ऑल इंडिया यूनाटेड डेमोक्रेडिट फ्रंट (AIUDF) के चीफ बदरुद्दीन अजमल अपने तीखें बयानों की वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं।एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा कह डाला है जिसकी वजह से वह चर्चा का विषय बने हुए हैं। क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।
यह भी पढ़ें:बाबा साहेब अंबेडकर ने क्यों कहा था कि “शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वही दहाड़ेगा”
हिजाब ज़रुरी है:
दरअसल मामला हिजाब से जुड़ा है। हिजाब को लेकर ऑल इंडिया यूनाटेड डेमोक्रेडिट फ्रंट (AiUDF) के चीफ बदरुद्दीन अजमल का ऐसा कहना है कि मुस्लिम महिलाएं भले आईएएस हो आईपीएस हो भले डॉक्टर क्यों न हों लेकिन उन्हें हिजाब पहनना चाहिए। उनका ऐसा कहना है कि इस तरह की नौकरी में भी मुस्लिम महिलाएं अपनी पहचान को बरकरार रखें। उन्हें नौकरी करते हुए अपनी मुस्लिम पहचान को अपनाना चाहिए और यह ज़रुरी है।
यह भी पढ़ें:लंबे सफ़र के बाद झारखंड के “बूढ़ा पहाड़” ने ली राहत की सांस…पढ़िए
गरमा सकता है हिजाब का मुद्दा:
डिया टुडे नॉर्थ ईस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, असम के करीमगंज में मंगलवार (23 जनवरी) को एक सभा को संबोधित करते हुए बदरुद्दीन अजमल ने सुझाव दिया कि आईएएस, आईपीएस और मेडिकल फील्ड जैसे प्रतिष्ठित बिजनेस में मुस्लिम महिलाओं का हिजाब पहनना अनिवार्य होना चाहिए। एआईयूडीएफ सुप्रीमों ने तर्क दिया कि इन कामों में महिलाओं के बीच मुस्लिम पहचान के लिए हिजाब को अपनाना जरूरी है। उनके इस बयान से हिजाब का मुद्दा फिर गरमा सकता है।
यह भी पढ़ें:मायावती ने किया कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिये जाने का स्वागत, कहा कांशीराम भी सर्वोच्च सम्मान के हकदार
अजमल का सवाल
:बदरुद्दीन अजमल ने हिजाब को लेकर सवाल किया कि, ‘अगर मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनना या अपने बाल ढंकना नहीं जानतीं तो उन्हें मुस्लिम के रूप में कैसे पहचाना जाएगा?’ अजमल ने इस बात पर जोर दिया कि हिजाब पहनना सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि एक जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘हिजाब जरूरी है. बाल शैतान का धागा है, और मेकअप शैतान का काम है.’ एक मस्जिद और कब्रिस्तान की नींव रखने के लिए बदरुद्दीन अजमल करीमगंज में पहुंचे हुए थे।
यह भी पढ़ें:BJP सांसद को दलित ग्रामीणों ने गांव में घुसने से रोक नहीं करने दिया मंदिर शिलान्यास, लगाया संगीन आरोप
सतर्क रहने की ज़रुरत:
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बदरुद्दीन अजमल ने कोई बयान दिया है। इससे पहले भी बदरुद्दीन अजमल अपने तीखें बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं। 22 जनवरी को हुई राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले भी अजमल ने मुस्लिमों को संबोधित करते हुए कहा था कि वह 20 से 25 जनवरी तक यात्रा न करें और अपने घर पर रहें। उनका कहना था कि , ‘हमें सतर्क रहने की जरूरत है, मुस्लिमों को 20 से 25 जनवरी तक ट्रेन से यात्रा नहीं करनी चाहिए। राम जन्मभूमि में राम की मूर्ति रखी जाएगी, पूरी दुनिया इसका गवाह बनेगी”
यह भी पढ़ें:राम शोभायात्रा के दौरान आजमगढ़ में भिड़े दो समुदाय, भारी हंगामे के बाद पुलिस तैनात
बीजेपी सबसे बड़ी दुश्मन:
अजमल ने यह भी कहा था, ‘लाखों लोग आएंगे. बीजेपी की योजना बड़ी है. इस दौरान हमें ट्रेन से यात्रा नहीं करनी चाहिए और घर पर ही रहना चाहिए.’ उन्होंने आगे कहा था, ‘बीजेपी मुसलमानों की सबसे बड़ी दुश्मन है. बीजेपी हमारी जान, हमारी आस्था, हमारी अजान की दुश्मन है. वे हमारी जान, हमारी शान, मस्जिदों और मुस्लिम महिलाओं की लाज के दुश्मन हैं. हमारे कानून कुरान पर आधारित हैं, लेकिन वे उसमें भी दखलअंदाजी कर रहे हैं।.’
*दलित टाइम्स उन करोड़ो लोगो की आवाज़ है जिन्हें हाशिए पर रखा गया है। *
महिला, दलित और आदिवासियों के मुद्दों पर केंद्रित पत्रकारिता करने और मुख्यधारा की मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए हमें आर्थिक सहयोग करें।