बसपा सुप्रीमो मायावती ने विश्वनाथ पाल को सौंपी यूपी की कमान, क्या बसपा की स्थिति मे होगा सुधार ?

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उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव करीब है ऐसे में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष कुमारी मायावती ने अपनी और पार्टी दोनों की कमर कस ली है। बीते दिनों ये बात खासी चर्चा में रही कि नगर निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों से मायावती खुद मिलकर बात करेगी। वह सबसे पहले उम्मीदवारों के पेशे और योग्यता के बारे में जानेगी ताकि ईमानदार और कर्मठ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाए।

 

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इस बीच मंगलवार को मायावती के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से इस बात की घोषणा की गई कि उत्तर प्रदेश में स्टेट संगठन का कार्यभार अब भीम राजभर की जगह विश्वनाथ पाल को सौप दिया गया है। वहीं भीम राजभर अब बिहार में पार्टी का कार्यभार संभालेंगे।

मायावती ने यूपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भीम राजभर के काम को सराहा उन्होंने कहा की, “भीम राजभर ने स्टेट अध्यक्ष के पद पर रहते हुए ईमानदारी और वफादारी से काम किया है।

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विश्वनाथ पाल बने नए प्रदेश अध्यक्ष:

मायावती ने ट्वीट कर विश्वनाथ पाल को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए कहा कि, “वर्तमान में राजनीतिक हालातों को मद्देनजर रखते हुए और उत्तर प्रदेश में बीएसपी के स्टेट संगठन में हुए परिवर्तनों के तहत विश्वनाथ पाल को यूपी स्टेट का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।”

बीएसपी यूपी स्टेट के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल और बिहार बीएसपी के कोर्डिनेटर भीम राजभर (image: dalit times)

 

विश्वनाथ पाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ ही मायावती ने उम्मीद जताई है कि विश्वनाथ पाल उत्तर प्रदेश में बीएसपी के साथ अति पिछड़ी जातियों को जोड़ कर रखने का काम करेंगे। साथ ही पार्टी के जनाधार को बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने अपने इस ट्वीट में इस बात की भी जानकारी दी कि यूपी स्टेट के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर अब बिहार में पार्टी के कोर्डिनेटर होंगे।

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मायावती के करीबी है विश्वनाथ पाल ?

जानकारी के मुताबिक विश्वनाथ पाल को मायावती का करीबी माना जाता है और विश्वनाथ पाल बीएसपी के पुराने नेता हैं। विश्वनाथ पाल अयोध्या जनपद से आते हैं और अयोध्या मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी के तौर पर काम कर चुके हैं। अपने ट्वीट में मायावती ने उन्हें वफादार और कर्मठ नेता बताया है। बता दें कि विश्वनाथ पाल को बीएसपी के OBC चेहरे के तौर पर जाना जाता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनावों के दौरान विश्वनाथ पाल पर कई अलग अलग राजनीतिक पार्टियों से ऑफ़र आए थे लेकिन विश्वनाथ पाल ने बीएसपी का दामन नहीं छोड़ा। कहा जा रहा है कि यही बात है कि मायावती ने उन पर भरोसा जताया है और नगर निकाय चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की कमान उन्होंने विश्वनाथ पाल को सौंप दी है।

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बीएसपी को सुधारनी होगी अपनी परफॉर्मेंस:

चुनावों में मिल रही लगातर हार और विधानसभा में घटती सीटों की चिंता अब बीएसपी को भी सताने लगी है। 2017 का विधानसभा चुनाव हो या 2022 का विधानसभा चुनाव दोनों ही चुनावों में बीएसपी की स्थिति बहुत खराब रही है। बीएसपी ने 2017 में सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज की तो 2022  में सिर्फ 1 सीट पर सिमट कर रह गई। ऐसा ही कुछ हाल बीएसपी का लोकसभा चुनाव और दिल्ली के एमसीडी चुनावों में देखने के लिए मिला। बहरहाल, नगर निकाय चुनावों की तैयारी देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि बीएसपी की कमान मायावती ने फिर संभाल ली है और इसे देखते हुए संभावनाएं जताई जा सकती है कि आने वाले चुनावों में बीएसपी की परफॉर्मेंस में सुधार देखने को मिलेगा।

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