अपने उच्चाधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले कानपुर कमिश्नरेट के दलित दारोगा को ही पुलिस कमिश्नर ने कर दिया लाइनहाजिर

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दलित दारोगा आत्माराम वीडियो में साफ कहते नजर आ रहे हैं कि वह अपने उच्चाधिकारियों के उत्पीड़न के खिलाफ लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है, बावजूद इसके उन्हीं को लाइनहाजिर करने से पुलिस अधिकारी एक बार फिर कटघरे में खड़े हैं और जातिवाद पर सवाल उठना शुरू हो चुका है…

Kanpur news : कल सोशल मीडिया पर एक कानपुर के एक दलित दारोगा आत्माराम का एक वीडियो आया था जिसमें उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों पर जातिगत गालियां देते हुए उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। दलित टाइम्स ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद अन्य मीडिया संस्थानों ने भी इस बात को उठाया। अब दलित दारोगा की बात सुनने के बजाय पुलिस कमिश्नर ने उच्चाधिकारियों पर तो कार्रवाई नहीं की, उल्टा आत्माराम को ही लाइनहाजिर होने का आदेश जारी कर दिया।

गौरतलब है कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के फीलखाना थाने में तैनात दलित दरोगा आत्माराम वर्मा ने वीडियो जारी करते हुए अपने उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा था कि, उनके उच्च आधिकारी उन्हें मां-बीबी की गंदी गालियों के साथ जातिसूचक गालियां देते हैं। बाकायदा अपने अधिकारियों का नाम भी उन्होंने वीडियो में सार्वजनिक किया था। कहा था कि शिकायत करने पर अब झूठे मामले में जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही है।

आत्माराम का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने दरोगा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही दरोगा की ओर से लगाए गए आरोप की जांच के लिए एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह को मामले की जांच सौंप दी गयी है, जबकि दूसरी तरफ आत्माराम अपने वीडियो में साफ कहते नजर आ रहे हैं कि वह अपने उच्चाधिकारियों के उत्पीड़न के खिलाफ लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

दलित दरोगा आत्माराम वर्मा ने 2.05 मिनट का अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वीडियो में दरोगा कहते नजर आ रहे हैं कि, मेरे साथ अन्याय हो रहा है। थाने में तैनात एसआई अरुण कुमार सिंह, संतोष यादव, कांस्टेबल सुमित बादल मुझे परेशान कर रहे हैं। जातिसूचक गालियां दी जा रही हैं। यह एक माह पहले की घटना है। एसके सिंह इंस्पेक्टर को मैंने इस बारे में बताया और एसीपी अर्चना सिंह से भी बात की, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। कार्रवाई करने की बजाए एसीपी अर्चना सिंह ने थाने पर सबको इकट्ठा करके डांट-फटकार कर मामले का निपटारा करना चाहा। इसके बाद मुझे कांस्टेबल और संतोष ने मुझे मां-बहन की गालियां दीं। अरुण कुमार सिंह ने धमकी दी कि ऐसे गाली खाते रहोगे, चुपचाप कमरा खाली कर दो।

वीडियो में दलित दरोगा आत्माराम आरोप लगा रहे हैं कि उनकी रात में ड्यूटी लगाई जाती है। मात्र एक दो घंटे के लिए आराम करता हूं। मैं कोरी जाति का हूं इसलिए इंस्पेक्टर रविन्द्र प्रताप सिंह मुझे परेशान कर रहे हैं। कह रहे हैं खाली कर दो कमरा, नहीं तो तुम्हें जेल भेज दूंगा।

दूसरी तरफ इस मामले में डीसीपी श्रवण कुमार सिंह का कहना है कि दरोगा आत्माराम खुद बहुत लड़ाका किस्म का है। उसने चौकी में एक कमरे में जबरन कब्जा कर रखा है। दरोगा के आरोप की जांच की जा रही है। जांच के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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