’19 मार्च 2024 को मुझे जो भोजन दिया गया था उसमें कोई जहरीला पदार्थ था जिसके खाने के बाद मैं बीमार हो गया, हाथ पैर ठंडे पड़ रहे हैं और नसों में बहुत दर्द है, ऐसा लग रहा है कि मेरी मौत हो जाएगी, घबराहट हो रही है…’ पत्र के बाद जेल प्रशासन ने डॉक्टर के पैनल ने उसके स्वास्थय की जांच की। इसके बाद 24 मार्च बांदा मंडल जेल के जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर राजेश कुमार और अरविंद कुमार को निलंबित कर दिया गया था….
UTTARPRADESH NEWS : उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार 28 मार्च को मौत हो गई है। उत्तरप्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को कार्डियक अरेस्ट होने पर देर शाम तकरीबन 8: 25 बजे इलाज के लिए रानी दुर्गावती मेडिकल क़ॉलेज लाया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि 9 डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज शुरु किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
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शुगर समेत 14 जांचे की गईं
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को माफिया-बाहुबली नेता मुख्तार की अचानक तबीयत खराब होने पर मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जिसके बाद मुख्तार का 15 घंटे इलाज चला था। इलाज के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया था। बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनाल कौशल ने अपने बयान में बताया था कि अंसारी का शुगर के साथ 14 जांचे की गई थी,इसमें शुगर 140 निकली थी। बुधवार को भी जेल में जांच कराई गईं थी, जिसमें सब सामान्य मिला था।
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लापरवाही का आरोप
मुख्तार का जब मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था तब उस दौरान मुख्तार की बहू निखत बानो और गाजीपुर से सांसद भाई अफजाल अंसारी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि जेल में मुख्तार को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।
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मौत से पहले मुख्तार ने क्या कहा था ?
जानकारी के मुताबिक 21 मार्च को मुख्तार ने बाराबंकी की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि जेल में उसकी हत्या का प्रयास किया जा रहा है। पत्र में मुख्तार ने लिखा था कि 19 मार्च 2024 को मुझे जो भोजन दिया गया था उसमें कोई जहरीला पदार्थ था जिसके खाने के बाद मैं बीमार हो गया। हाथ पैर ठंडे पड़ रहे हैं और नसों में बहुत दर्द है। ऐसा लग रहा है कि मेरी मौत हो जाएगी। घबराहट हो रही है। पत्र के बाद जेल प्रशासन ने डॉक्टर के पैनल ने उसके स्वास्थय की जांच की। इसके बाद 24 मार्च बांदा मंडल जेल के जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर राजेश कुमार और अरविंद कुमार को निलंबित कर दिया गया था।
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यूपी में अलर्ट जारी :
गुरुवार 28 मार्च को माफिया मुख्तार अंसारी को कार्डियक अरेस्ट होने पर देर शाम तक उसका इलाज चला। लेकिन इलाज के बाद भी उसे बचाया नही जा सका। मुख्तार की मौत के बाद पूरे उत्तरप्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कड़े सुरक्षा प्रबंध को सुनिश्चित करने को कहा है।
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65 मुकदमों में केवल 8 मामलों में सजा :
माफिया मुख्तार अंसारी अपराध के साथ कानूनी दांवपेच और राजनीति का भी एक बड़ा मास्टरमाइंड था। तभी तो माफिया पर 65 मुकदमें दर्ज थे लेकिन कभी उसे सजा नहीं हुई। फिछले डेढ़ वर्ष में गहन जांच पड़ताल और कड़ी कार्रवाई के बाद माफिया मुख्तार अंसारी को केवल 8 मामलों में सजा हुई। आपको बता दें कि मुख्तार पर 65 मुकदमों में से 20 पर अदालत में सुनवाई चल रही थी। मुख्तार पर सजा का सिलसिला 21 सिंतबर 2020 से शुरु हुआ था।
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परिवार भी है कुकर्मों में लिप्त:
पत्नी अफसा : मुख्तार की पत्नी अफसा अंसारी के खिलाफ 11 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें धोखाधड़ी व गैंगेस्टर एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमे शामिल हैं। तीन मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। शेष में पुलिस कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है।
भाई सिबगतुल्ला : मुख्तार के बड़े भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्ला अंसारी के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हैं। इनमें जानलेवा हमले व शस्त्र अधिनियम के मामलों में वह दोषमुक्त हो चुके हैं। जबकि जानलेवा हमले के एक अन्य मामले में गाजीपुर पुलिस अंतिम रिपोर्ट लगा चुकी है।
भाई अफजाल : अफजाल अंसारी के विरुद्ध सात मुकदमे दर्ज हैं। हत्या के एक मुकदमे की सीबीआइ जांच चल रही है। हत्या का एक मुकदमा खत्म कर दिया गया था।
पुत्र अब्बास : मुख्तार के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी के विरुद्ध आठ मुकदमे दर्ज हैं। अब्बास की पत्नी निखत को बीते दिनों चित्रकूट पुलिस ने पकड़ा था। चित्रकूट जेल में वह अब्बास से गैरकानूनी ढ़ंग से मिलने जाती थी। निखत के विरुद्ध चित्रकूट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व आपराधिक षड्यंत्र समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
पुत्र उमर : उमर अंसारी के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं छह मुकदमे दर्ज हैं।
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मुख्तार का राजनीतिक सफर :
अपराधिक छवि के बल पर मुख्तार अंसारी का राजनीतिक सफर पहली बार साल . 1996 में शुरु हुआ। मुख्तार अंसारी बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर मऊ विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंच गया। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में भी मुख्तार अंसारी के नाम का सिक्का चलने लगा। मुख्तार का नाम इतना चर्चित हो गया कि उसकी राजनीतिक गलियारों में तूती बोलने लगी।
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जेल में बंद रहकर तीन विधानसभा चुनाव में जीत:
अपने बाहुबली दम पर उन्होंने तीन विधानसभा चुनाव जेल में बंद रह कर जीत लिए। मुख्तार अंसारी ने वर्ष 2002, 2007, 2012 और 2017 में जीत हासिल की। इस दौरान मुख्तार सपा, बसपा, अपना दल जैसे अलग-अलग दलों का चक्कर लगाने के बाद अपनी पार्टी का गठन किया। मुख्तार अंसारी ने कौमी एकता दल नाम से पार्टी बनाई और चौथी बार फिर जीत हासिल की। लेकिन शिवपाल यादव के कहने पर अपनी पार्टी का सपा में विलय कर लिया, लेकिन अखिलेश ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। इसके बाद वो फिर बसपा में चले गए चुनाव में जीत हासिल की।
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