उत्तरप्रदेश में बीएसपी अब एक्टीव नज़र आ रही है क्योंकि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की चार बार मुख्यमंत्री रही मायावती एक्टिव हो गई हैं। इस साल यूपी में नगर निकाय चुनाव होने वाले हैं। वहीं अगले साल लोकसभा के चुनाव हैं। ऐसे में मायावती ने अपने कर्मठ नेताओं से कहा है कि अब उन्हें अपने काम की साप्ताहिक रिपोर्ट देनी होगी।
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लोकसभा चुनावों और यूपी के नगर निकाय चुनावों को लेकर बीएसपी पहले ही तैयारी करना शुरू कर चुकी है। जनवरी महिने की शुरूआत में मायावती ने लखनऊ में एक बैठक भी की थी। जिसमें आने वाले दिनों में पार्टी की रणनीति औऱ काम काज से जुड़ी चर्चा उन्होंने बीएसपी के नेताओं से की थी। अब नेताओं से उनके काम काज की सीधी रिपोर्ट मायावती खुद लेंगी।
नेताओं को अब हर हफ्ते रिपोर्ट बनानी होगी. जिसमें उन्हें बताना होगा कि किसने कितना काम किया है और फिर ये रिपोर्ट मायावती खुद देखेंगी। मायावती ने पार्टी के पदाधिकारियों को सभी कोऑर्डिनेटर की समीक्षा के आदेश भी दिए हैं ताकि उनको कामों की गति और स्थानिय रिपोर्ट की जानकारी मिलती रहें। नेताओं द्वारा जो रिपोर्ट मायावती को दी जाएगी उसमें नेताओं को बताना होगा कि एक सप्ताह में उन्होंने कितने सदस्य बनाएं, कितनी बैठक की और कितने युवाओं को पार्टी से जोड़ा।
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इन चुनावों में मायावती ने सबको साथ लेकर चलने का फैसला किया है। जिसमें सबसे पहले उन्होंने विश्वनाथ पाल को यूपी में बीएसपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश की। इसके इमरान मसूद औऱ अतीक अहमद के परिवार भी बीएसपी में शामिल हुआ है। फिलहाल यूपी की कमान विश्वनाथ पाल के हाथों में हैं। वह अलग-अलग जिलों के दौरे पर हैं. इस दौरान वे हर जिलों में जाकर स्थानीय नेताओं से जानकारी ले रहे हैं.
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