तेलंगाना : स्कूल के क्लासरूम में फंदे से लटका मिला दलित लड़की का शव, प्रिंसिपल पर प्रताड़ित करने के आरोप

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तेलंगाना : नागकुरनूल के एक सरकारी आवासीय विद्यालय में 13 साल की दलित लड़की निकिता ने अपने क्लासरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना बीते सोमवार 6 मार्च की है जब स्कूल प्रबंधन को निकिता का शव क्लासरूम में फांसी के फंदे पर लटका मिला। निकिता की आत्महत्या को लेकर उसके माता पिता ने स्कूल प्रबंधन पर निकिता को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। वहीं स्कूल प्रबंधन की माने तो निकिता अपने साथियों के साथ हो रही गलतफहमियों को लेकर परेशान थी।

अंग्रेज़ी वेबसाइट the news minute की रिपोर्ट के मुताबिक समाचार वेबसाइट TNM से बात करते हुए अमराबाद पुलिस ने कहा कि “दलित छात्रा की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। वहीं दूसरी और पीड़ित परिवार ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि स्कूल की आचार्य और कर्मचारियों द्वारा निकिता को प्रताड़ित किया जाता था। जिससे परेशान होकर दलित छात्रा ने क्लासरूम में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

मामले पर बहुजन समाज पार्टी के अचमपेट विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी श्रीनिवासलू ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए टीएनएम को बताया कि निकिता की मौत सोमवार दोपहर 2 बजे हो गई थी, लेकिन स्कूल प्रशासन द्वारा माता-पिता को मामले की सूचना शाम करीब 7 बजे दी गई। शाम को ही शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। श्रीनिवासलू ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, घटना के बाद कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे उन लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

 

गुरुवार 9 मार्च को दलित कॉंग्रेस नाम के ट्विटर हैंडल ने एक तस्वीर शेयर करते हुए जानकारी दी कि “तेलंगाना के नागकुरनूल में 13 साल की दलित छात्रा निकिता ने अपने ही क्लास रूम में आत्महत्या कर ली। माता-पिता का आरोप है कि निकिता को स्कूल के आचार्य और कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ित किया जाता था। दीन व दिन बहुजन छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय है।”

बता दें कि बीते गत 20 दिनों के भीतर ये दलित छात्र द्वारा आत्महत्या का दूसरा बड़ा मामला है जिसमें स्कूल प्रबंधन पर और उसके मैनेजमेंट पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले IIT bombay में बीटेक की पढ़ाई कर रहे दलित छात्र दर्शन सोलंकी ने भी अपने हॉस्टेल की 7वी मंज़िल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। हाल फ़िलहाल में IIT bombay में गठित जांच समिति द्वारा दर्शन की मौत पर एक जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी। जिसमें लिखा है कि दर्शन पढ़ाई में कमज़ोर था, एक पेपर में फेल भी हुआ था और पढ़ाई के बढ़ते बोझ की वजह से दर्शन ने आत्महत्या की थी। इस जांच में दर्शन सोलंकी के साथ जातिगत भेदभाव होने जैसी कोई बात नहीं कि गयी है। हालांकि ये जांच सवाल के घेरे में हैं।

मालूम हो कि हाल ही में एक इवेंट में देश के CJI DY चंद्रचूड़ ने शैक्षणिक संस्थानों में दलित छात्रों की आत्महत्याओं पर चिंता जताई थी। लेकिन सवाल फिर से वहीं है कि लगातार हो रही दलित छात्रों की मौत का असल कारण क्या है..?

 

 

 

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