उत्तर प्रदेश: कौशाम्बी में सवर्ण महेंद्र ने दलित छात्रा से की छेड़छाड़, छात्रा ने सीएम योगी से मांगी मदद

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तुम्हारी औकात क्या है ? तुम मुझे ऐसे कह रही हो?
ये शब्द है, उत्तरप्रदेश के कौशाम्बी में रहने वाले जातिवादी महेंद्र प्रताप सिंह के जो पहले तो लड़की के साथ छेड़खानी करता है और जब लड़की विरोध करती है तो उसे जाति सूचक गालियां देने लगता है.
छात्रा का कसूर सिर्फ इतना था कि वह दलित होने के वावजूद भी महेंद्र का विरोध करती है. ये भेदभाव सिर्फ यही खत्म नहीं होता बल्कि दलित छात्रा जब पुलिस से मदद की गुहार लगाती है तो पुलिस आरोपी को थाने बुलाकर छोड़ देती है और पीड़िता की शिकायत को जबरन बदलवा देती है.

आखिर ये कैसा न्याय है ?
आपको बता दें कि पूरा मामला बीते सोमवार यानी 12 दिसम्बर का है. जब अंधवा निवासी एक दलित छात्रा सोनम देवी अपनी बुआ को लेकर अस्पताल जा रही थी. तभी सवर्ण जाति का महेंद्र प्रताप उस पर बाइक चढाने की कोशिश करता है, सोनम द्वारा विरोध किए जाने पर जातिवादी महेंद्र प्रताप ने कहा कि “तुम्हारी इतनी औकात हो गयी कि तुम मुझे ऐसे बोल रही हो?”

 

जैसे-तैसे सोनम अपनी जान बचाकर वहां से निकली तो जातिवादी महेंद्र प्रताप उसे धमकाने उसके घर तक आ पंहुचा. साथ ही परिवार वालों को जान से मारने की धमकियां देने लगा. इससे तंग आकर जब दलित छात्रा पुलिस के पास मदद के लिए पहुंची तो पुलिस ने जातिवादियों का पक्ष लेते हुए दलित छात्रा को चुप करा दिया और इतना ही नहीं उसके द्वारा दर्ज की गयी शिकायत को फाड़ कर जबरन मारपीट की शिकायत दर्ज करने को कहा. जिसके बाद पुलिस आरोपी को थाने ले गयी और कुछ समय बाद छोड़ दिया.

 

उसके बाद से ही जातिवादी महेंद्र प्रताप 12वीं की दलित छात्रा को लगातार धमकी दे रहा है, जातिसूचक गालियां दे रहा है, और इतना ही नहीं उसे आते-जाते छेड़ रहा है. इन सब से दलित छात्रा काफी डर चुकी है क्योंकी डर के कारण न वह अपना जीवन जी पा रही है, न ही स्कूल जा कर पढ़ाई कर पा रही है.

न्याय की उम्मीद हारी सोनम ने अब विडिओ ट्वीट कर इंसाफ की मांग की है. CM योगी से मदद की गुहार लगते हुए कहती है कि “इंसाफ न मिलने के जिम्मेदार आप सब लोग होंगे.”
आपको बता दे कि दलित छात्रा का विडिओ वायरल होने के बाद इस पुरे मामले पर कौसाम्बी पुलिस का बयान भी सामने आया, जिसमे वह दलित छात्रा के आरोपों से बचते नज़र आ रहे है. वह कहते है कि आरोपी को शिकायत के बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था और अब नए आरोपों के आधार पर जो धाराए होंगी उन्हें बदल दिया जायेगा. जबकि दलित छात्रा साफ तौर पर कह रही है कि मेरी शिकायत को पुलिस द्वारा फाड़ दिया गया था और जो शिकायत दर्ज है वो पुलिस ने जबरन लिखवाई थी. साथ ही आरोपी अब भी खुला घूम रहा है और लगातार परेशान कर रहा है

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