BJP सांसद को दलित ग्रामीणों ने गांव में घुसने से रोका, नहीं करने दिया मंदिर शिलान्यास, लगाया संगीन आरोप

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दलित ग्रामीण आरोप लगाते है, पिछले साल महिषा दशहरा के दौरान प्रताप सिम्हा ने दलित समुदाय और उसके नेताओं के खिलाफ भाजपा MP सिम्हा ने बहुत भद्दी-भद्दी और अपमानजनक बातें की थीं। उनके कहने पर हमारे गांव के कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कभी भी गांव जाने की जहमत नहीं उठाई और न ही कभी हमारी समस्याएं पूछीं….

BJP MP Pratap Simha : आज 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को पूरा देश अपने -अपने तरीके से सेलिब्रेट कर रहा है। आम जनमानस तो राम के नाम पर इस दिन को उत्सव की तरह मना रही है, मगर भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोग राजनीति का गेम भी राम की आड़ में खूब खेल रहे हैं। कांग्रेस शासित कर्नाटक में भी राम के नाम की खूब लहर है, इसलिए एक मंदिर में वहां भी राम मंदिर का शिलान्यास था। चूंकि इसी गांव के पत्थर से अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गयी है, वह बनायी गयी है, इसलिए यहां भी इस अवसर पर मंदिर शिलान्यास का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा भी पहुंचे थे।

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले ग्रामीणों ने ‘दलित विरोधी’ कहकर प्रताप सिम्हा को गांव में नहीं घुसने दिया और वहां से भगा दिया। कर्नाटक के ग्रामीणों ने मंदिर अनुष्ठान से बीजेपी सांसद प्रताप सिन्हा को यह आरोप लगाते हुए भगा दिया कि वह लोकसभा चुनाव से पहले अपने फायदे के लिए वहां आये हैं, जबकि पहले कभी उनका हाल जानने की जहमत नहीं उठाते, उल्टा दलित विरोधी कृत्यों में शामिल रहते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा को घेरे हुए ग्रामीण दिखायी दे रहे हैं। मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक प्रताप सिम्हा के साथ मौजूद लोगों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, मगर वह सांसद को अपने इलाके में न घुसने देने की मांग पर अडिग रहे और वहां से उन्हें भगाकर ही चैन की सांस ली। जब भाजपा प्रताप सिम्हा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन कर्नाटक के इस खास गांव में मंदिर उद्घाटन नहीं कर पाये तो उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के कुछ लोगों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उन्हें कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले गुज्जेगौदानापुरा गांव में राम के मंदिर का शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था। कर्नाटक के मैसूर जिले के हारोहल्ली पंचायत में आने वाले इस गांव के ही पत्थर से ही अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित हुई ‘राम लला’ की मूर्ति जिसे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है और गर्भगृह में स्थापित किया गया है, इसलिए यहां मंदिर उद्घाटन करने का विशेष महत्व माना जा रहा था।

जानकारी के मुताबिक जिस पत्थर से अयोध्या के राम मंदिर के गृभगृह में रामलला की मूर्ति बनायी गयी है, वह एक दलित किसान रामदास की जमीन से आया था। इतना ही नहीं रामदास ने गांव में राम मंदिर बनाने के लिए अपनी जमीन भी दान की है और 22 जनवरी को इसी मंदिर का शिलान्यास समारोह आयोजित किया गया था। इस मंदिर का उद्घाटन करने के लिए गांव वालों के साथ पूर्व मंत्री एसआर महेश और स्थानीय विधायक जीटी देवेगौड़ा समेत निर्वाचित प्रतिनिधि पहुंचे थे, मगर गुस्साये ग्रामीणों ने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा को मंदिर उद्घाटन नहीं करने दिया और मौके से भगा दिया।

मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक दलित ग्रामीणों द्वारा भाजपा सांसद को भगाये जाने को सही ठहराते हुए पूर्व तालुक पंचायत सदस्य सुरेश कहते हैं, ‘प्रताप सिम्हा ने 10 सालों में कभी गांव का दौरा नहीं किया। अब राजनीतिक कारणों से वो आए। भाजपा विधायक सहित अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि यहां आए और कार्यक्रम में शामिल हुए, लेकिन प्रताप सिम्हा ने कभी हमारी बात सुनने की जहमत नहीं उठाई। हम नहीं चाहते कि वो यहां आएं।’

एक अन्य ग्रामीण स्वामी हारोहल्ली कहते हैं, गांव के लोग सांसद से नाखुश हैं। पिछले साल महिषा दशहरा के दौरान प्रताप सिम्हा ने दलित समुदाय और उसके नेताओं के खिलाफ बहुत भद्दी-भद्दी और अपमानजनक बातें की थीं। उनके कहने पर हमारे गांव के कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कभी भी गांव जाने की जहमत नहीं उठाई और न ही कभी हमारी समस्याएं पूछीं, लेकिन अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वो अचानक राजनीतिक लाभ लेने के लिए मंदिर उद्घाटन करने पहुंच गये, जिसका हम सभी ग्रामीण विरोध करते हैं।

ग्रामीणों द्वारा भगाये जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा बोले, किसान रामदास और उनके बेटे ने उन्हें बुलाया था, लेकिन कांग्रेस के चार लोग आकर ड्रामा करने लगे। कांग्रेस के लोगों ने मुझे कार्यक्रम में जाने से रोका, ये सब पॉलिटिक्स के लिए किया गया।

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