ओडिशा में दादी के प्रेमी ने उसकी सहमति से किया नाबालिग पोती का रेप, POCSO कोर्ट ने दोनों को सुनायी 30 साल की कठोर सजा

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नाबालिग दलित समाज से ताल्लुक रखती है। जब 2018 में दादी के प्रेमी ने उसके साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध किया वह मात्र 13 साल की थी। कल 20 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान ओडिशा के क्योंझर जिले की अदालत ने जोड़ा इलाके में घटित इस क्रूर घटना पर फैसला सुनाते हुए आरोपियों को 30 साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी….

Keonjhar Dalit Minor girl rape case : रिश्तों को तार-तार करने वाली घटनायें अक्सर हमारे आसपास घटती रहती हैं, मगर समाज इनसे अंजान बना रहता है या फिर बनने की कोशिश करता है। बच्चियों के यौन शोषण-दुष्कर्म की जितनी भी घटनायें होती हैं, उनमें 90 फीसदी से भी ज्यादा मामलों में परिजन या रिश्तेदार शामिल होते हैं। इसकी पुष्टि रोज रेप-बलात्कार की घटनाओं से भरी पड़ी खबरें भी कर देती हैं। रिश्तों को शर्मसार करने वाला ऐसा ही मामला ओडिशा के क्योंझर जनपद से सामने आया है, जहां एक दादी ही अपने प्रेमी से अपनी पोती का बलात्कार करवाती रही, वह भी 5 माह तक। जी हां, यह मामला है 2018 का और अब पूरे 6 साल बाद विशेष POCSO कोर्ट ने इस मामले में दादी और उसके प्रेमी को 13 वर्षीय बच्ची के साथ जघन्यतम अपराध का दोषी पाया है। दोनों दोषियों को कल 20 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान 30 साल की कठोर कारावास की सजा कोर्ट ने मुकर्रर की है।

इस मामले में नाबालिग दलित समाज से ताल्लुक रखती है। जब 2018 में दादी के प्रेमी ने उसके साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध किया वह मात्र 13 साल की थी। कल 20 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान ओडिशा के क्योंझर जिले की अदालत ने जोड़ा इलाके में घटित इस क्रूर घटना पर फैसला सुनाते हुए आरोपियों को 30 साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी, साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है। अगर दोषी जुर्माने की रकम नहीं भर पायेंगे तो उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

दोषियों की पहचान शेख शहादत अली और अमिता करवा के रूप में की गयी है, जो जोड़ा इलाके के निवासी थे। अदालत ने अली और करवा को जुर्माने के तौर पर क्रमश: 30,000 रुपये और 20,000 रुपये देने का आदेश दिया है। अगर दोषी जुर्माना राशि जमा नहीं कर पाये तो अली को तीन साल और अमिता करवा को दो साल की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी।

इस मामले में सरकारी वकील गणेश प्रसाद महापात्र ने मीडिया को बताया, नाबालिग लड़की को उसके माता-पिता ने छोड़ दिया था, जिसके बाद वह जिले के जोड़ा इलाके में अपनी सौतेली दादी के साथ रह रही थी।

बकौल गणेश प्रसाद महापात्र, एस.के. शहजाद नाम का आरोपी, जिसे अदालत ने दलित बच्ची के रेप का दोषी पाया है, अपनी प्रेमिका अमिता करुआ नाम की बुजुर्ग महिला के घर नियमित रूप से आता था। उसने 22 जून, 2018 के बाद से अमिता की सौतेली नाबालिग पोती के साथ पांच महीने तक कई बार बलात्कार किया। अमिता सबकुछ जानती थी, बावजूद इसके उसने अपने प्रेमी शहजाद को सौतेली पोती का बलात्कार करने की अनु​मति दी।

जानकारी के मुताबिक जिस दौरान दलित बच्ची का बलात्कार किया गया था, तब बच्ची की मां उससे मिलने आयी थी, मगर दादी ने बच्ची को मां से नहीं मिलने दिया। बाद में जब बच्ची का चाचा घर आया तो उसे जबर्दस्ती अपने घर ले गया। वहां पहुंचकर पीड़ित बच्ची ने अपनी आपबीती परिजनों को बताई, जिसके बाद 27 नवंबर 2018 को जोड़ा थाने में सौतेली दादी और उसके प्रेमी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

शिकायत के आधार पर जोड़ा पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और अमिता और शहजाद को गिरफ्तार करने के बाद अदालत में भेज दिया। कल 20 मार्च को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 20 गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर अमिता और शहजाद को दोषी ठहराया और उन पर जुर्माना लगाने के अलावा कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई।

अदालत ने शहजाद को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (3) के तहत लगाए गए आरोपों के लिए 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई और उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी। इसी तरह उसे POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत आरोप के लिए 30 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई और उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना अदा न करने पर उसे दो साल की सश्रम कारावास की सजा और काटनी होगी।

स्पेशल कोर्ट ने कलयुगी दानी अमिता को 6/70 पॉक्सो एक्ट के तहत 30 साल की सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अगर वह जुर्माना नहीं भर पायेगी तो उसे दो और वर्षों के लिए कठोर कारावास की सजा काटनी होगी।

इसी के साथ अदालत ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को पीड़ित बच्ची को 6 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।

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