राजस्थान के जालौर में हुई अजमेर जैसी घटना, जातिवादियों से तंग आकर मेघवाल जाति के व्यक्ति ने की आत्महत्या

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राजस्थान में दलित युवक ओम प्रकाश की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि राजस्थान के जालौर से ऐसी ही एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आ गई। जालौर में कुछ जातिवादियों के दबाव से तंग आकर मेघवाल जाति के एक दलित युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक का नाम चुन्नीलाल मेघवाल है। युवक ने प्रशासन से मदद की गुहार लगते हुए एक सुसाइड नोट लिखा है।

सुसाइड नोट में पीड़ित ने लिखा है कि महेश और सुरेश विश्नोई नाम के दो व्यक्ति उसे जान से मारने की धमकी दे रहे थे इसके साथ ही दोनों ने मृत युवक से उसकी जान के बदले में मोटर साइकिल की मांग की थी। पीड़ित ने डर के कारण दोनों को कनक चितवाना एवं होण्डा/ बजाज संचौर से मोटर साइकिल खरीद के भी दी।

लेकिन इसके बाद भी दोनों पीड़ित को तंग करते रहे जिसके बाद जातिवादियों के उत्पीड़न और जुल्म से तंग आकर चुन्नीलाल मेघवाल ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में अपने भाई का जिक्र करते हुए मृतक ने लिखा है कि इस सबमें उसके भाई का कोई दोष नहीं है।

फ़िलहाल चुन्नीलाल ने प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए सुसाइड नोट में लिखा है कि महेश और सुरेश विश्नोई को सजा मिलनी चाहिए। बता दे कि दोनों आरोपी महेश और सुरेश बिश्नोई शिवनाथ पुरा सांचौर के रहने वाले है।

जालौर पुलिस के मुताबिक, घटना की सूचना मिलने पर सीओ सांचौर व थानाधिकारी सांचौर मौके पर पहुंचे। मृतक युवक की डेड बॉडी को CHC सांचौर की मोर्चरी में रखवाया दिया गया है। वहीं परिजनों द्वारा घटना के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।

राजस्थान में दलितो के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़ते ही जा रहे है आपको बता दें कि बीते मंगलवार को अजमेर के नोसल गांव के एक दलित युवक ओम प्रकाश रेगर ने जातिवादियों के अत्याचार से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इस कदम को उठाने से पहले उसने अपने सुसाइड नोट में बताया कि कैसे सिर्फ दलति होने की वजह से उसके परिवार और समाज को जातिवादियों की प्रताड़ना को झेलना पड़ता है। सिस्टम औऱ पुलिस तक उनका साथ नहीं दे रही। अब सवाल ये है कि आखिर कब तक ये सब यूं ही चलता रहेगा कब तक दलितों को न्याय मांगने के लिए फांसी के फंदे पर झूलना पड़ेगा।

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