जो लोग अपनी मूछों पर ताव देकर बड़े आसानी से कह देते हैं कि देश में अब जातिवाद कहाँ है ? उन सभी के मुँह पर देश भर के कोने कोने से दलित छात्रों के साथ हो रहा भेदभाव और उत्पीड़न तमाचा है। यह बात हम इसलिए कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया। जहाँ ऊंची जाति के टीचर ने दलित छात्र को इस हद तक पीटा की उसके आंखों में गंभीर चोट आ गयी और उसकी आंख की झिल्ली खराब हो गयी।
पैर छूने से मना किया था :
घटना गोरखपुर के उरुवा के मुरारपुर में जूनियर हाईस्कूल की है। जहाँ कक्षा 8वीं के छात्र मनीष के साथ उसके टीचर रविशंकर पांडेय ने मामूली सी बात पर दलित छात्र को बेरहमी से पीटा। दलित छात्र के पिता की शिकायत के मुताबिक घटना 27 मार्च की है। इंटरवल के समय स्कूल में गणित के अध्यापक रवि शंकर पांडेय आए। वह जबरन दलित छात्र को पैर छूने के लिए कहने लगे। खेलने के कारण बच्चे ने पैर नहीं छूआ तो उसे पकड़कर लात, घूसों से पीटा। इसके बाद उठाकर पटक दिया। जिससे उसकी आंख और पीठ में चोट लगी। आरोप है कि आंख के भीतर की झिल्ली खराब हो गई है। चोट लगने से रोने पर अपशब्द कहते हुए चुप रहने को कहा।
जातिसूचक शब्दों से किया अपमानित :
जानकारी के मुताबिक दलित छात्र के साथ मारपीट करने के बाद जब छात्र रोने लगा तो टीचर रविशंकर पांडेय ने उसे जातिसूचक शब्द कहकर चुप रहने के लिए कहा। इतना ही नहीं टीचर ने दलित छात्र को धमकी भी दी कि, अगर वह चुप नहीं हुआ और इस सबके बारे में किसी को बताया तो वह दलित छात्र का नाम स्कूल से काट देंगे। जिसके बाद दलित छात्र ने सारी घटना अपने पिता को बताई और पिता ने पुलिस ने मामला दर्ज करवाया।
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दलित उत्पीड़न में मामला दर्ज :
घटना के संबंध में पीड़ित दलित छात्र मनीष के पिता अकलजीत ने उरुवा पुलिस में मामले दर्ज करवाया है। पुलिस ने आरोपी रविशंकर पांडे के खिलाफ Sc,St एक्ट में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक तहरीर के आधार पर पुलिस जांच कर रही है। साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पर कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल बताते चलें कि ऐसा ही एक मामला राजस्थान के अलवर से सामने आया है। जहाँ सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 8 साल के दलित छात्र के साथ महज़ पानी की बाल्टी छूने पर ऊंची जाति के एक आदमी ने उसे बेरहमी से पीट है। फिलहाल मामले में एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया गया है।
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