उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में रहने वाले दलितों के 50 परिवार अपने घर को छोड़ पलायन करने को मजबूर हैं। जानकारी के मुताबिक पुलिस कार्यवाही की कार्यवाही से नाराज़ होकर दलितों ने ये फैसला लिया है। इतना ही नही लगभग दो दर्जन परिवारों ने अपने घर पर “यह मकान बिकाऊ है” भी लिख लिया है। बताया जा रहा है कि सारा मामला गांव में रहने वाले कुछ जाट समुदाय के लोगों की दबंगई के कारण शुरू हुआ है। जिसके चलते दलित परिवार अपने मकान पर “घर बिकाऊ है” लिखकर आक्रोश जता रहे है।
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दलित को पीटा :
समाचार वेबसाइट प्रभात खबर के मुताबिक थाना टप्पल क्षेत्र के सालपुर इलाके में जाटव समाज के छोटेलाल अपनी साइकिल से फैक्ट्री काम के लिए जा रहे थे। तभी गांव के मोनू ने ट्रैक्टर से छोटेलाल की साइकिल में टक्कर मार दी. इसके बाद मोनू ने छोटेलाल को जातिसूचक गालियाँ देना शूरू कर दिया। जब छोटे लाल इसका विरोध किया तो मोनू ने छोटेलाल का पीटना शूरू कर दिया। इतना ही नही मोनू ने छोटे लाल के विकलांग बेटे सूभाष को साथ भी मारपीट की। वहीं बीते गुऱूवार स्कूल से लौट रहे छोटेलाल और उसके बेटे के साथ मोनू ने एक फिर मारपीट की।
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पुलिस ने नहीं की सुनावई :
जानकारी के अनुसार घटना की शिकायत लेकर जब पीड़ित पक्ष के साथ लगभग 50 दलित समाज के लोग से थाना टप्पल पहुंचे तो पुलिस ने दलितों के साथ बेरुखी से बात की। इतना ही नहीं पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर लेने के बाद कोई सुनवाई नहीं की। पीड़ित पक्ष का पुलिस पर आरोप है कि पुलिस ने आरोपी दंबग मोनू पर धारा 151 की कार्रवाई कर उसे छोड़ दिया।
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मोनू के कारण 10 दलित परिवार छोड़ चुकें है गांव :
पीड़ित पक्ष के मुताबिक इलाके का रहने वाला मोनू फौजदार दबंग किस्म का व्यक्ति है और पहले भी उसके डर से 10 परिवार गांव छोड़ कर जा चुकें है। पीड़ित पक्ष का यह भी आरोप है कि वहीं दलित समाज को गांव से उजाड़ने की धमकी देता है.
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गांव के एक निवासी वीरेंद्र ने प्रभात खबर को बताया कि “छोटेलाल साइकिल लेकर जा रहा था। मोनू ने ट्रैक्टर से साइकिल तोड़ दी और छोटेलाल को करीब तीन बार मारा पीटा। पुलिस ने उल्टा हमें ही फटकार दिया. हम लोग जाटव समाज से हैं और गरीब है. दूसरा जाट पक्ष का है और तानाशाही करता है. अगर हमारी सुनवाई नहीं होगी तो हम मकान बेचकर चले जाएंगे।“
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गांव की एक महिला के मुताबिक “जाट पक्ष दलितों को गालियां देते हैं. विरोध करने पर मारपीट करते हैं. मारपीट की घटना में पुलिस में कोई सुनवाई नहीं की. गांव की एक ओर महिला अलीशा ने बताया कि दलित समाज के लोगों को ऊंची कास्ट के लोग गाली देते हैं. वे दलितों को दबाव में रखना चाहते हैं. इसलिए हम घर बिकाऊ है लिखकर यहां से जाना चाहते हैं. बता दें कि पीड़ित पक्ष ने शुक्रवार को मामले के संबंध में एसएसपी से शिकायत की. जिसके बाद एसएसपी ने पूरे मामले की जांच क्षेत्राधिकारी खैर आरके सिसोदिया को सौंप दी। मामले पर क्षेत्राधिकारी आरके सिसोदिया ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
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