर हत्या की। कई लोग घायल भी हैं, क्या यही योगी सरकार का दलित प्रेम है।’

बसपा कार्यकर्ता जीतू राजोरिया कहते हैं, ‘घटना उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की बताई जा रही है, जहां बाबा साहब अंबेडकर के बोर्ड हटाने को लेकर आंदोलन कर रहे दलित समाज के लोगों पर गोली बरसाई गई जिसमें एक 17 वर्षीय दलित युवक की मौत हो गई। इस मामले की बारीकी से जांच हो और अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।’

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