जौनपुर में रविदास की मूर्ति तोड़े जाने के बाद मचा बवाल, दलितों ने लगाये गंभीर आरोप, दर्जनों पर FIR के बाद कई गिरफ्तारियां

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Jaunpur news : आज 24 फरवरी को दलित गौरव संत शिरोमणि रैदास का जन्मदिवस है और इसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इसी आयोजन में अब यूपी के जौनपुर स्थित खेतासराय में उस समय बवाल मच गया, जब रविदास की मूर्ति को खंडित कर दिया गया है। दलित पक्ष का आरोप है कि भाजपाई दबंगों ने रविदास की मूर्ति को खंडित किया। आरोप है कि इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो गुस्साये दलित समाज के लोगों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया।हालांकि दलित पक्ष ने पुलिस पर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है।

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पुलिस पर पथराव :

दरअसल यह मामला उत्तरप्रदेश के जौनपुर जनपद के खेतासराय थाना क्षेत्र का है, जहां पर रविदास की प्रतिमा की स्थापना का लोगों ने विरोध किया। जब पुलिस को इस घटना की जानकारी मिली तो मौके पर पहुंची पुलिस पर लोगों ने पथराव कर दिया। जब पुलिस टीम पर पथराव की जानकारी मिलने पर भारी संख्या में पुलिस बल वहां पर पहुंच गया।

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इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि खेतासराय थाना क्षेत्र के सरवरपुर वार्ड में एक स्थान पर बस्ती के लोगों द्वारा संत रविदास की तस्वीर को लगाकर हर वर्ष जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया जाता था। उसी स्थान पर बस्ती के लोगों द्वारा तस्वीर हटाकर प्रतिमा लगा दी गई। प्रतिमा लगाए जाने की जानकारी मिलते ही कस्बे में रहने वाले एक समाजसेवी द्वारा आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत पुलिस से की गई। शिकायत के बाद शाम को राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कागजात के आधार पर जांच पड़ताल शुरू की।

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प्रतिमा हटाने पर बवाल :

जानकारी के मुताबिक जिस स्थान पर रविदास की प्रतिमा लगानी थी वह स्थान दस्तावेजों में खेलकूद का मैदान दर्ज है। ऐसे में राजस्व टीम ने प्रतिमा को वहां से हटा दिया था । इस बात को लेकर अनुसूचित जाति (SC) के लोग नाराज़ हो गए और लोग हंगामा करने लगे। जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तो मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को काबू में करने का प्रयास किया तो लोगों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। पुलिस टीम पर पथराव किए जाने की जानकारी मिलने के बाद सर्कल के शाहगंज और खुटहन सहित अन्य थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची।
पुलिस के पहुंचने के बाद पथराव कर रहे लोग वहां से फरार हो गए फिलहाल इस मामले में पुलिस द्वारा 26 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए सुभाषराम, राम मिलन, मनोज, पिंटू, सुशीला, सुनीता पत्नी संजय, सुनीता पत्नी सुनील, अनारा निवासी सरवरपुर वार्ड खेतासराय को गिरफ्तार किया है। बस्ती के कुछ लोग अपना घर छोड़कर फरार हो गए हैं।

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थाना अध्यक्ष का बयान :

इस बारे में थाना अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह द्वारा मीडिया को बताया गया कि “बस्ती के रहने वाले लोग अस्थाई मंदिर बनाकर संत रविदास की तस्वीर रखकर पूजा करते थे लेकिन इस वर्ष लोगों ने वहां पर प्रतिमा लगा दिया। इसको लेकर एक समाजसेवी द्वारा आपत्ति जताई गई थी। दोनों पक्षों के बीच वार्तालाप किया गया लेकिन बात नहीं बनी। वही बस्ती के लोगों का आरोप है कि पुलिस द्वारा बस्ती में घुसकर बेकसूरों की बेरहमी पूर्वक पिटाई की गई। इस दौरान कई वाहनों को भी पुलिसकर्मियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया तथा कई घरों के दरवाजा भी तोड़ डाले।

दैनिक भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक विधवा महिला चन्द्रा, साक्षी 14 वर्ष, हरक 65, संजना 19 तथा महिमा 18 वर्ष ने बताया कि पुलिस ने हम लोगों की बेरहमी से पिटाई की है, घर के दरवाजों को भी तोड़ दिया है। पुलिस ने उनकी एक नही सुनी। अर्धविक्षिप्त विजेंद्र को भी पुलिस ने लाठी से पिटाई कर दी। टीम आगे बढ़ी तो एक अन्य महिला सुनीता ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति चन्द्रेसन रिक्शा चलाते है। दरवाज़े पर कोई पुरुष नही मिला तो खड़े वाहन का शीशा चकनाचूर कर दिया । इसी तरह देवी ने भी पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि मुख्य दरवाजे को तोड़ दिया। मुहल्ले के तीन बाइकों को पुलिस ने लाठी से चोट पहुँचाकर क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि थाना अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह ने ऐसी किसी बात से इनकार किया गया है”।

इसके अलावा दलित समाज ने भाजपाइयों पर भी रविदास मूर्ति  तोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है और दलित समाज के युवाओं का यह भी कहना है कि “आज दब गये तो बाबा साहेब के सपनों पर पानी फिर जायेगा”। इसका वीडियों सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

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