यूपी : सवर्ण कोतवाल ने झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर दलित फरियादी को चार घंटे हवालात में रखा

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उत्तरप्रदेश के पीलीभीत से जातिवाद का एक ऐसा मामला सामने आया है उत्तरप्रदेश में खाकी वर्दी फिर सवालों के घेरे में आ गई है। दरअसल यहाँ एक सवर्ण कोतवाल आशुतोष रघुवंशी ने एक दलित व्यक्ति को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए चार घंटे तक हवालात में बंद रखा। इतना ही नहीं इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी पर दलित को जातिसूचक गालियाँ देकर अपमानित करने का भी आरोप है। बहरहाल मामले पर संज्ञान लेते हुए विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट शिवा पांडेय ने इंस्पेक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि पीड़ित दलित युवक ने विशेष न्यायाधीश को मामले के संबंध में प्रार्थना पत्र भेजा था।

 

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क्या था पूरा मामला :

मामला बीते साल 2022 का है। अपने प्रार्थना पत्र में पीड़ित काशीराम जाटव ने बताया है कि ग्राम अजीतपुर पटपरा के रामऔतार, छत्रपाल और विजयपाल से उनकी मुकदमेबाजी चल रही है। बीते साल आठ नवंबर 2022 को कचहरी पीलीभीत से इसी मुकदमे में वादी व उसकी पत्नी बयान देकर लौट रहे थे। तभी पहले से गन्ने के खेत में घात लगाए बैठे तीनों आरोपी पीड़ित दंपति को देखकर बाहर निकले और फिर रामऔतार ने तमंचे से जान से मारने की नीयत से फायर कर दिया। जिसमें वह व उसकी पत्नी बाल बाल बच गए। बता दें कि पूरा मामला पीड़ित काशीराम जाटव गजरौला थाना क्षेत्र के ग्राम भूड़ा सरैंदा का रहने वाला है।

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इंपेक्टर ने पूछी जाति :

पीड़ित ने आगे बताया कि इस घटना में तीनों आरोपियों ने उनका पीछा किया। इस दौरान राहगीरों ने दंपति को बचाया। पुलिस के सुनवाई न करने पर पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। तब न्यायालय ने आठ नवंबर 2022 को हुई घटना के संबंध में मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दिए। मगर, गजरौला पुलिस ने उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया। जिसकी शिकायत करने वह थाना गजरौला के प्रभारी निरीक्षक आशुतोष रघुवंशी के पास गए तो थानाध्यक्ष ने सबसे पहले उनसे उनकी जाति पूछी। जाति पता चलने के बाद इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी ने जातिसूचक गालियों के साथ गाली गलौज करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देकर दलित को चार घंटो तक हवालात में बंद रखा। जब इस घटना की शिकायत वादी ने एसपी से की तो वहाँ भी सुनवाई नहीं हुई।

 

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सवर्ण इंपेक्टर पर होगी FIR ?

बता दें कि आशुतोष रघुवंशी वर्तमान में पूरनपुर कोतवाल पद पर तैनात चल रहें है। वहीं दूसरी तरफ पीड़ित ने न्यायालय से कोतवाल आशुतोष रघुवंशी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराने एवं विवेचना कराने की प्रार्थना की। प्रार्थना पत्र की सुनवाई स्पेशल जज एससीएसटी एक्ट शिवा पांडेय की अदालत में हुई। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष गजरौला को इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं।

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